अब तक स्वतंत्रता दिवस के दिन 15 अगस्त को ही पीएम ध्वजारोहण करते रहे हैं। ऐसा पहली बार होने जा रहा है कि 21 अक्टूबर को भी लाल किले से तिरंगा फहराया जाएगा। पीएम मोदी ने बुधवार को खुद इसकी घोषणा की. पीएम ने कहा कि कुछ लोग इसकी भी आलोचना करेंगे, न जाने मेरे बाल नोच लें।
अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 अक्टूबर को आजाद हिंद फौज की 75वीं वर्षगांठ पर लाल किले के भीतर आयोजित कार्यक्रम में तिरंगा फहराएंगे। पीएम यहां आजाद हिंद फौज म्यूजियम का उद्घाटन भी करेंगे।
बीजेपी के कार्यकर्ताओं के साथ एक विडियो संवाद के दौरान मोदी ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने दशकों से जिन शख्सियतों को अनदेखा किया अब हमारी सरकार उनके योगदान का जश्न मनाएगी। पीएम ने ऐसे कार्यों की चर्चा भी की। पीएम ने बताया है कि सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व वाली 'आजाद हिंद सरकार' की 75वीं जयंती के मौके पर 21 अक्टूबर को लाल किले में आयोजित होने वाले झंडारोहण समारोह में शामिल होंगे।
पीएम मोदी ने सरदार पटेल की प्रतिमा को लेकर कांग्रेस द्वारा उनकी और गुजरात की बीजेपी सरकार की आलोचना किये जाने का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल असल में सरदार पटेल का अपमान कर रहा है क्योंकि देश के पहले गृह मंत्री को लेकर उसमें हमेशा अवमानना का भाव रहा है जिन्हें सैकड़ों रियासतों का भारत में विलय करवाने का श्रेय दिया जाता है। पीएम ने कांग्रेस पर भीमराव आंबेडकर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, और पटेल जैसे नेताओं की अनदेखी करने का भी आरोप लगाया।
पीएम मोदी ने वीडियो संदेश में कहा है, 'अगर कोई समाज अपने इतिहास से कट जाता है, तो उसका कटी हुई पतंग की तरह गिरना तय होता है. हम सभी का सम्मान करते हैं. जिसने इस देश की सेवा की हो, वह चाहे किसी भी दल का हो, हम उसका सम्मान करते हैं. उड़ीसा के पाइक विद्रोह के 200 वर्ष पूरे होने पर इसमें शामिल रहे अमर बलिदानियों को पिछले साल याद किया. कुछ दिन पहले सर छोटूराम की प्रतिमा के अनावरण के लिए मैं रोहतक में था. उनके जैसे बहुमुखी व्यक्ति के बारे में लोगों को अधिक से अधिक पढ़ना चाहिए, जिन्होंने कृषि, सिंचाई और भूमि सुधार के क्षेत्र में व्यापक स्तर पर कार्य किया था.
इस परियोजना को 'मेड इन चाइना' बताए जाने की टिप्पणी पर विपक्षी दल पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि इतिहास जानता है कि सरदार पटेल के लिये कांग्रेस के मन में बेहद अवमानना थी । पीएम ने कहा कि वह कभी उनके कामों को पहचान मिलने की बात बर्दाश्त नहीं कर सकती।
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