स्पीकर पद के लिए सीपी जोशी और दीपेंद्र सिंह का नाम सबसे आगे
जयपुर ।
कांग्रेस सरकार की ओर से 15 जनवरी से विधानसभा सत्र शुरू हो रहा है। विधानसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों के शपथ लेने के बाद स्पीकर चयन की प्रक्रिया शुरू होगी। स्पीकर जिसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री सीपी जोशी और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष दीपेंद्र सिंह का नाम सबसे आगे चल रहा है। माना जा रहा है कि इन दोनों में से ही किसी एक नेता का नाम स्पीकर पद के लिए फाइनल किया जाएगा।
पार्टी आला कमान के स्तर से भी प्रदेश के नामों को लेकर बता दिया गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री सीपी जोशी एक साल पहले तक राहुल गांधी के काफी करीब थे। राष्ट्रीय स्तर पर उनका काफी प्रभाव था। एक साथ कई राज्यों के प्रभारी थे।
मनमोहन सरकार में एक साथ जोशी के पास कई मंत्रालय हुआ करता था, लेकिन पार्टी की ओर से अचानक उनके प्रभाव को कम कर दिया गया। 2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी की ओर से उन्हें अशोक गहलोत और सचिन पायलट की तरह सीपी जोशी को भी चुनाव मैदान में उतारा गया था।
जोशी भी चुनाव जीतकर आ चुके हैं, लेकिन वह कैबिनेट मंत्री नहीं बन पाए। सूत्रों का कहना है कि उनकी सीनियॉरिटी को ध्यान में रखकर पार्टी की ओर से स्पीकर बनाने का संकेत दिया गया है, जबकि गहलोत सरकार में 2008 से 2013 के बीच दीपेंद्र सिंह शेखावत स्पीकर रह चुके हैं।
वह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के काफी करीबी भी माने जाते हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि गहलोत की ओर से शेखावत को एक बार और सदन चलाने के लिए मौका दिया जा सकता है। इसके जरिए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस राजपूत समाज को भी साध सकती है।
कांग्रेस की ओर से सदन में मुख्य सचेतक और उप मुख्य सचेतक बनाने को लेकर भी चर्चा चल रही है। मुख्य सचेतक पद की कमान हवामहल सीट से चुनाव जीतकर आने वाले विधायक महेश जोशी को दी जा सकती है।
जोशी भी अशोक गहलोत के काफी करीबी माने जाते हैं। जोशी के जरिए ब्राह्मण वोट बैंक को कांग्रेस की ओर से साधने की कोशिश की जाएगी। खासकर जयपुर सीट पर इसका लाभ कांग्रेस को मिल सकता है।
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