आज से केजरीवाल सरकार डोर स्टेप डिलीवरी का पहला फेज शुरू कर रही है. पहले फेज में 40 सरकारी सेवाओं की होम डिलीवरी की जाएगी. इसके लिए 50 रुपये का चार्ज भी वसूला जाएगा.
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि राशन घर-घर पहुंचाने का आइडिया गोपाल मोहन ने दिया है. सोमवार को ट्विटर पर कई लोग गोपाल मोहन और आम आदमी पार्टी की सरकार की डोर स्टेप डिलीवरी शुरू करने के लिए तारीफ कर रहे हैं
इस सेवा की संकल्पना तैयार करने से लेकर इसे लागू करने तक गोपाल मोहन ने ही इसकी कमान संभाली है. आम आदमी पार्टी के अधिकारिक ट्विटर हैंडल से इसकी जानकारी दी गई है. इसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के हवाले से लिखा गया है, ''डोर स्टेप डिलीवरी की सेवा का आइडिया गोपाल मोहन ने दिया. वो मेरे टेक्निकल एडवायजर हैं. ये आइडिया उन्होंने ही दिया है.''
दिल्ली सरकार ने सोमवार को 40 सार्वजनिक सेवाओं की 'डोर स्टेप डिलीवरी' शुरू कर दी. सेवा शुरू होने के कुछ घंटों में ही हॉटलाइन नंबर 1076 पर कॉल की भरमार हो गई. राजधानी में रहने वाले लोगों से इसे अच्छी प्रतिक्रिया मिली| सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, दोपहर डेढ़ बजे तक 1,200 कॉल आ चुकी थी
और 200 ऑर्डर मिल चुके थे. शाम छह बजे तक 2,728 फोन आ चुके थे, जिनमें 1,286 कॉल सीधे जुड़ गई और बाकी पर ऑपरेटर ने वापस कॉल किया.
दिल्ली सरकार ने एक बयान में कहा कि दिल्ली सचिवालय में सेवा का शुभारंभ करने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अगले कुछ दिनों तक घंटों की दर में सेवा पर नजर रखेंगे.
केजरीवाल सरकार का दावा है कि डोर स्टेप डिलीवरी ऑफ सर्विसेस के पहले दिन सोमवार को कुल 21,000 बार कॉल करने की कोशिशें की गईं, लेकिन हाई ट्रैफिक की वजह से कॉल्स नहीं लग पाईं. ऑपरेटर इन सभी नंबरों पर वापस कॉल करेंगे." लिए गए कुल ऑर्डर्स में से सात मामलों में दस्तावेज इकट्ठे भी कर लिए गए हैं.
राज्य सरकार के मुताबिक, डोर स्टेप डिलीवरी ऑफ सर्विसेस के लिए एक कॉल सेंटर बनाया गया है। इसमें 369 कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है। लॉन्चिंग के पहले दिन लोगों ने भारी तादाद में फोन किए। इस वजह कई कॉल कनेक्ट नहीं हो पाए।
सरकार ने बताया कि शाम 6 बजे तक 2,728 कॉल कनेक्ट हुए। इनमें से 1286 कॉल के जवाब दिए गए। बाकी बचे कॉल को वेटिंग पर रखा गया है। इन्हें कॉल बैक किया जाएगा। सरकार ने बताया कि टीम के सदस्यों को अलग-अलग डिपार्टमेंट तय किए हैं। कॉल सेंटर का हर सदस्य दिल्ली के 7 जिलों से दस्तावेज एकत्रित करेगा और फिर लोगों की जरूरत के मुताबिक उन्हें तय वक्त में उनके घर तक पहुंचाया। योजना के तहत 1076 पर कॉल करके मोबाइल सहायक को बुलाना होगा।
हालांकि पहले दिन आई कॉलों की संख्या की तुलना में अन्य दिनों में कम कॉलें आएंगी, क्योंकि कई कॉलरों ने सिर्फ उत्साह में या इस बात की पुष्टि करने के लिए कॉल किया था कि सेवा शुरू हो चुकी है या नहीं.
योजना की लॉन्चिंग के वक्त मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि अब दिल्ली के लोगों को पब्लिक सर्विसेज के लिए दलालों के चक्कर में नहीं पड़ना होगा। सरकारी दफ्तर के चक्कर लगाने का समय बचेगा और भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी।
भाजपा ने आप सरकार की डोर स्टेप डिलीवरी ऑफ सर्विसेस को फेल बताया है। भाजपा के दिल्ली प्रभारी मनोज तिवारी ने कहा कि यह योजना पहले दिन ही नाकाम रही। कॉल सेंटर पर नंबर ही नहीं लग रहा था।
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