सीमावर्ती औद्योगिक क्षेत्र भिवाड़ी से आने वाले दूषित पानी की समस्या को लेकर मंगलवार को रेवाड़ी एसडीएम जितेंद्र कुमार ने राजस्थान के अधिकारियों के साथा बैठक की। बैठक में उन्होंने कहा कि इस दूषित पानी के कारण भूमिगत जल दूषित हो रहा है वहीं रेवाडी से जाने वाले सोहना पलवल के लोगों को भी परेशानी हो रही है। धारूहेड़ा व आस-पास के गांवों में भी दूषित पानी एकत्रित हो रहा है।
एसडीएम ने कहा कि राजस्थान से धारूहेड़ा की ओर आने वाला दूषित पानी बंद नहीं हुआ तो वे बांध सीमा पर बांध बना कर इस पानी को रोक देंगे। बैठक के उपरांत उन्होंने भिवाड़ी में बनाए जा रही सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का निरीक्षण भी किया।
एसटीपी से केवल घरेलू दूषित पानी की समस्या का निदान होगा, लेकिन फैक्ट्रियों आने वाले दूषित पानी के लिए उपाय अभी नहीं हो पा रहे है। बारिश के दिनों में दोनों राज्यों का संपर्क ही टूट जाता है। राजस्थान के अधिकारियों ने बताया कि एनजीटी के आदेश के बाद भिवाड़ी में एसटीपी बन रहे हैं तथा एक एसटीपी बन चुका है। चार पर काम चल रहा है तथा एक पर स्टे है। उन्होंने कहा कि फैक्ट्रियों से आने वाले दूषित पानी को सीईटीपी तक लाने के लिए पाइप लाइन स्वीकृत है। इसका काम शुरू होते ही समस्या का निदान हो जाएगा। इस पर एसडीएम ने कहा कि वह उपाय जब होगा तब होगा। लेकिन वर्तमान में इस समस्या से जूझने के उपाय होने चाहिए।
राजस्थान के प्रदूषण मंडल के अधिकारियों ने रेवाड़ी एसडीएम को सीईटीपी के पानी को ट्रीट कर साहबी नदी में छोड़ने की बात कही। इस पर एसडीएम ने कहा कि इस पर रेवाड़ी प्रशासन को कतई एतराज नहीं है, लेकिन यह पानी ट्रीट हो। रेवाड़ी साफ पानी साहबी में डाला जा रहा है। गांव महेश्वरी के ग्रामीणों ने भी राजस्थान के अधिकारियों द्वारा उनका नाला ठीक नहीं करने की शिकायत की। इस अवसर पर भिवाडी विकास प्राधिकरण के सीईओ मेदीलाल मीना, राजस्थान प्रदूषण मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी केसी गुप्ता व रेवाड़ी प्रदूषण मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी मौजूद रहे।
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