सांई बाबा एक योगी और फकीर थे, उन्हें संत कहा जाता है, उनके असली नाम, जन्म, पता और माता पिता के सन्दर्भ में कोई सूचना उपलब्ध नहीं है, सांई शब्द उन्हें भारत के पश्चिमी भाग में स्थित प्रांत महाराष्ट्र के शिर्डी नामक कस्बे में पहुंचने के बाद मिला।
शिर्डी सांई बाबा मंदिर भी यहीं बना हुआ है, सांई बाबा मंदिर भारत के अमीर मंदिरों में से एक माना जाता है, इस मंदिर की संपत्ति और आय दोनों ही करोड़ों में है, मंदिर के पास साईं के खजाने में 400 किलो सोना, साढ़े चार हज़ार किलो चांदी और 2 हज़ार करोड़ का फिक्स्ड डिपॉजिट है।
साईं बाबा की समाधि के 100 साल पूरे होने पर शिरडी में भक्तों की खूब भीड़ जुटी, शताब्दी समारोह के मौके पर साईं के भक्तों ने दिल खोलकर खूब चढ़ावा चढ़ाया, इस चढ़ावे की राशि इतनी अधिक है कि इसने एक नया रिकॉर्ड कायम कर दिया है, शताब्दी समारोह के दौरान साईं के मंदिर में इतना चढ़ावा आया कि मंदिर का पूरा स्टाफ दान में आई राशि को गिनते-गिनते थक गया, यह समारोह 17 से 19 अक्टूबर तक चला था, ताजे आंकड़े के अनुसार साईं भक्तों ने महज 4 दिनों में करीब 6 करोड़ का दान किया।
यह पहला मौका नहीं है जब श्रद्धालुओं ने साईं के दरबार में दिल खोल कर भेंट दी हो, 19 अक्टूबर को नरेंद्र मोदी भी यहां पहुंचे थे, शिरडी में हर साल करोड़ों की तादाद में साईं भक्त दर्शन करने आते हैं, इस दौरान श्रद्धालु दान स्वरुप रुपये, सोना, चांदी और जैसी कई बहुमूल्य चीजों का खूब दान करते हैं, माना जाता है कि पहले बाबा शिरडी आए थे और 1918 तक वो यहीं रहे थे, 15 अक्टूबर 1918 को बाबा ने शिरडी में समाधि ली थी।
आकड़ों की बात करें तो पिछले साल 22 दिसंबर से 25 दिसंबर के मौके पर साईं बाबा दरबार में साढ़े 5 करोड़ रुपए का दान दिया गया, बता दें, ये पांच करोड़ रुपये दान सिर्फ 4 दिनों में आए थे, वहीं हर रोज शिरडी के साईं बाबा को करीब डेढ़ करोड़ रुपये से ज्यादा दान के रूप में मिलते हैं, जबकि इसी साल (2018) में शिरडी के साईं बाबा मंदिर को तीन दिन तक चले गुरु पूर्णिमा महोत्सव के दौरान 6.66 करोड़ रुपये का दान मिला था, जिसमें 438.650 ग्राम सोना और 9353 ग्राम चांदी शामिल था, ये समाधि शताब्दी समारोह 17 से 19 अक्टूबर तक चला था।
नए साल पर भी साईं के भक्तों की भीड़ होने की उम्मीद है, ट्रस्ट ने रात भर मंदिर खोले रखने का फैसला लिया है, भीड़ बहुत हुई तो पेड पास बंद कर दिए जाएंगे, अपंग और सीनियर सिटीज़न्स के लिए विशेष व्यवस्था भी की जानी है, उस दौरान चढ़ावे का कोई नया रिकॉर्ड बन जाए तो कोई अचंभा नहीं।
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