रोडवेज की हड़ताल
जल्द खत्म होने के आसार नज़र नहीं आ रहे. उसके साथ ही कई महकमों के कर्मचारियों ने
रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल का समर्थन कर दिया है|
सरकार से वार्ता टूटने
के बाद रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी ने 25 अक्टूबर तक राज्यव्यापी हड़ताल को बढ़ा
दिया है। साथ ही किलोमीटर स्कीम के कथित घोटाले की स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की
मांग फिर दोहराई है। सरकार विजिलेंस जांच कराने को तैयार है लेकिन कर्मचारी उस पर सहमत
नहीं हैं।
परिवहन विभाग के अतिरिक्त
मुख्य सचिव धनपत सिंह ने 22 अक्टूबर को प्रदेश में कुल 1050 बसों के संचालन का दावा
किया है। उन्होंने 884 रोडवेज बसें और 166 निजी बसें चलाने की बात कही है। हड़ताल में
शामिल 41 प्रोबेशनर ड्राइवरों को सरकार ने तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है।
175 कर्मचारियों को पहले ही बर्खास्त किया जा चुका है। उधर, रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल के समर्थन में विभाग की मिनिस्ट्रीयल
स्टाफ एसोसिएशन ने उतरते हुए काम बंद कर दिया है।
हिमाचल प्रदेश से
भी जल्द मदद मिलने की संभावना सरकार ने जताई है, लेकिन वहां की एचआरटीसी यूनियनें
पहले ही रोडवेज के समर्थन का ऐलान कर चुकी हैं। पंजाब सरकार ने भी अभी तक मदद को लेकर
पत्र का जवाब नहीं दिया है, चूंकि पंजाब की यूनियनें भी हरियाणा रोडवेज कर्मचारियों
की हड़ताल के समर्थन में आ गई हैं।
रोडवेज की हड़ताल
को सर्व कर्मचारी संघ का समर्थन मिल गया है. हरियाणा स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड वर्कर्स
यूनियन ने भी अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की है. सरकार और रोडवेजकर्मी अपनी-अपनी
जिद पर अड़े हुए है जिससे प्रदेश की जनता को परेशानी उठानी पड़ रही है.
हरियाणा रोडवेज कर्मचारी
तालमेल कमेटी के सदस्य इंद्र सिंह बधाना, ओम प्रकाश ग्रेवाल, अनूप सिंह सहरावत, दलबीर किरमारा, हरि नारायण शर्मा, जय भगवान कादियान, पहल सिंह तंवर, सरबत पूनिया, नसीब जाखड़, बलवान सिंह दोदवा, आजाद सिंह गिल व रामकुमार वर्मा ने आपात बैठक के बाद कहा कि जब तक किलोमीटर स्कीम
रद्द नहीं होगी, हड़ताल आगे बढ़ती रहेगी। सरकार के बुलावे पर वे
वार्ता में शामिल हुए, लेकिन सरकार अपने फैसले पर अडिग है, जिससे बात बन नहीं पाई। सरकार जैसे ही स्कीम को रद्द करेगी तत्काल हड़ताल खत्म
कर देंगे। सीएम स्वतंत्र एजेंसी से किलोमीटर स्कीम घोटाले की जांच करवाएं, निलंबन, एस्मा के तहत कार्रवाई, गिरफ्तारियों व कर्मचारियों पर दर्ज मुकदमे वापस हों।
सड़क पर बसों की कमी
है जिससे निजी बस संचालक चांदी कूट रहे हैं. कॉलेजों के छात्र निजी बसों के संचालक
की मनमानी का शिकार हो रहे हैं.
कुल मिलाकर हरियाणा
की जनता की मुश्किले अभी कम नहीं होने वाली है.
हड़ताल के कारण परिवहन
व्यवस्था चरमराने पर सीएम मनोहर लाल ने पड़ोसी राज्यों को बसें मुहैया कराने के लिए
पत्र लिखा है। उनके मदद मांगने पर उत्तर प्रदेश सरकार आगे आई है और 300 बसें चालकों-परिचालकों
सहित मुहैया कराने की हामी भरी है। सीएम ने पंजाब, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और
राजस्थान सरकारों को पत्र लिखा है। सीएम ने इन राज्यों से अपनी बसों की फ्रीक्वेंसी
भी हरियाणा में बढ़ाने का आग्रह किया है। उत्तर प्रदेश की बसों को हरियाणा सरकार रोडवेज
के परमिट पर ही चलाएगी।
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