वैष्णो देवी-भैरो मंदिर रोपवे सेवा शुरू - जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने सोमवार को मां वैष्णो देवी भवन से भैरों घाटी के लिए यात्री रोपवे सेवा का ई-उद्घाटन किया। जम्मू कश्मीर के रियासी जिले की त्रिकुटा पहाड़ी में गुफा मंदिर जाने वाले भक्तों के लिए यह सेवा शुरू की गई है. 85 करोड़ रूपए की लागत वाली इस सेवा से मां वैष्णो देवी मंदिर आने वाले तीर्थयात्रियों को काफी सहूलियत होगी। राज्यपाल मलिक श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं.
रोपवे से जुड़े सामान और केबिन स्विट्जरलैंड से मंगाए गए हैं. रोपवे से प्रति घंटे 800 यात्री सफर कर सकेंगे. राज्यपाल ने इस मेगा परियोजना को वास्तविकता में बदलने वाले अधिकारियों की इंजीनियरों के प्रयासों की सराहना की. उन्होंने परियोजना के सुरक्षा पहलु का जिक्र करते हुए कहा कि बचाव और राहत तैयारियां अंतरराष्ट्रीय स्तर की होनी चाहिए. यह योजना 75 करोड़ की लागत से चार साल में पूरी हुई है। इसे स्विट्जरलैंड की गर्वनमेंट ऑफ एजी और दामोदर रोपवे के विशेषज्ञों और इंजीनियरों ने पूरा किया है।
वैष्णो देवी-भैरो मंदिर रोपवे सेवा शुरू - आधिकारिक प्रवक्ता के अनुसार राज्यपाल मलिक ने यहां राज भवन में एक समारोह में इस अत्याधुनिक सेवा का लोकार्पण किया, उन्होंने कहा कि रोपवे की सुविधा शुरू होने से भवन और भैरों मंदिर के बीच यात्रा का समय एक घंटा से घटकर मात्र 3 मिनट रह जाएगा। इससे पहले रविवार दोपहर को रोपवे के ट्रायल लिए गए जिसमें करीब तीन हजार से भी अधिक श्रद्धालुओं ने सेवा का निशुल्क लाभ उठाया. श्राइन बोर्ड ने टिकट दर कम रखने का फैसला किया है इसलिए यहां रोपवे के लिए 100 रुपये प्रति यात्री देने होंगे। अब जब रोपवे सेवा शुरू हो गई है तो बच्चे और बुजुर्ग आसानी से भैरो मंदिर जा सकेंगे और वहां पूजा अर्चना कर सकेंगे.
धार्मिक मान्यता है कि मां वैष्णो देवी के दरबार में आने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा तब तक पूरी नहीं मानी जाती, जब तक श्रद्धालु भैरों घाटी जाकर मंदिर में दर्शन न कर लें। लेकिन, वैष्णो देवी मंदिर में दर्शन करने के बाद अक्सर श्रद्धालु इतने थक जाते हैं कि वे भैरों घाटी की 6600 फीट की खड़ी चढ़ाई पूरी नहीं कर पाते और बिना दर्शन किए ही वापस चले जाते हैं। वैसे वैष्णो देवी भवन से भैरों घाटी की दूरी सिर्फ 3.5 किलोमीटर है लेकिन चढ़ाई अधिक है।
वैष्णो देवी-भैरो मंदिर रोपवे सेवा शुरू - राज्यपाल ने इस मेगा परियोजना को वास्तविकता में बदलने वाले अधिकारियों एवं इंजीनियरों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने परियोजना के सुरक्षा पहलु का जिक्र करते हुए कहा कि बचाव और राहत तैयारियां अंतरराष्ट्रीय स्तर की होनी चाहिए।
रोपवे से जुड़े सामान और केबिन स्विट्जरलैंड से मंगाए गए हैं. रोपवे से प्रति घंटे 800 यात्री सफर कर सकेंगे. राज्यपाल ने इस मेगा परियोजना को वास्तविकता में बदलने वाले अधिकारियों की इंजीनियरों के प्रयासों की सराहना की. उन्होंने परियोजना के सुरक्षा पहलु का जिक्र करते हुए कहा कि बचाव और राहत तैयारियां अंतरराष्ट्रीय स्तर की होनी चाहिए. यह योजना 75 करोड़ की लागत से चार साल में पूरी हुई है। इसे स्विट्जरलैंड की गर्वनमेंट ऑफ एजी और दामोदर रोपवे के विशेषज्ञों और इंजीनियरों ने पूरा किया है।
वैष्णो देवी-भैरो मंदिर रोपवे सेवा शुरू - आधिकारिक प्रवक्ता के अनुसार राज्यपाल मलिक ने यहां राज भवन में एक समारोह में इस अत्याधुनिक सेवा का लोकार्पण किया, उन्होंने कहा कि रोपवे की सुविधा शुरू होने से भवन और भैरों मंदिर के बीच यात्रा का समय एक घंटा से घटकर मात्र 3 मिनट रह जाएगा। इससे पहले रविवार दोपहर को रोपवे के ट्रायल लिए गए जिसमें करीब तीन हजार से भी अधिक श्रद्धालुओं ने सेवा का निशुल्क लाभ उठाया. श्राइन बोर्ड ने टिकट दर कम रखने का फैसला किया है इसलिए यहां रोपवे के लिए 100 रुपये प्रति यात्री देने होंगे। अब जब रोपवे सेवा शुरू हो गई है तो बच्चे और बुजुर्ग आसानी से भैरो मंदिर जा सकेंगे और वहां पूजा अर्चना कर सकेंगे.
धार्मिक मान्यता है कि मां वैष्णो देवी के दरबार में आने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा तब तक पूरी नहीं मानी जाती, जब तक श्रद्धालु भैरों घाटी जाकर मंदिर में दर्शन न कर लें। लेकिन, वैष्णो देवी मंदिर में दर्शन करने के बाद अक्सर श्रद्धालु इतने थक जाते हैं कि वे भैरों घाटी की 6600 फीट की खड़ी चढ़ाई पूरी नहीं कर पाते और बिना दर्शन किए ही वापस चले जाते हैं। वैसे वैष्णो देवी भवन से भैरों घाटी की दूरी सिर्फ 3.5 किलोमीटर है लेकिन चढ़ाई अधिक है।
वैष्णो देवी-भैरो मंदिर रोपवे सेवा शुरू - राज्यपाल ने इस मेगा परियोजना को वास्तविकता में बदलने वाले अधिकारियों एवं इंजीनियरों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने परियोजना के सुरक्षा पहलु का जिक्र करते हुए कहा कि बचाव और राहत तैयारियां अंतरराष्ट्रीय स्तर की होनी चाहिए।
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