गुरुवार को यशराज फ़िल्म्स के बैनर तले आमिर ख़ान और अमिताभ बच्चन की फ़िल्म ‘ठग्स ऑफ़ हिंदोस्तान’ रिलीज़ हुई है। फ़िल्म को ज़्यादातर समीक्षकों ने निराशाजनक बताया है। दर्शकों में अमिताभ और आमिर को एक साथ बड़े पर्दे पर देखने का बहुत ही क्रेज था. लेकिन दर्शक और क्रिटिक्स के अनुसार फिल्म अपनी उम्मीदों पर खरी नहीं उतर पाई है. फिल्म को लेकर हर जगह निगेटिव रिव्यू आ रहे हैं. फिल्म का मीम्स बनाकर भी इसका मजाक उड़ाया जा रहा है. यूजर्स जमकर फिल्म को ट्रोल कर रहे हैं. विजय कृष्णा आचार्य द्वारा निर्देशीत इस फिल्म को यशराज बैनर 3डी और आईमैक्स में भी रिलीज किया है।
आमिर ख़ान की ठग्स ऑफ़ हिंदोस्तान की रिलीज़ से पहले ही फ़िल्म 100 करोड़ का पड़ाव तो पार कर ही लिया है, अब 'ठग्स' की रिलीज़ के बाद भी इसके कलेक्शंस में स्थिरता देखी जा रही है| निर्माताओं द्वारा जारी किये गये अंतिम आंकड़ों के मुताबिक फ़िल्म ने ₹52.25 करोड़ की धमाकेदार ओपनिंग ली है। ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान ने पहले दिन बॉक्सऑफिस पर कमाई के सारे रिकॉर्ड्स तोड़े। अलग अलग बॉक्स ऑफिस रिपोर्ट्स के मुताबिक ठग्स ऑफ हिंदोस्तान के 2 लाख टिकट पहले दिन के लिए एडंवास बुक हुए थे. ये अब तक की किसी बॉलीवुड फिल्म के लिए ये सबसे बड़ी एडवांस बुकिंग बताई जा रही है. इसने इस साल सलमान खान की टाइगर जिंदा है, रणबीर कपूर की संजू और एवेंजर्स का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. मीडिया रिपोर्टस की मानें तो ठग्स ऑफ हिंदोस्तान के सैटेलाइट और डिजिटल राइट्स रिलीज से पहले ही 150 करोड़ में बिक चुके हैं. बता दें कि इससे पहले इस साल सलमान खान की रेस 3 के डिजिटल और सैटेलाइट राइट्स 130 करोड़ रुपए में बिके थे,जो किसी बॉलीवुड फिल्म के लिए सबसे ज्यादा थे.
ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान की कमाई में दूसरे दिन बड़ी गिरावट देखी गई। वेबसाइट बॉक्सऑफिस इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पहले दिन करीब 52 करोड़ रुपए कमाने वाली यह फिल्म दूसरे दिन 28 करोड़ रुपए पर सिमट गई। इससे स्पष्ट होता है कि पहले दिन फिल्म को एडवांस बुकिंग का फायदा मिला। साथ ही अमिताभ और आमिर जैसे बड़े नाम की वजह से दर्शक फिल्म देखने पहुंच गए।
फिल्म क्रिटिक्स और फैंस को इस फिल्म ने निराश किया है. फिल्म क्रिटिक तरण आदर्श ने एक शब्द में फिल्म का रिव्यू देते हुए इसे निराशाजनक करार दिया है. उन्होंने फिल्म को दो स्टार दिये हैं. वहीं कवि और नेता कुमार विश्वास ने भी फिल्म को कमजोर बताया और लिखा है कि आप लोग भी ठग्स ऑफ हिंदोस्तान जरूर देखें. हम अकेले ही क्यों ठगे जायें.
एक यूजर ने लिखा,' खोदा पहाड निकली चुईया! एक और यूजर ने लिखा,' लग गये 440 वोल्ट आमिर के फैंस को...' एक और फैन ने लिखा,' मूवी का पहला हाफ बेकार है. स्क्रीनप्ले धीमा है. कहानी घटिया है. मैं सिनेमाहॉल में हूं और ट्विटर देख रहा हूं इसका मतलब आप समझ सकते हैं कि फिल्म कैसी है. इससे रेस 3 ज्यादा बेहतर थी.'
ऐसे में गुरुवार को ‘ठग्स ऑफ़ हिंदोस्तान’ की एक स्पेशल रखी गयी, जिसमें किरण राव की अगुवाई में आमिर के कुछ ख़ास दोस्त फ़िल्म देखने पहुंचे।
आमिर के चुनिंदा दोस्तों के लिए ‘ठग्स ऑफ़ हिंदोस्तान’ की यह स्पेशल स्क्रीनिंग फ़िल्म रिलीज़ के दिन ही रखी गयी। इस स्पेशल स्क्रीनिंग के दौरान आमिर खुद मौजूद नहीं थे लेकिन, उनकी पत्नी किरण राव और उनके ख़ास दोस्त पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर की मौजूदगी ख़ास रही। साथ ही आमिर की सुपरहिट फ़िल्म ‘दंगल’ के डायरेक्टर और आमिर के बेहद करीबी नीतेश तिवारी भी इस स्क्रीनिंग में शामिल हुए। आशुतोष गोवारिकर भी ‘ठग्स ऑफ़ हिंदोस्तान’ की इस स्पेशल स्क्रीनिंग में परिवार के साथ पहुंचे। महाराष्ट्र की राजनीति के एक चर्चित चेहरे राज ठाकरे भी ‘ठग्स ऑफ़ हिंदोस्तान’ देखने के लिए पहुंचे। राज इससे पहले भी कई बार आमिर की फ़िल्मों की स्क्रीनिंग में पहुंचते रहे हैं। फातिमा सना शेख जिन्होंने आमिर के साथ ही ‘दंगल से डेब्यू किया था और अब ‘ठग्स ऑफ़ हिंदोस्तान’ का भी हिस्सा हैं, वह भी इस दौरान मौजूद रहीं। अन्य मेहमानों में गीतकार और लेखक जावेद अख्तर और आमिर के भांजे और अभिनेता इमरान ख़ान भी यह फ़िल्म देखने के लिए पहुंचे थे।
फिल्म ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान सन 1795 के उस दौर की कहानी बताती है, जब हिंदुस्तान की तमाम रियासतों पर अंग्रेजों का राज हो चुका है और बची-खुची रियासतों पर भी उनकी नजर थी। फिल्म सच्ची कहानी पर आधाररित है। ठग अमीर अली और उसके पिता इस्माइल की कहानी पर यह फिल्म बनी है जो जालौन आकर बस गए थे और अंग्रेजी सरकार के लिए दहशत का पर्याय बन गए थे। ऐसी ही एक रियासत रौनकपुर को अंग्रेज कमांडर जॉन क्लाइव (लॉयड ओवेन) धोखे से कब्जा लेता है। वहां के नवाब मिर्जा सिकंदर बेग (रोनित रॉय) के परिवार को अंग्रेज मार देते हैं, लेकिन उसकी बेटी जफीरा (फातिमा सना शेख) को राज्य का वफादार खुदाबख्श आजाद (अमिताभ बच्चन) बचा कर ले जाता है। करीब एक दशक तक आजाद छुपकर अपने लोगों को इकट्ठा करता है और फिर अंग्रेजों के खिलाफ गुरिल्ला युद्ध छेड़ देता है। इस जंग में जफीरा भी अपने परिवार का बदला लेने के लिए उसके साथ है।
आजाद की बढ़ती ताकत से परेशान अंग्रेज उसे उसी के अंदाज में मात देने के लिए किसी शातिर आदमी को तलाशते हैं। उनकी तलाश फिरंगी मल्लाह (आमिर खान) पर पूरी होती है। फिरंगी अवध का रहने वाला एक छोटा-मोटा ठग है, जो किसी भी तरह पैसा कमाने की जुगत में रहता है। वह अंग्रेजों के लिए ठगों को पकड़वाने का काम करता है। वहीं सुरैया (कैटरीना कैफ) एक नाचने वाली है। फिरंगी उसका आशिक है। अंग्रेजों की योजना के मुताबिक फिरंगी ठगों की सेना में अंग्रेजों का मुखबिर बनकर शामिल हो जाता है।
अमिताभ बच्चन ने इस उम्र में शानदार एक्शन सीन्स वाला रोल किया है। पानी के जहाजों पर उनके लड़ाई के सीन जबरदस्त हैं। मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर हमेशा की तरह अपने रोल में पूरी तरह रम गए हैं। एक मसखरे धोखेबाज ठग के किरदार को उन्होंने बखूबी निभाया है। कैटरीना कैफ महज दो गानों तक ही सीमित हैं। जॉन क्लाइव के रोल में लॉयड ओवेन भी जोरदार लगे हैं। फिल्म की असल हीरोइन फातिमा सना शेख हैं।
फिल्म की काफी शूटिंग जोधपुर के मेहरानगढ़ किले में हुई है। इसके अलावा, जहाज वाले लड़ाई के सीन माल्टा में शूट किए गए हैं। मानुष नंदन की सिनेमटोग्रफी कमाल की है, जो कि आपको रोमांचित कर देती है। खासकर पानी के जहाजों पर लड़ाई के सीन काफी रोमांचक हैं। फिल्म के सेट काफी भव्य हैं। लेकिन 1795 के दौर को भव्य तरीके से दिखाने की चाहत में ही शायद इसका बजट 350 करोड़ के करीब पहुंच गया। वहीं कमजोर कहानी पर पौने तीन घंटे की फिल्म की लंबाई भी आपको काफी ज्यादा लगती है। फिल्म की कहानी काफी कमजोर है। कहीं कहीं पर लगेगा कि यह मनोज कुमार की क्लासिक फिल्म क्रांति से इंस्पायर्ड है। जहां तक इसके VFX भी बात है तो वो काफी कमजोर है। अगर एक्टिंग की बात करें को अमिताभ और आमिर से ज़्यादा मज़ा तो मुहम्मद ज़ीशान अयूब को देखकर आता है, जिन्होंने शनीचर प्रसाद का रोल प्ले किया है। फिल्म को देखकर लगता है कि उनके भी काफी सीन्स काटे गये हैं। कटरीना कैफ भी केवल तीन सीन्स और दो गानों में नज़र आती हैं। अमिताभ और आमिर के परफॉर्मेंस दमदार तो है, मगर इससे फिल्म नहीं बनती है। फातिमा सना शेख़ का दंगल के बाद यह काफी निराशाजनक काम है।
फिल्म का म्यूजिक अजय-अतुल ने दिया है। हालांकि इसके तीनों ही गाने कुछ खास नहीं हैं। फिल्म का कोई भी गाना रेडियो मिर्ची के टॉप चार्ट में शामिल नहीं है।
हाल ही में एक्ट्रेस सुचित्रा ने भी अपना अनुभव सोशल मीडिया पर शेयर किया. उन्होंने बताया कि मैं फिल्म देखने गई लेकिन खाली पड़े सिनेमा हॉल देखकर काफी डर गई. मैंने कभी थियेटर में अकेले बैठकर फिल्म नहीं देखी.
फिल्म को आईएमडीबी पर 10 में से 6.2 रेटिंग मिली है। बड़े स्टार्स की मौजूदगी के बावजूद ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान की कमजोर स्क्रिप्ट और कहानी आपको निराश करती है। इस फिल्म को महज टाइम पास के लिए देख सकते हैं।
आमिर ख़ान की ठग्स ऑफ़ हिंदोस्तान की रिलीज़ से पहले ही फ़िल्म 100 करोड़ का पड़ाव तो पार कर ही लिया है, अब 'ठग्स' की रिलीज़ के बाद भी इसके कलेक्शंस में स्थिरता देखी जा रही है| निर्माताओं द्वारा जारी किये गये अंतिम आंकड़ों के मुताबिक फ़िल्म ने ₹52.25 करोड़ की धमाकेदार ओपनिंग ली है। ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान ने पहले दिन बॉक्सऑफिस पर कमाई के सारे रिकॉर्ड्स तोड़े। अलग अलग बॉक्स ऑफिस रिपोर्ट्स के मुताबिक ठग्स ऑफ हिंदोस्तान के 2 लाख टिकट पहले दिन के लिए एडंवास बुक हुए थे. ये अब तक की किसी बॉलीवुड फिल्म के लिए ये सबसे बड़ी एडवांस बुकिंग बताई जा रही है. इसने इस साल सलमान खान की टाइगर जिंदा है, रणबीर कपूर की संजू और एवेंजर्स का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. मीडिया रिपोर्टस की मानें तो ठग्स ऑफ हिंदोस्तान के सैटेलाइट और डिजिटल राइट्स रिलीज से पहले ही 150 करोड़ में बिक चुके हैं. बता दें कि इससे पहले इस साल सलमान खान की रेस 3 के डिजिटल और सैटेलाइट राइट्स 130 करोड़ रुपए में बिके थे,जो किसी बॉलीवुड फिल्म के लिए सबसे ज्यादा थे.
ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान की कमाई में दूसरे दिन बड़ी गिरावट देखी गई। वेबसाइट बॉक्सऑफिस इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पहले दिन करीब 52 करोड़ रुपए कमाने वाली यह फिल्म दूसरे दिन 28 करोड़ रुपए पर सिमट गई। इससे स्पष्ट होता है कि पहले दिन फिल्म को एडवांस बुकिंग का फायदा मिला। साथ ही अमिताभ और आमिर जैसे बड़े नाम की वजह से दर्शक फिल्म देखने पहुंच गए।
फिल्म क्रिटिक्स और फैंस को इस फिल्म ने निराश किया है. फिल्म क्रिटिक तरण आदर्श ने एक शब्द में फिल्म का रिव्यू देते हुए इसे निराशाजनक करार दिया है. उन्होंने फिल्म को दो स्टार दिये हैं. वहीं कवि और नेता कुमार विश्वास ने भी फिल्म को कमजोर बताया और लिखा है कि आप लोग भी ठग्स ऑफ हिंदोस्तान जरूर देखें. हम अकेले ही क्यों ठगे जायें.
एक यूजर ने लिखा,' खोदा पहाड निकली चुईया! एक और यूजर ने लिखा,' लग गये 440 वोल्ट आमिर के फैंस को...' एक और फैन ने लिखा,' मूवी का पहला हाफ बेकार है. स्क्रीनप्ले धीमा है. कहानी घटिया है. मैं सिनेमाहॉल में हूं और ट्विटर देख रहा हूं इसका मतलब आप समझ सकते हैं कि फिल्म कैसी है. इससे रेस 3 ज्यादा बेहतर थी.'
ऐसे में गुरुवार को ‘ठग्स ऑफ़ हिंदोस्तान’ की एक स्पेशल रखी गयी, जिसमें किरण राव की अगुवाई में आमिर के कुछ ख़ास दोस्त फ़िल्म देखने पहुंचे।
आमिर के चुनिंदा दोस्तों के लिए ‘ठग्स ऑफ़ हिंदोस्तान’ की यह स्पेशल स्क्रीनिंग फ़िल्म रिलीज़ के दिन ही रखी गयी। इस स्पेशल स्क्रीनिंग के दौरान आमिर खुद मौजूद नहीं थे लेकिन, उनकी पत्नी किरण राव और उनके ख़ास दोस्त पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर की मौजूदगी ख़ास रही। साथ ही आमिर की सुपरहिट फ़िल्म ‘दंगल’ के डायरेक्टर और आमिर के बेहद करीबी नीतेश तिवारी भी इस स्क्रीनिंग में शामिल हुए। आशुतोष गोवारिकर भी ‘ठग्स ऑफ़ हिंदोस्तान’ की इस स्पेशल स्क्रीनिंग में परिवार के साथ पहुंचे। महाराष्ट्र की राजनीति के एक चर्चित चेहरे राज ठाकरे भी ‘ठग्स ऑफ़ हिंदोस्तान’ देखने के लिए पहुंचे। राज इससे पहले भी कई बार आमिर की फ़िल्मों की स्क्रीनिंग में पहुंचते रहे हैं। फातिमा सना शेख जिन्होंने आमिर के साथ ही ‘दंगल से डेब्यू किया था और अब ‘ठग्स ऑफ़ हिंदोस्तान’ का भी हिस्सा हैं, वह भी इस दौरान मौजूद रहीं। अन्य मेहमानों में गीतकार और लेखक जावेद अख्तर और आमिर के भांजे और अभिनेता इमरान ख़ान भी यह फ़िल्म देखने के लिए पहुंचे थे।
फिल्म ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान सन 1795 के उस दौर की कहानी बताती है, जब हिंदुस्तान की तमाम रियासतों पर अंग्रेजों का राज हो चुका है और बची-खुची रियासतों पर भी उनकी नजर थी। फिल्म सच्ची कहानी पर आधाररित है। ठग अमीर अली और उसके पिता इस्माइल की कहानी पर यह फिल्म बनी है जो जालौन आकर बस गए थे और अंग्रेजी सरकार के लिए दहशत का पर्याय बन गए थे। ऐसी ही एक रियासत रौनकपुर को अंग्रेज कमांडर जॉन क्लाइव (लॉयड ओवेन) धोखे से कब्जा लेता है। वहां के नवाब मिर्जा सिकंदर बेग (रोनित रॉय) के परिवार को अंग्रेज मार देते हैं, लेकिन उसकी बेटी जफीरा (फातिमा सना शेख) को राज्य का वफादार खुदाबख्श आजाद (अमिताभ बच्चन) बचा कर ले जाता है। करीब एक दशक तक आजाद छुपकर अपने लोगों को इकट्ठा करता है और फिर अंग्रेजों के खिलाफ गुरिल्ला युद्ध छेड़ देता है। इस जंग में जफीरा भी अपने परिवार का बदला लेने के लिए उसके साथ है।
आजाद की बढ़ती ताकत से परेशान अंग्रेज उसे उसी के अंदाज में मात देने के लिए किसी शातिर आदमी को तलाशते हैं। उनकी तलाश फिरंगी मल्लाह (आमिर खान) पर पूरी होती है। फिरंगी अवध का रहने वाला एक छोटा-मोटा ठग है, जो किसी भी तरह पैसा कमाने की जुगत में रहता है। वह अंग्रेजों के लिए ठगों को पकड़वाने का काम करता है। वहीं सुरैया (कैटरीना कैफ) एक नाचने वाली है। फिरंगी उसका आशिक है। अंग्रेजों की योजना के मुताबिक फिरंगी ठगों की सेना में अंग्रेजों का मुखबिर बनकर शामिल हो जाता है।
अमिताभ बच्चन ने इस उम्र में शानदार एक्शन सीन्स वाला रोल किया है। पानी के जहाजों पर उनके लड़ाई के सीन जबरदस्त हैं। मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर हमेशा की तरह अपने रोल में पूरी तरह रम गए हैं। एक मसखरे धोखेबाज ठग के किरदार को उन्होंने बखूबी निभाया है। कैटरीना कैफ महज दो गानों तक ही सीमित हैं। जॉन क्लाइव के रोल में लॉयड ओवेन भी जोरदार लगे हैं। फिल्म की असल हीरोइन फातिमा सना शेख हैं।
फिल्म की काफी शूटिंग जोधपुर के मेहरानगढ़ किले में हुई है। इसके अलावा, जहाज वाले लड़ाई के सीन माल्टा में शूट किए गए हैं। मानुष नंदन की सिनेमटोग्रफी कमाल की है, जो कि आपको रोमांचित कर देती है। खासकर पानी के जहाजों पर लड़ाई के सीन काफी रोमांचक हैं। फिल्म के सेट काफी भव्य हैं। लेकिन 1795 के दौर को भव्य तरीके से दिखाने की चाहत में ही शायद इसका बजट 350 करोड़ के करीब पहुंच गया। वहीं कमजोर कहानी पर पौने तीन घंटे की फिल्म की लंबाई भी आपको काफी ज्यादा लगती है। फिल्म की कहानी काफी कमजोर है। कहीं कहीं पर लगेगा कि यह मनोज कुमार की क्लासिक फिल्म क्रांति से इंस्पायर्ड है। जहां तक इसके VFX भी बात है तो वो काफी कमजोर है। अगर एक्टिंग की बात करें को अमिताभ और आमिर से ज़्यादा मज़ा तो मुहम्मद ज़ीशान अयूब को देखकर आता है, जिन्होंने शनीचर प्रसाद का रोल प्ले किया है। फिल्म को देखकर लगता है कि उनके भी काफी सीन्स काटे गये हैं। कटरीना कैफ भी केवल तीन सीन्स और दो गानों में नज़र आती हैं। अमिताभ और आमिर के परफॉर्मेंस दमदार तो है, मगर इससे फिल्म नहीं बनती है। फातिमा सना शेख़ का दंगल के बाद यह काफी निराशाजनक काम है।
फिल्म का म्यूजिक अजय-अतुल ने दिया है। हालांकि इसके तीनों ही गाने कुछ खास नहीं हैं। फिल्म का कोई भी गाना रेडियो मिर्ची के टॉप चार्ट में शामिल नहीं है।
हाल ही में एक्ट्रेस सुचित्रा ने भी अपना अनुभव सोशल मीडिया पर शेयर किया. उन्होंने बताया कि मैं फिल्म देखने गई लेकिन खाली पड़े सिनेमा हॉल देखकर काफी डर गई. मैंने कभी थियेटर में अकेले बैठकर फिल्म नहीं देखी.
फिल्म को आईएमडीबी पर 10 में से 6.2 रेटिंग मिली है। बड़े स्टार्स की मौजूदगी के बावजूद ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान की कमजोर स्क्रिप्ट और कहानी आपको निराश करती है। इस फिल्म को महज टाइम पास के लिए देख सकते हैं।
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