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बजरी के अवैध ट्रकों के इलाकों में पैसे देकर निकाले जाने को लेकर जयपुर कमिश्नर संजय अग्रवाल ने जांच के आदेश दिए, अवैध बजरी के ट्रकों को पुलिस की सह पर जाने देने की खबर के प्रकाशित होने के बाद कमिश्नर ने यह जांच पुलिस उपायुक्त अपराध को सौंपी थीं, जिसमें तीनो थाना प्रभारियों को तुरंत प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया गया है।
राजधानी में पिछले कुछ दिनों से अवैध बजरी के ट्रक पुलिस की मिली भगत कर इलाके से निकाले जा रहे थे, राजस्थान में अवैध बजरी पर रोक लगने के बावजूद अवैध बजरी का कारोबार धड़ल्ले पर है, जयपुर में अवैध बजरी से भरे ट्रक हरमाड़ा इलाके के जयपुर-सीकर हाइवे 52 पर रोजाना गुजरते है।
पुलिस प्रशासन और प्रशासनिक अधिकारियों के मिलीभगत से खनन माफिया अवैध बजरी का जमकर परिवहन कर रहे है, हरमाड़ा पुलिस ने शनिवार को लोगों की सूचना पर बजरी से भरे दो अवैध ट्रक को जप्त किया है, आये दिन हाईवे से दर्जनों ट्रक गुजरते रहते है लेकिन पुलिस कोई कारवाई नहीं करती है।
बजरी खनन पर सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद जयपुर शहर में रोज एक हजार से ज्यादा बजरी ट्रक आने और पुलिसकर्मियों के घूस लेकर इन्हें प्रवेश देने के खुलासे के बाद कार्रवाई हुई, पुलिस विभाग ने एक साथ 21 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया, तीन थानेदारों को थानों से हटाकर लाइन में भेज दिया।
कमिश्नर संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में आला अफसरों की लंबी बैठक हुई, इसमें 17 अक्टूबर की रात ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मियों की सूची बनाई गई, इसके बाद सस्पेंड करने के आदेश जारी हुए, ये पुलिसकर्मी शिवदासपुरा, सांगानेर सदर, श्यामनगर थाना सहित पुलिस लाइन और ट्रैफिक पुलिस के हैं, इनमें से कई ने एक हजार तो कई ने 2 हजार रुपए लेकर बजरी के ट्रकों को शहर में प्रवेश दिया था।
सांगानेर सदर के इंचार्ज मोहम्मद इस्लाम ने कहा-पैसे लेने में किसका रोल रहा, मुझे पता नहीं है, मैं मौके पर नहीं था, पैसे लेने वालों की भूमिका की जांच होनी चाहिए, मुझसे संबंधित पैसे लेने की बात हो तो मेरी भी जांच होनी चाहिए, मैंने तो अभी ज्वाइन किया है।
श्यामनगर और शिवदासपुरा थाने के एसएचओ ने भी पैसों की वसूली में शामिल होने से इनकार किया, उन्होंने कहा कि अगर वे पैसे लेने में शामिल हैं तो जांच करा ली जाए।
बजरी माफियाओं और ट्रक ड्राइवरों की मानें तो हर दिन जयपुर व टोंक पुलिस में अवैध बजरी खनन के लिए 30 लाख रुपए बंटते हैं, अवैध बजरी खनन करने वालों के अनुसार वे माइंस विभाग को भी हर महीने लाखों रुपए की बंधी देते हैं।
सुप्रीम कोर्ट की रोक से पहले 25 टन बजरी का ट्रक करीब 20 हजार रुपए में मिलता था, अब अवैध खनन और बंधी की वजह से 45 हजार रु. तक बिक रहा है, अकेली मासी नदी में अवैध बजरी खनन का काम 100 ठेकेदार कर रहे हैं, इन्होंने खेत किराए पर लिए हुए हैं, दिन में वहां बजरी एकत्रित करते हैं।
डीसीपी हैड क्वार्टर तेजस्वनी गौतम के अनुसार ये पुलिसकर्मी सस्पेंड हुए।
थाना शिवदासपुरा : रामविलास, कांस्टेबल रामराय, कमल कुमार, चंद्रपाल
थाना सांगानेर सदर : एएसआई लीलाराम, रवींद्र और संदीप।
पुलिस लाइन : रामचरण, कमलेश, राकेश, रामचंद्र, हंसराज और निहाल सिंह।
ट्रैफिक पुलिस : भौंरीलाल, अमर सिंह, होशियार सिंह, गोपी चंद्र व महेंद्र।
थाना श्यामनगर : राजेंद्र,भगवान व शिवसिंह।
श्यामनगर थाने के एसएचओ रघुवीर सिंह।
सांगानेर सदर के मोहम्मद इस्लाम।
शिवदासपुरा के एसएचओ जितेंद्र सिंह को लाइन हाजिर किया गया है।
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