इंडोनेशिया प्लेन हादसे के बाद अमेरिका और भारत ने अलर्ट जारी किए है| इंडोनेशिया प्लेन हादसे को देखते हुए भारत भी सतर्क हो गया है। इंडोनेशिया में लॉयन एयर का बोइंग 737 मैक्स विमान पिछले महीने के अंत में जकार्ता से उड़ान भरने के तुरंत बाद समुद्र में गिर गया था। विमान में 180 लोग सवार थे। ऐसी रिपोर्ट मिली थी कि इस विमान में उड़ान से पहले कुछ खराबी पाई गई थी, लेकिन उसे ठीक कर विमान को उड़ान भरने की अनुमति दी गई। डीजीसीए ने विमान की दुर्घटना को लेकर बोइंग और अमेरिका के रेगुलेटर एफएए से भी जानकारी मांगी थी। डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने जेट एयरवेज और स्पाइसजेट को बोइंग 737 MAX विमानों में सेंसर की संभावित समस्या को लेकर कदम उठाने को कहा है।
बोइंग ने 6 नवंबर को कहा था कि उसने ऑपरेशंस मैनुअल बुलेटिन (OMB) जारी कर एयरलाइंस को ऐसी परिस्थितियों से निपटने की जानकारी दी है, जिनमें विमान के सेंसर से गलत इनपुट मिलता है। सिविल एविएशन मिनिस्टर सुरेश प्रभु ने 30 अक्टूबर को कहा था कि इंडोनेशिया में विमान की दुर्घटना के बाद डीजीसीए को एयरलाइंस में इंजन और अन्य समस्याओं पर विचार करने के लिए कहा गया है। डीजीसीए ने जेट एयरवेज और स्पाइसजेट के बोइंग 737 मैक्स विमानों के प्रदर्शन की समीक्षा की थी।
लॉयन एयर विमान हादसे की शुरुआती जांच के आधार पर एफएए ने 7 नवंबर को इमर्जेंसी एयरवर्दीनेस डायरेक्टिव (AD) जारी किया था। बोइंग ने इस मुद्दे पर 6 नवंबर को एक बुलेटिन भी दिया था। डीजीसीए के अधिकारी ने बताया कि एफएए का एडी प्राप्त होने के तीन दिनों के अंदर विमान के फ्लाइट मैनुअल में बदलाव किए जाने हैं। उन्होंने कहा कि डीजीसीए ने यह सुनिश्चित किया है कि सभी भारतीय एयरलाइंस इसके अनुसार उपयुक्त कदम उठाए। अभी देश में जेट एयरवेज और स्पाइसजेट बोइंग 737 मैक्स विमान का इस्तेमाल करती हैं। इन दोनों एयरलाइंस के पास ऐसे कम-से-कम छह विमान हैं। DGCA के एक अधिकारी ने बताया कि अगर इन विमानों में सेंसर की समस्या को ठीक नहीं किया जाता, तो पायलट को विमान को कंट्रोल करने में मुश्किल हो सकती है। इसके कारण विमान की ऊंचाई को लेकर भ्रम हो सकता है और वह तेजी से नीचे आ सकता है
सेंसर की गलत सूचनाओं की वजह से विमान का अगला हिस्सा आकाश में बार-बार आगे की ओर झुक सकता है जिससे विमान अचानक अपनी ऊंचाई खोकर नीचे आ सकता है। अगर इस स्थिति को दुरुस्त नहीं किया गया तो चालक दल के लिए विमान पर नियंत्रण रख पाना कठिन होगा। इससे नोज नीचे झुकने से विमान अचानक ऊंचाई खोकर काफी नीचे, यहां तक कि जमीन पर आ सकता है।
लॉयन एयर हादसे की प्रारंभिक जांच के आधार पर एफएए ने सात नवंबर को एयरलाइन कंपनियों के लिए एयरवर्दीनेस डायरेक्टिव जारी किए थे। इनमें एयरलाइनों से मैक्स विमानों के फ्लाइट मैन्युअल में परिवर्तन करने और पायलटों व चालक दल के सदस्यों द्वारा उनका पालन सुनिश्चित करने को कहा गया है। डीजीसीए सुनिश्चित करना चाहता है कि जेट एयरवेज और स्पाइसजेट इन डायरेक्टिव के पालन की दिशा में उचित कदम उठाएं।
लॉयन एयर दुर्घटना के बाद विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने डीजीसीए से सभी एयरलाइनों की विमानन सुरक्षा की पड़ताल करने और मैक्स विमानों से जुड़ी तकनीकी समस्याओं को लेकर एहतियाती कदम उठाने के निर्देश देने को कहा था। तबसे डीजीसीए जेट एयरवेज और स्पाइसजेट के सभी आठों बोइंग 737 मैक्स विमानों की जांच कर चुका है।
बोइंग ने 6 नवंबर को कहा था कि उसने ऑपरेशंस मैनुअल बुलेटिन (OMB) जारी कर एयरलाइंस को ऐसी परिस्थितियों से निपटने की जानकारी दी है, जिनमें विमान के सेंसर से गलत इनपुट मिलता है। सिविल एविएशन मिनिस्टर सुरेश प्रभु ने 30 अक्टूबर को कहा था कि इंडोनेशिया में विमान की दुर्घटना के बाद डीजीसीए को एयरलाइंस में इंजन और अन्य समस्याओं पर विचार करने के लिए कहा गया है। डीजीसीए ने जेट एयरवेज और स्पाइसजेट के बोइंग 737 मैक्स विमानों के प्रदर्शन की समीक्षा की थी।
लॉयन एयर विमान हादसे की शुरुआती जांच के आधार पर एफएए ने 7 नवंबर को इमर्जेंसी एयरवर्दीनेस डायरेक्टिव (AD) जारी किया था। बोइंग ने इस मुद्दे पर 6 नवंबर को एक बुलेटिन भी दिया था। डीजीसीए के अधिकारी ने बताया कि एफएए का एडी प्राप्त होने के तीन दिनों के अंदर विमान के फ्लाइट मैनुअल में बदलाव किए जाने हैं। उन्होंने कहा कि डीजीसीए ने यह सुनिश्चित किया है कि सभी भारतीय एयरलाइंस इसके अनुसार उपयुक्त कदम उठाए। अभी देश में जेट एयरवेज और स्पाइसजेट बोइंग 737 मैक्स विमान का इस्तेमाल करती हैं। इन दोनों एयरलाइंस के पास ऐसे कम-से-कम छह विमान हैं। DGCA के एक अधिकारी ने बताया कि अगर इन विमानों में सेंसर की समस्या को ठीक नहीं किया जाता, तो पायलट को विमान को कंट्रोल करने में मुश्किल हो सकती है। इसके कारण विमान की ऊंचाई को लेकर भ्रम हो सकता है और वह तेजी से नीचे आ सकता है
सेंसर की गलत सूचनाओं की वजह से विमान का अगला हिस्सा आकाश में बार-बार आगे की ओर झुक सकता है जिससे विमान अचानक अपनी ऊंचाई खोकर नीचे आ सकता है। अगर इस स्थिति को दुरुस्त नहीं किया गया तो चालक दल के लिए विमान पर नियंत्रण रख पाना कठिन होगा। इससे नोज नीचे झुकने से विमान अचानक ऊंचाई खोकर काफी नीचे, यहां तक कि जमीन पर आ सकता है।
लॉयन एयर हादसे की प्रारंभिक जांच के आधार पर एफएए ने सात नवंबर को एयरलाइन कंपनियों के लिए एयरवर्दीनेस डायरेक्टिव जारी किए थे। इनमें एयरलाइनों से मैक्स विमानों के फ्लाइट मैन्युअल में परिवर्तन करने और पायलटों व चालक दल के सदस्यों द्वारा उनका पालन सुनिश्चित करने को कहा गया है। डीजीसीए सुनिश्चित करना चाहता है कि जेट एयरवेज और स्पाइसजेट इन डायरेक्टिव के पालन की दिशा में उचित कदम उठाएं।
लॉयन एयर दुर्घटना के बाद विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने डीजीसीए से सभी एयरलाइनों की विमानन सुरक्षा की पड़ताल करने और मैक्स विमानों से जुड़ी तकनीकी समस्याओं को लेकर एहतियाती कदम उठाने के निर्देश देने को कहा था। तबसे डीजीसीए जेट एयरवेज और स्पाइसजेट के सभी आठों बोइंग 737 मैक्स विमानों की जांच कर चुका है।
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