गले लगने पर कांग्रेस का बवाल
कई दिनों तक शांत रहने के बाद कांग्रेस ने पीएम मोदी पर सवालों के तीर चलाए हैं, कांग्रेस ने पूछा है कि पाकिस्तान को अरबों डॉलर की मदद करने वाले सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को प्रधानमंत्री ने पहले एयरपोर्ट और फिर राष्ट्रपति भवन में गले क्यों लगाया?
सवाल सही है राहुल गाँधी ने जब पीएम मोदी को गले लगाया तो मोदी सहित बी जे पी के सभी सांसदों ने राहुल का मजाक बनाते हुए कहा था इसे क्या कहेंगे गले लगना या गले पड़ना और आज जब मोदी ने उन सऊदी प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को प्रोटोकॉल तोड़कर गले लगाया, जिन्होंने कुछ घंटों पहले ही पाकिस्तान को दिल खोलकर अरबों डॉलर की मदद का वादा किया था तो कांग्रेस का प्र्शन पूछना लाजमी है।
कांग्रेस ने ट्वीट किया है कि नरेंद्र मोदी ने दिखा दिया है कि वो शहीदों और भारत के हर सैनिक के बलिदान और उनकी सेवाओं के बारे में क्या सोचते हैं?
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पूछा, मोदी जी क्या राष्ट्रहित यही है कि जिसने पाकिस्तान को 20 अरब डॉलर देने का वादा किया और आतंकवाद रोकने की पाकिस्तान की कोशिशों की जमकर तारीफ की उसका इतने भव्य तरीके से आप भारत में स्वागत कर रहे हैं, क्या यही पुलवामा के शहीदों को याद करने का आपका तरीका है?
सुरजेवाला ने पीएम मोदी से पूछा कि क्या वो सऊदी क्राउन प्रिंससे कहेंगे कि उन्होंने पाकिस्तान के साथ जो संयुक्त बयान दिया है उसे वापस लें?
कांग्रेस प्रवक्ता के मुताबिक पाकिस्तान और सऊदी अरब का संयुक्त बयान एक तरह से जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को 'अंतराष्ट्रीय आतंकवादी' घोषित करने की भारत की मांग को खारिज करता है, पाकिस्तान और सऊदी अरब के संयुक्त बयान की तरफ इशारा करते हुए सुरजेवाला ने पूछा क्या किसी आतंकवादी को आतंकवादी घोषित करना संयुक्त राष्ट्र की प्रक्रिया का राजनीतिकरण है?
कांग्रेस ने पुलवामा हमले के बाद भारत की कूटनीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान और सऊदी प्रिंस के संयुक्त बयान में हिंसा की निंदा नहीं की गई है, उल्टे क्राउन प्रिंस ने आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान की कोशिशों की तारीफ की है, इसका मतलब यही हुआ कि मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने की भारत की मांग पर चुप्पी साध ली गई है।
गले लगने पर कांग्रेस का बवाल
क्या था इमरान खान और क्राउन प्रिंस का संयुक्त बयान।
सऊदी अरब और पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ मुहिम जारी रखेंगे, दोनों देश आतंकवाद के सताए हुए हैं और इसका मुकाबला करने में बहुत बलिदान दिया है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी ग्लोबल आतंकवाद से निपटने में पाकिस्तान और सऊदी अरब का साथ देना चाहिए।
आतंकवादी घोषित करने की संयुक्त राष्ट्र की लिस्टिंग का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए।
इमरान खाने के जिस खुले दिल से भारत के साथ बातचीत की पेशकश की है उस पर क्राउन प्रिंस ने खुशी जताई।
करतारपुर साहिब कॉरिडोर खोलने की पहल बहुत अच्छी है और सभी मामले सुलझाने और स्थायी शांति के लिए बातचीत ही एकमात्र तरीका है।
फरवरी को पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद से विपक्ष ने मोदी सरकार के खिलाफ कुछ नहीं कहा था, लेकिन 18 फरवरी को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सवाल उठाया था कि चुनाव करीब आते ही पुलवामा हमला क्यों हुआ? ममता ने ये आरोप भी लगाया था कि बीजेपी इस बहाने देश में सांप्रदायिक तनाव फैलाना चाहती है।
कांग्रेस नेता अभिषेक मनुसिंघवी और कपिल सिब्बल ने भी पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर हुए हमले के लिए गंभीर सुरक्षा चूक को भी जिम्मेदार ठहराया था।
कई दिनों तक शांत रहने के बाद कांग्रेस ने पीएम मोदी पर सवालों के तीर चलाए हैं, कांग्रेस ने पूछा है कि पाकिस्तान को अरबों डॉलर की मदद करने वाले सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को प्रधानमंत्री ने पहले एयरपोर्ट और फिर राष्ट्रपति भवन में गले क्यों लगाया?
सवाल सही है राहुल गाँधी ने जब पीएम मोदी को गले लगाया तो मोदी सहित बी जे पी के सभी सांसदों ने राहुल का मजाक बनाते हुए कहा था इसे क्या कहेंगे गले लगना या गले पड़ना और आज जब मोदी ने उन सऊदी प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को प्रोटोकॉल तोड़कर गले लगाया, जिन्होंने कुछ घंटों पहले ही पाकिस्तान को दिल खोलकर अरबों डॉलर की मदद का वादा किया था तो कांग्रेस का प्र्शन पूछना लाजमी है।
कांग्रेस ने ट्वीट किया है कि नरेंद्र मोदी ने दिखा दिया है कि वो शहीदों और भारत के हर सैनिक के बलिदान और उनकी सेवाओं के बारे में क्या सोचते हैं?
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पूछा, मोदी जी क्या राष्ट्रहित यही है कि जिसने पाकिस्तान को 20 अरब डॉलर देने का वादा किया और आतंकवाद रोकने की पाकिस्तान की कोशिशों की जमकर तारीफ की उसका इतने भव्य तरीके से आप भारत में स्वागत कर रहे हैं, क्या यही पुलवामा के शहीदों को याद करने का आपका तरीका है?
सुरजेवाला ने पीएम मोदी से पूछा कि क्या वो सऊदी क्राउन प्रिंससे कहेंगे कि उन्होंने पाकिस्तान के साथ जो संयुक्त बयान दिया है उसे वापस लें?
कांग्रेस प्रवक्ता के मुताबिक पाकिस्तान और सऊदी अरब का संयुक्त बयान एक तरह से जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को 'अंतराष्ट्रीय आतंकवादी' घोषित करने की भारत की मांग को खारिज करता है, पाकिस्तान और सऊदी अरब के संयुक्त बयान की तरफ इशारा करते हुए सुरजेवाला ने पूछा क्या किसी आतंकवादी को आतंकवादी घोषित करना संयुक्त राष्ट्र की प्रक्रिया का राजनीतिकरण है?
कांग्रेस ने पुलवामा हमले के बाद भारत की कूटनीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान और सऊदी प्रिंस के संयुक्त बयान में हिंसा की निंदा नहीं की गई है, उल्टे क्राउन प्रिंस ने आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान की कोशिशों की तारीफ की है, इसका मतलब यही हुआ कि मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने की भारत की मांग पर चुप्पी साध ली गई है।
गले लगने पर कांग्रेस का बवाल
क्या था इमरान खान और क्राउन प्रिंस का संयुक्त बयान।
सऊदी अरब और पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ मुहिम जारी रखेंगे, दोनों देश आतंकवाद के सताए हुए हैं और इसका मुकाबला करने में बहुत बलिदान दिया है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी ग्लोबल आतंकवाद से निपटने में पाकिस्तान और सऊदी अरब का साथ देना चाहिए।
आतंकवादी घोषित करने की संयुक्त राष्ट्र की लिस्टिंग का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए।
इमरान खाने के जिस खुले दिल से भारत के साथ बातचीत की पेशकश की है उस पर क्राउन प्रिंस ने खुशी जताई।
करतारपुर साहिब कॉरिडोर खोलने की पहल बहुत अच्छी है और सभी मामले सुलझाने और स्थायी शांति के लिए बातचीत ही एकमात्र तरीका है।
फरवरी को पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद से विपक्ष ने मोदी सरकार के खिलाफ कुछ नहीं कहा था, लेकिन 18 फरवरी को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सवाल उठाया था कि चुनाव करीब आते ही पुलवामा हमला क्यों हुआ? ममता ने ये आरोप भी लगाया था कि बीजेपी इस बहाने देश में सांप्रदायिक तनाव फैलाना चाहती है।
कांग्रेस नेता अभिषेक मनुसिंघवी और कपिल सिब्बल ने भी पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर हुए हमले के लिए गंभीर सुरक्षा चूक को भी जिम्मेदार ठहराया था।
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