गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि अगर पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई अकेले नहीं संभाल पा रहा है तो हमसे मदद मांग सकता है। गृहमंत्री ने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान भारत में कोई बड़ा आतंकी हमला नहीं हुआ। आतंकवाद में कमी आई है और यह जम्मू-कश्मीर तक सीमित रह गया है।
गृहमंत्री ने कहा- जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और यह कोई विवाद का मसला नहीं है। मसला यहां पर आतंकवाद का है और पाकिस्तान इस पर हमसे चर्चा कर सकता है। उन्होंने कहा- मैं यह दावा नहीं करता कि आतंकवाद रुक गया है। लेकिन, पिछले साढ़े चार साल के दौरान कोई बड़ा आतंकी हमला नहीं हुआ। आतंकवाद केवल कश्मीर तक सीमित रह गया है और वहां पर भी हालात में सुधार हो रहा है। जम्मू-कश्मीर में पंचायत चुनाव सफलतापूर्वक पूरे कराए गए।
गृहमंत्री ने कहा कि देश और देश की सीमाएं सुरक्षित हैं आतंकवाद में कमी आई है और नक्सलवाद अगले कुछ साल में खत्म हो जाएगा। गृहमंत्री ने कहा, 'मैं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से पूछना चाहता हूं कि अगर अफगानिस्तान में अमेरिका का सहयोग लेकर तालिबान के खिलाफ लड़ाई हो सकती है तो आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई क्यों नहीं हो सकती? पाकिस्तान को अगर लगता है कि वह अकेले अपने दमखम पर आतंकवाद का मुकाबला नहीं कर सकता तो अपने पड़ोसी देश भारत से भी वह सहयोग ले सकता है।
पत्रकारों से बात करते हुए राजनाथ ने प्रदेश में फिर एक बार बीजेपी की सरकार आने की उम्मीद जताई, तो वहीं उनके निशाने पर मुख्य रूप से कांग्रेस रही। राफेल डील पर कांग्रेस की जेपीसी गठित करने की मांग को खारिज करते हुए कहा, 'अब जब कांग्रेस यह मामला सुप्रीम कोर्ट में ले गई है, तो उसी के जजमेंट का इंतजार करना चाहिए।' राजनाथ ने कहा, 'कांग्रेस ने देश की राजनीति में विश्वास का संकट पैदा किया है। कांग्रेस के लिए मंदिर और गाय चुनावी मुद्दा हो सकता है, लेकिन बीजेपी के लिए यह कोई चुनावी स्टंट नहीं है। यह हमारे सांस्कृतिक जीवन का अभिन्न अंग है।'
गृहमंत्री ने कहा कि देश और देश की सीमाएं सुरक्षित हैं आतंकवाद में कमी आई है और नक्सलवाद अगले कुछ साल में खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा, ‘मैं कह सकता हूं कि देश सुरक्षित है। जनता को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमारी सीमाएं सुरक्षित हैं। देश का मस्तक ऊंचा रहेगा।
गृहमंत्री ने कहा, ‘बीते चार साल में पहले की तुलना में नक्सलवाद में 50-60 प्रतिशत की कमी आई है। 90 जिलों का नक्सलवाद आठ नौ जिलों में सिमट कर रह गया है। तीन से पांच साल में यह नक्सलवाद समाप्त हो जाएगा।
गृहमंत्री ने कहा- जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और यह कोई विवाद का मसला नहीं है। मसला यहां पर आतंकवाद का है और पाकिस्तान इस पर हमसे चर्चा कर सकता है। उन्होंने कहा- मैं यह दावा नहीं करता कि आतंकवाद रुक गया है। लेकिन, पिछले साढ़े चार साल के दौरान कोई बड़ा आतंकी हमला नहीं हुआ। आतंकवाद केवल कश्मीर तक सीमित रह गया है और वहां पर भी हालात में सुधार हो रहा है। जम्मू-कश्मीर में पंचायत चुनाव सफलतापूर्वक पूरे कराए गए।
गृहमंत्री ने कहा कि देश और देश की सीमाएं सुरक्षित हैं आतंकवाद में कमी आई है और नक्सलवाद अगले कुछ साल में खत्म हो जाएगा। गृहमंत्री ने कहा, 'मैं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से पूछना चाहता हूं कि अगर अफगानिस्तान में अमेरिका का सहयोग लेकर तालिबान के खिलाफ लड़ाई हो सकती है तो आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई क्यों नहीं हो सकती? पाकिस्तान को अगर लगता है कि वह अकेले अपने दमखम पर आतंकवाद का मुकाबला नहीं कर सकता तो अपने पड़ोसी देश भारत से भी वह सहयोग ले सकता है।
पत्रकारों से बात करते हुए राजनाथ ने प्रदेश में फिर एक बार बीजेपी की सरकार आने की उम्मीद जताई, तो वहीं उनके निशाने पर मुख्य रूप से कांग्रेस रही। राफेल डील पर कांग्रेस की जेपीसी गठित करने की मांग को खारिज करते हुए कहा, 'अब जब कांग्रेस यह मामला सुप्रीम कोर्ट में ले गई है, तो उसी के जजमेंट का इंतजार करना चाहिए।' राजनाथ ने कहा, 'कांग्रेस ने देश की राजनीति में विश्वास का संकट पैदा किया है। कांग्रेस के लिए मंदिर और गाय चुनावी मुद्दा हो सकता है, लेकिन बीजेपी के लिए यह कोई चुनावी स्टंट नहीं है। यह हमारे सांस्कृतिक जीवन का अभिन्न अंग है।'
गृहमंत्री ने कहा कि देश और देश की सीमाएं सुरक्षित हैं आतंकवाद में कमी आई है और नक्सलवाद अगले कुछ साल में खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा, ‘मैं कह सकता हूं कि देश सुरक्षित है। जनता को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमारी सीमाएं सुरक्षित हैं। देश का मस्तक ऊंचा रहेगा।
गृहमंत्री ने कहा, ‘बीते चार साल में पहले की तुलना में नक्सलवाद में 50-60 प्रतिशत की कमी आई है। 90 जिलों का नक्सलवाद आठ नौ जिलों में सिमट कर रह गया है। तीन से पांच साल में यह नक्सलवाद समाप्त हो जाएगा।
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