बंगाल की खाड़ी में कम दबाव के कारण आया चक्रवाती तूफान 'तितली' अब धीरे-धीरे ओडिशा और आंध्र प्रदेश के तट की तरफ बढ़ रहा है. मौसम विभाग के मुताबिक 'तितली' फिलहाल ओडिशा के गोपालपुर से तकरीबन 530 किमी दक्षिण पूर्व और आंध्र प्रदेश के कलिंगपट्नम से 480 किमी दक्षिण पूर्व में है. अगले 24 घंटों में यह चक्रवाती तूफान में बदल सकता है और गुरुवार सुबह गोपालपुर और कलिंगपट्टनम के बीच ओडिशा और आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों को पार करते हुए धीरे धीरे इसकी तीव्रता कम हो जाएगी. चक्रवाती तूफान 'तितली' का सबसे ज्यादा प्रभाव ओडिशा के तटीय इलाकों पर पड़ेगा. वहीं इसकी बजह से यूपी, बिहार में भी बारिश हो सकती है. मौसम विभाग ने गुरुवार के लिए ओडीशा के गजपति, गंजाम, पुरी, कंधमाल, कोरापुट, कटक, जाजपुर और कालागढ़ में बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है.
तितली की तीव्रता को देखते हुए मौसम विभाग ने एहतियातन ओडिशा, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में मछुआरों को तट पर न जाने की सलाह दी है.
ओडिशा के मुख्य सचिव आदित्य प्रसाद पाढ़ी ने जानकारी दी कि 11 और 12 अक्टूबर को ओडिशा के स्कूल, कॉलेज और आंगनबाड़ी सेंटर बंद रहेंगे.
तूफान के चलते 11 और 12 तारीख को स्कूल बंद करने का फैसला लिया गया है.
चक्रवाती तूफान 'तितली' से निपटने की तैयारियों का जायजा लेने के लिए ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने एक उच्चस्तरीय बैठक की. उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिणी ओडीशा के तट पर 'तितली' के प्रभाव को देखते हुए खुर्दा रोड और विजियानगरम के बीच रात 10 बजे से रेल सेवाए बंद रहेंगी. वहीं उत्तर प्रदेश होते हुए हावड़ा/खड़गपुर की तरफ से आने वाली ट्रेनें भी शाम 5:15 बजे के बाद से अगली सूचना तक भद्रक से आगे नहीं बढ़ेंगी. हैदराबाद/विशाखापट्टनम से चलने वाली डाउन ट्रेनें शाम 6:40 के बाद से दुव्वाड़ा से आगे नहीं बढ़ेंगी.
ओडिशा सरकार ने भी 'तितली' के मद्देनजर जिला अधिकारियों को तैयार रहने और जान-माल की हानि से बचने के लिए कहा है। विशेष राहत आयुक्त बिष्णुपद सेठी ने गंजम, खोरधा और पुरी में तट के समीप रहने वालों की पहचान करने और उन्हें सुरक्षित जगहों पर ले जाने के आदेश दिए हैं। गजपति, गंजाम, खोरधा, नयागढ़ और पुरी में झुग्गी-झोपड़ियों को नुकसान पहुंचने की आशंका है। इसके अलावा, कच्चे घरों में रहने वालों को भी चक्रवाती तूफान/बाढ़ शिविरों और अन्य सुरक्षित इमारतों में ले जाया जाएगा। अन्य जिलाधिकारी भी अपने संबंधित क्षेत्रों में स्थिति की समीक्षा करेंगे और खतरे की स्थिति में रह रहे लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाएंगे।
उन्होंने कहा कि चक्रवाती तूफान आने से पहले बूढ़े, अक्षम, महिलाओं और बच्चों को निश्चित ही आश्रय गृहों में पहुंचाने से पहले विशेष देखभाल की जाने की जरूरत है। इसके साथ ही मुफ्त रसोई गैस के जरिए पके हुए भोजन, साफ पीने का पानी, स्वास्थ्य और स्वच्छता की स्थिति की व्यवस्था की जाए। बिजली की व्यवस्था भी की जाएगी। सभी चक्रवाती तूफान और बाढ़ आश्रयगृहों को तत्काल जांचा-परखा जाए और लोगों को यहां लाए जाने की स्थिति में घरों को तैयार रखा जाए। पालतू पशुओं को अतिसंवेदनशील क्षेत्रों से हटाकर सुरक्षित जगह पर ले जाया जाएगा।
जिला आपात अभियान केंद्र और नियंत्रण कक्षों को भी सतर्क रहने को कहा गया है। चक्रवाती तूफान के साथ बाढ़ का खतरा हमेशा बना रहता है, इसलिए बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। विशेष राहत संगठनों के कम से कम 300 इंजनयुक्त नौकाओं को विभिन्न जिलों में तैयार रखा गया है, जबकि एनडीआरएफ और ओडीआरएएफ की टीमों और दमकल कर्मियों को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रखा गया है।
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