अजमेर दरगाह में 2007 में हुए बम धमाके के एक आरोपी को आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने गुजरात के भरूच से रविवार को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी बीते 11 सालों से फरार था. 11 अक्टूबर 2007 में हुए बम धमाके में तीन लोगों की मौत हो गई थी जबकि 17 अन्य घायल हुए थे.
मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आरोपी सुरेश नायर पर दो लाख रुपये के इनाम की घोषणा की थी. मामले में तीन लोगों को उम्रकैद की सजा मिल चुकी है। इनमें देवेंद्र गुप्ता, भावेश पटेल और सुनील जोशी को आईपीसी, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के विभिन्न वर्गों के तहत दोषी पाया गया था। हालांकि बाद में भावेश पटेल और देवेंद्र गुप्ता को राजस्थान हाईकोर्ट ने जमानत दे दी थी। इनके अलावा सात अन्य लोगों को बरी कर दिया था। उन्हें ‘संदेह का लाभ’ दिया गया था।
एटीएस ने कहा कि भरूच से पकड़े जाने के बाद नायर को आगे की जांच के लिये अहमदाबाद ले जाया गया. वह गुजरात के खेड़ा जिले के थसारा का रहने वाला है.
गुजरात आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने एक बयान में कहा कि एनआईए के मुताबिक नायर ने कथित तौर पर राजस्थान की इस प्रसिद्ध सूफी दरगाह पर बम रखने वालों को बम की आपूर्ति की थी और वह मौके पर मौजूद भी था.
एजेंसी ने बताया कि गुजरात एटीएस के अधिकारियों को एक पुख्ता सूचना मिली थी कि सुरेश नायर निकट भविष्य में भरूच में शुक्लतीर्थ आएगा, जिसके बाद उस जगह कड़ी नजर रखी जाने लगी. उसे मौके से पकड़ा गया. इसमें कहा गया कि उसे एनआईए को सौंपा जाएगा.
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