जयपुर।
मंत्रीमंडल सचिवालय ने 15वीं विधानसभा का पहला सत्र प्रारंभ होने के बावजूद अब तक वार्षिक प्रगति प्रतिवेदन नहीं भेजने वाले विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही करने की चेतावनी दी है।
मंत्रीमंडल सचिवालय के शासन सचिव डॉ. राजेश शर्मा ने इस संबंध में एक परिपत्र जारी कर वार्षिक प्रगति प्रतिवेदन नहीं भेजने वाले विभागों को 11 फरवरी से विधानसभा सत्र पुन: शुरू होने से पहले प्रतिवेदन भेजने के निर्देश दिए हैं।
मंत्रीमंडल सचिवालय ने 27 दिसंबर, 2018 को सभी विभागों को यह प्रतिवेदन भेजने के निर्देश दिए थे। इसके बाद 25 जनवरी, 2019 को एक रिमांडर भी जारी किया था।
मंत्रीमंडल सचिवालय ने 27 दिसंबर, 2018 को सभी विभागों को यह प्रतिवेदन भेजने के निर्देश दिए थे। इसके बाद 25 जनवरी, 2019 को एक रिमांडर भी जारी किया था।
इसके बावजूद कई विभागों ने अब तक अपने वार्षिक प्रगति प्रतिवेदन नहीं भेजे हैं। 11 फरवरी से पुन: शुरू हो रहे सत्र में सरकार लेखानुदान पेश कर सकती है और बजट चर्चा के दौरान ही वार्षिक प्रगति प्रतिवेदन में दिए आंकड़े व सूचनाएं विभिन्न मुद्दों पर होने वाली चर्चा में विधायकों के काम आते हैं।
मंत्रीमंडल सचिवालय ने अब तक प्रतिवेदन नहीं भेजने वाले विभागों को सत्र पुन: शुरू होने के बाद या सात दिन पहले 31 दिसंबर, 2018 तक के आंकड़े व सूचना प्रतिवेदन में शामिल कर 325 प्रतियां विधानसभा को, पांच प्रति वित्त (आय-व्ययक) विभाग को,एक-एक प्रति राज्यपाल के प्रमुख सचिव व महालेखाकार को और सांसदों तथा मंत्रीमंडल सचिवालय को भेजने के निर्देश दिए हैं।
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