राजधानी दिल्ली को जाम मुक्त बनाए जाने के लिए दो रिंग रोड बन चुकी हैं। इसमें इनर और आउटर रिंग रोड शामिल हैं। इन्हें क्रमश: महात्मा गांधी मार्ग या मुद्रिका मार्ग या रिंग रोड के नाम से जाना जाता है। दूसरी रिंग रोड का नाम डॉ. हेडगेवार मार्ग या बाहरी रिंग मार्ग है। दोनों की लम्बाई मिलाकर 87 किलोमीटर है। इन रिंग रोड से दिल्ली के परिवहन व्यवस्था मजबूत हुई थी, लेकिन दिल्ली के बाहर ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे से रिंग रोड बनी है। ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे (केजीपी) का उद्घाटन प्रधानमंत्री 27 मई को पहले ही कर चुके हैं। इससे दिल्ली को सबसे अधिक लाभ होगा। वेस्टर्न एक्सप्रेस-वे खुलने से चार लाख से अधिक वाहनों को दूसरे राज्यों में जाने के लिए दिल्ली में प्रवेश नहीं करना पड़ेगा। एक अनुमान के मुताबिक, एक्सप्रेस-वे खुलने से दिल्ली के प्रदूषण में 20 फीसदी तक कमी आएगी।
एक्सप्रेस-वे के अलावा प्रधानमंत्री ने श्री विश्वकर्मा स्किल यूनिवर्सिटी का शिलान्यास किया. PM मोदी ने यहां से ही बल्लभगढ़-मुजेसर मेट्रो की शुरुआत भी की. एक्सप्रेस-वे के शुरू होने से अब दिल्ली में आने वाले करीब 40 फीसदी बड़े वाहन बाहर से ही दूसरे राज्य में जा सकेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (सोमवार) हरियाणा की जनता को दो तोहफे दिए। उन्होंने वल्लभगढ़ मेट्रो लाइन को हरी झंडी दिखाकर शुरुआत की। इसके अलावा पीएम ने केएमपी एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन भी किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस एक्सप्रेस वे का उद्घाटन कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान होना था। लेकिन जैसा कॉमनवेल्थ गेम्स के साथ हुआ, वैसी ही गति इस एक्सप्रेस वे की भी हुई। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार सबका साथ - सबका विकास के मंत्र से काम कर रही है। रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हरियाणा का मतलब हिम्मत होता है, यहां के युवा सीमा पर खड़े होकर देश के लिए लड़ते हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा के लिए ऐसे साधनों को बढ़ावा दिया जा रहा है जो प्रदूषण को कम करते हैं, उन्होंने कहा कि एक्सप्रेस वे का काम समय पर पूरा कर लिया गया होता तो आज दिल्ली में ट्रैफिक की व्यवस्था कुछ और होती। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस एक्सप्रेस-वे पर 12 साल से काम चल रहा था, ये 8-9 साल पहले ही मिल जाना चाहिए था. लेकिन पहले की सरकार के तौर-तरीके ने एक्सप्रेस वे को पूरा नहीं होना दिया. इसका इस्तेमाल कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान होना था लेकिन पिछली सरकार काम अटकाती रहती थी. उन्होंने कहा कि जब एक्सप्रेस-वे की शुरुआत हुई तो बजट काफी कम था, लेकिन काम लटकने की वजह से दाम बढ़ता गया.
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब देश में बिना इंजन वाली ट्रेन बन रही है, ये मेक इन इंडिया के तहत बनी है. उन्होंने कहा कि अब पानी के रास्ते व्यापारिक काम पूरा हो रहा है. पिछली सरकार के चार साल में 59 गांव को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा गया था, लेकिन हमारी सरकार के चार साल में 1 लाख से अधिक गांव को जोड़ा गया है.
केएमपी एक्सप्रेसवे को वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के नाम से भी जाना जाता है. इसे 2009 में ही पूरा होना था लेकिन कई अड़चनों के कारण काम में बाधा आती गई. जमीन अधिग्रहण को लेकर कई दिक्कतें सामने आईं. वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (ईएमपी) के साथ केएमपी एक्सप्रेसवे तकरीबन 50 हजार बड़ी गाड़ियों को दिल्ली में घुसने से रोकने में सक्षम होगा. केएमपी एक्सप्रेसवे हरियाणा में पांच जगहों से होकर गुजरेगा. ये पांच जगह हैं- सोनीपत, झज्जर, गुरुग्राम, मेवात और पलवल. इस एक्सप्रेसवे की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इससे चार बड़े नेशनल हाइवे जुड़ते हैं-एनएच-1(दिल्ली-अंबाला-अमृतसर), एनएच-2 (दिल्ली-आगरा-वाराणसी-दनकुनी), एनएच-8 (दिल्ली-जयपुर-अहमदाबाद-मुंबई) और एनएच-10 (दिल्ली-हिसार-फजिल्का-भारत पाक सीमा).
6 लेन के इस एक्सप्रेसवे पर पार्किंग की जगह, पेट्रोल स्टेशन, पुलिस थाने, एक ट्रॉमा सेंटर, हेलीपैड, जलपान गृह और मनोरंजन केंद्र होंगे. इस रूट पर 8 छोटे और 6 बड़े पुल होंगे. इसके साथ ही 4 रेलवे ब्रिज, 34 अंडरपास और 64 पैदल यात्री क्रॉसिंग की सुविधा होगी.
वही दूसरी ओर, कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे (KMP एक्सप्रेसवे) को जनता के लिए खोले जाने से पहले ही कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अथवा हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर 'अधूरे एक्सप्रेसवे का उद्घाटन कर जनता की ज़िन्दगी को खतरे में डालने की' ज़िम्मेदारी लेंगे.
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