अब आप बिना कार्ड के भी एटीएम से पैसा निकाल सकेंगे. अब आप यूपीआर्इ के जरिये भी एटीएम से पैसा निकाल सकते हैं. इसके लिए आपको एटीएम की स्क्रीन पर एक क्यूआर कोड स्कैन करना होगा. मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, बैंकों को एटीएम सेवा उपलब्ध कराने वाली कंपनी एजीएस ट्रांजेक्शन टेक्नोलाजीज ने एक ऐसा ही सिस्टम विकसित किया है, जिसके तहत आप एटीएम से नकदी की निकासी के लिए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआर्इ) का भी उपयोग कर सकते हैं.
यह टेक्नीक उसी तरह काम करेगी जैसे यूपीआई के माध्यम से भुगतान किया जाता है. खबर के अनुसार एजीएस ट्रांजेक्ट की तरफ से कहा गया कि बैंक इस सर्विस को शुरू करने पर विचार कर रहे हैं. इस सर्विस को शुरू करने के लिए बैंकों को ज्यादा खर्चा करने और अपने इंफ्रास्ट्रक्चर में बदलाव की भी जरूरत नहीं पड़ेगी. इस सर्विस को शुरू करने के लिए एटीएम में एक सॉफ्टवेयर अपग्रेड करना होगा.
अभी इस सर्विस को नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) से मंजूरी मिलनी बाकी है. AGS का कहना है कि कंपनी ने इस तकनीक का परीक्षण पहले ही कर लिया है. इस फीचर के बारे में जब बैंकों को जानकारी दी गई तो बैंक इसे लेकर काफी उत्साहित हुए. रिपोर्ट के अनुसार सेकेंड जेनरेशन UPI 2.0 से मशीन से कैश निकालना पहले से काफी आसान हो जाएगा.
यूपीआर्इ के जरिये एटीएम से नकदी निकासी के लिए आपको ज्यादा झंझट करने की जरूरत नहीं होगी और ना ही इसके लिए आपको कोर्इ नयी सेवाओ का सहारा लेने की आवश्यकता होगी. यूपीआई कैश सर्विस में उपभोक्ताओ को कोई नयी सेवाएं लेने या फिर कोई नया एप डाउनलोड करने की जरुरत नहीं होगी, बल्कि केवल यूपीआई आधारित मोबाइल एप ही काफी होगी| अगर कोई उपभोक्ता यूपीआई पेमेंट कर रहा है, तो उसे केवल एटीएम स्क्रीन से क्यूआर कोड स्कैन करने की दरकार होगी.
एजीएस ट्रांजेक्शन टेक्नोलाॅजीज के अनुसार, कंपनी इसका पहले ही प्रायोगिक परीक्षण कर चुकी है. उन्होंने कहा कि हमने जिस किसी बैंक से बातचीत की, सभी ने इसके प्रति उत्साह दिखाया. अब इस सेवा को नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआर्इ) की मंजूरी का इंतजार है. यह संस्था एटीएम नेटवर्क्स और यूपीआई प्लेटफॉर्म के लिए नियम-कानून निर्धारित करती है. कंपनी के ग्रुप चीफ टेक्नॉलजी ऑफिसर महेश पटेल ने कहा, हार्डवेयर में किसी बदलाव की जरूरत नहीं होगी, उन्होंने कहा, 'यह मौजूदा कार्डलेस एटीएम निकासी से बेहतर है क्योंकि यह बिल्कुल आसान और तेज है।' वहीं, कंपनी के सीएमडी ने कहा, 'यूपीआई और एटीएम, दोनों एक ही प्लैटफॉर्म से संचालित होते हैं और यूपीआई सुरक्षित ट्रांजैक्शन सिस्टम साबित हो चुका है।
यह टेक्नीक उसी तरह काम करेगी जैसे यूपीआई के माध्यम से भुगतान किया जाता है. खबर के अनुसार एजीएस ट्रांजेक्ट की तरफ से कहा गया कि बैंक इस सर्विस को शुरू करने पर विचार कर रहे हैं. इस सर्विस को शुरू करने के लिए बैंकों को ज्यादा खर्चा करने और अपने इंफ्रास्ट्रक्चर में बदलाव की भी जरूरत नहीं पड़ेगी. इस सर्विस को शुरू करने के लिए एटीएम में एक सॉफ्टवेयर अपग्रेड करना होगा.
अभी इस सर्विस को नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) से मंजूरी मिलनी बाकी है. AGS का कहना है कि कंपनी ने इस तकनीक का परीक्षण पहले ही कर लिया है. इस फीचर के बारे में जब बैंकों को जानकारी दी गई तो बैंक इसे लेकर काफी उत्साहित हुए. रिपोर्ट के अनुसार सेकेंड जेनरेशन UPI 2.0 से मशीन से कैश निकालना पहले से काफी आसान हो जाएगा.
यूपीआर्इ के जरिये एटीएम से नकदी निकासी के लिए आपको ज्यादा झंझट करने की जरूरत नहीं होगी और ना ही इसके लिए आपको कोर्इ नयी सेवाओ का सहारा लेने की आवश्यकता होगी. यूपीआई कैश सर्विस में उपभोक्ताओ को कोई नयी सेवाएं लेने या फिर कोई नया एप डाउनलोड करने की जरुरत नहीं होगी, बल्कि केवल यूपीआई आधारित मोबाइल एप ही काफी होगी| अगर कोई उपभोक्ता यूपीआई पेमेंट कर रहा है, तो उसे केवल एटीएम स्क्रीन से क्यूआर कोड स्कैन करने की दरकार होगी.
एजीएस ट्रांजेक्शन टेक्नोलाॅजीज के अनुसार, कंपनी इसका पहले ही प्रायोगिक परीक्षण कर चुकी है. उन्होंने कहा कि हमने जिस किसी बैंक से बातचीत की, सभी ने इसके प्रति उत्साह दिखाया. अब इस सेवा को नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआर्इ) की मंजूरी का इंतजार है. यह संस्था एटीएम नेटवर्क्स और यूपीआई प्लेटफॉर्म के लिए नियम-कानून निर्धारित करती है. कंपनी के ग्रुप चीफ टेक्नॉलजी ऑफिसर महेश पटेल ने कहा, हार्डवेयर में किसी बदलाव की जरूरत नहीं होगी, उन्होंने कहा, 'यह मौजूदा कार्डलेस एटीएम निकासी से बेहतर है क्योंकि यह बिल्कुल आसान और तेज है।' वहीं, कंपनी के सीएमडी ने कहा, 'यूपीआई और एटीएम, दोनों एक ही प्लैटफॉर्म से संचालित होते हैं और यूपीआई सुरक्षित ट्रांजैक्शन सिस्टम साबित हो चुका है।
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