प्रदेश में स्वाइन फ्लू का आंकड़ा नए साल के तीन दिन में 86 है, वहीं अकेले जोधपुर में 44 व संभाग में 41 पॉजिटिव आए हैं, प्रदेश में सर्वाधिक तीन मौतें भी जोधपुर में ही हुई हैं, जयपुर में 18 पॉजिटिव मरीज और जयपुर संभाग में 28 मरीज 3 दिन में पॉजिटिव आए हैं, जयपुर में फ्लू से कोई भी मौत नहीं हुई है।
गुरुवार को माइक्रोबॉयोलॉजी लैब में 51 संदिग्धों के सैंपल लिए, जांच में 25 पॉजिटिव आए, वहीं लगातार तीसरे दिन एक और मरीज की मौत हो गई है।
पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा बढ़ता देख मेडिकल कॉलेज ने आमजन जागरूकता के लिए उम्मेद अस्पताल के ऑडिटोरियम में पब्लिक लेक्चर का आयोजन किया।
विशेषज्ञ डॉक्टरों ने स्वाइन फ्लू के लक्षण, बचाव और कब जांच की जरूरत है, आदि पर आमजन को जागरूक किया, सीएमएचओ डॉ. सुनील कुमार बिष्ट ने महामंदिर और मदेरणा कॉलोनी की डिस्पेंसरी में स्वाइन फ्लू की रोकथाम के लिए नर्सिंग स्टाफ और एएनएम के द्वारा किए जा रहे प्रयासों का जायजा लिया।
स्वाइन फ्लू क्या है ?
स्वाइन फ्लू इंफ्लूएंजा वायरस से होता है, इसमें सर्दी जुकाम व बुखार होता है, कभी कभी कुछ मरीजों में गंभीर होकर जानलेवा भी हो सकती है।
गंभीर होने की संभावना वृद्धों में, 2 साल से छोटे बच्चों में, सांस, हार्ट, गुर्दा, शुगर आदि लंबी बीमारी से ग्रसित व्यक्तियों में ज्यादा होती है। गर्भवतियों में भी ज्यादा होती है।
स्वाइन फ्लू के 99 प्रतिशत से ज्यादा मरीजों का सिर्फ सर्दी जुकाम व बुखार ही होता है, जो खुद ठीक हो जाता है, कुछ प्रतिशत मरीजों में ही बढ़ने की आशंका रहती है।
सर्दी कोई भी जुकाम-बुखार स्वाइन फ्लू हो सकता है। सभी का टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है।
मरीज के खांसते-छींकते वक्त रुमाल काम लें, दूसरा व्यक्ति ध्यान रखे कि जहां मरीज खांसी-छींक कर रहा है वहां किसी चीज को हाथ नहीं लगाएं।
सामान्य और मरीज दोनों को ही बार-बार साबुन से हाथ धोने चाहिए। यह इस बीमारी से बचने का एक सबसे अच्छा तरीका है।
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