अभिनंदन का अभिनंदन, वायुसेना के अफसर रहे मौजूद
आखिरकार वो पल आ गया जब देश का जाबांज वायुसेना का विंग कमांडर भारत लौट आया है।
अटारी सीमा पर हलचल तेज हुई और इंटिग्रेटेड चेक पोस्ट से वायुसेना और सेना के अधिकारियों के वाहन सीमा की तरफ गए और इंतजार जिसके बाद विंग कमांडर इस रास्ते से भारत की धरती पर कदम रखा ।
अटारी सीमा से उन्हें सीधे अमृतसर एयरपोर्ट ले जाया जाएगा और वहां से उन्हें विशेष विमान से दिल्ली ले जाया जाएगा।
अभिनंदन के आने की खबर से बाहर खड़े लोगों में भारी उत्साह हैं।
बुधवार को मिग-21 से पाक विमानों को खदड़ने के दौरान पाक सीमा में पहुंच गए अभिनंदन को वहां की सेना ने हिरासत में ले लिया था।
भारत और दुनिया के दबाव में आकर पाक पीएम ने गुरुवार को अभिनंदन को रिहा करने की घोषणा की जिसके बाद अब वो वाघा सीमा से भारत लौट आये ।
उनके स्वागत के लिए उनके माता-पिता के अलावा एयरफोर्स की टीम और कईं बड़े अधिकारी वहां मौजूद थे । अभिनंदन को वायुसेना अधिकारियों की टीम रिसीव करेगी।
अभिनंदन के आने पर सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए रोजाना होने वाली बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी रद्द कर दी गई इसके बाद यहां पहुंचे लोगों में मायूसी है थी लेकिन अभिनंदन के आने का जोश भी, सुबह से ही यहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे ।
अभिनंदन का अभिनंदन, वायुसेना के अफसर रहे मौजूद
राज्य के मुख्यमंत्री को भी यहां आने की अनुमति नहीं दी गई, अमृतसर के डीसी शिव दुलार ढिल्लों ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह सेरेमनी नहीं होगी, सेरेमेनी देखने पहुंचे लोगों को वापस लौटा दिया गया ।
दर्शकों को सेरेमनी के लिए देखने के लिए अंदर प्रवेश दे दिया गया था, लेकिन बाद में उनका वहां से हटा दिया गया।
इससे पहले 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान रिट्रीट सेरेमनी यहां बंद हुई थी, इसके बाद दिसंबर 2014 में पाकिस्तान में वाघा बॉर्डर पर हुए आत्मघाती हमले के बाद बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी तीन दिन के लिए बंद कर दी गई थी।
इसके बाद सितंबर 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक के बाद बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी को एक दिन के लिए कैंसिल कर दिया गया था।
ऐसे में हम आपको बता रहे हैं कि विंग कमांडर अभिनंदन को फिर से फाइटर जेट उड़ाने में कितना समय लग सकता है?
वायुसेना के नियमों के मुताबिक पहले उन्हें कुछ टेस्ट से गुजरना होगा, उसके बाद ही वह फिर से फाइटर जेट उड़ा पाएंगे, इस पूरी प्रक्रिया में कम से कम तीन महीने या उससे ज़्यादा का समय लग सकता है ।
विमान उड़ाने के दौरान होने वाले किसी भी हादसे के बाद जब कोई पायलट वापस ड्यूटी पर लौटता है, तो वायुसेना के नियमों के मुताबिक उसका पूरा मेडिकल चेकअप होता है ।
सबसे पहले निश्चित किया जाता है की किसी तरह की गंभीर चोट तो नहीं लगी है, क्योंकि हादसे में विमान से बाहर निकलते समय रीढ़ की हड्डी में चोट लगने का ख़तरा सबसे ज्यादा होता है,ऐसे में अगर पायलट मेडिकल फिटनेस के जरिए जेट उड़ाने के लिए तय नियमों खरा नहीं उतरता तो उसे फाइटर उड़ाने की अनुमति नहीं दी जाती, अगर मानक पूरे नहीं होते तो पायलट को किसी दूसरे विमान पर शिफ्ट किया जाता है ।
विंग कमांडर अभिनंदन के माता-पिता जैसे ही चेन्नई से दिल्ली जाने वाले विमान में चढ़े तो विमान के सभी यात्री खड़े हो गए और उन्होंने तालियों के साथ उनका स्वागत किया ।
अभिनंदन की तीन पीढ़ियां देश की रक्षा में समर्पित रही हैं, अभिनंदन के पिता एस वर्तमान पूर्व वायुसेना अधिकारी रहे हैं ।
अभिनंदन के पिता को लड़ाकू विमान चलाने का 4 हजार घंटे का अनुभव है.वो करगिल युद्ध के दौरान एयर मार्शल रहे थे जबकि अभिनंदन के दादा सेकंड वर्ल्ड वॉर में वायुसेना में थे, अभिनंदन ने साल 2004 में भारतीय वायुसेना ज्वाइन की थी ।
दैनिक चमकता राजस्थान
आखिरकार वो पल आ गया जब देश का जाबांज वायुसेना का विंग कमांडर भारत लौट आया है।
अटारी सीमा पर हलचल तेज हुई और इंटिग्रेटेड चेक पोस्ट से वायुसेना और सेना के अधिकारियों के वाहन सीमा की तरफ गए और इंतजार जिसके बाद विंग कमांडर इस रास्ते से भारत की धरती पर कदम रखा ।
अटारी सीमा से उन्हें सीधे अमृतसर एयरपोर्ट ले जाया जाएगा और वहां से उन्हें विशेष विमान से दिल्ली ले जाया जाएगा।
अभिनंदन के आने की खबर से बाहर खड़े लोगों में भारी उत्साह हैं।
बुधवार को मिग-21 से पाक विमानों को खदड़ने के दौरान पाक सीमा में पहुंच गए अभिनंदन को वहां की सेना ने हिरासत में ले लिया था।
भारत और दुनिया के दबाव में आकर पाक पीएम ने गुरुवार को अभिनंदन को रिहा करने की घोषणा की जिसके बाद अब वो वाघा सीमा से भारत लौट आये ।
उनके स्वागत के लिए उनके माता-पिता के अलावा एयरफोर्स की टीम और कईं बड़े अधिकारी वहां मौजूद थे । अभिनंदन को वायुसेना अधिकारियों की टीम रिसीव करेगी।
अभिनंदन के आने पर सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए रोजाना होने वाली बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी रद्द कर दी गई इसके बाद यहां पहुंचे लोगों में मायूसी है थी लेकिन अभिनंदन के आने का जोश भी, सुबह से ही यहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे ।
अभिनंदन का अभिनंदन, वायुसेना के अफसर रहे मौजूद
राज्य के मुख्यमंत्री को भी यहां आने की अनुमति नहीं दी गई, अमृतसर के डीसी शिव दुलार ढिल्लों ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह सेरेमनी नहीं होगी, सेरेमेनी देखने पहुंचे लोगों को वापस लौटा दिया गया ।
दर्शकों को सेरेमनी के लिए देखने के लिए अंदर प्रवेश दे दिया गया था, लेकिन बाद में उनका वहां से हटा दिया गया।
इससे पहले 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान रिट्रीट सेरेमनी यहां बंद हुई थी, इसके बाद दिसंबर 2014 में पाकिस्तान में वाघा बॉर्डर पर हुए आत्मघाती हमले के बाद बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी तीन दिन के लिए बंद कर दी गई थी।
इसके बाद सितंबर 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक के बाद बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी को एक दिन के लिए कैंसिल कर दिया गया था।
ऐसे में हम आपको बता रहे हैं कि विंग कमांडर अभिनंदन को फिर से फाइटर जेट उड़ाने में कितना समय लग सकता है?
वायुसेना के नियमों के मुताबिक पहले उन्हें कुछ टेस्ट से गुजरना होगा, उसके बाद ही वह फिर से फाइटर जेट उड़ा पाएंगे, इस पूरी प्रक्रिया में कम से कम तीन महीने या उससे ज़्यादा का समय लग सकता है ।
विमान उड़ाने के दौरान होने वाले किसी भी हादसे के बाद जब कोई पायलट वापस ड्यूटी पर लौटता है, तो वायुसेना के नियमों के मुताबिक उसका पूरा मेडिकल चेकअप होता है ।
सबसे पहले निश्चित किया जाता है की किसी तरह की गंभीर चोट तो नहीं लगी है, क्योंकि हादसे में विमान से बाहर निकलते समय रीढ़ की हड्डी में चोट लगने का ख़तरा सबसे ज्यादा होता है,ऐसे में अगर पायलट मेडिकल फिटनेस के जरिए जेट उड़ाने के लिए तय नियमों खरा नहीं उतरता तो उसे फाइटर उड़ाने की अनुमति नहीं दी जाती, अगर मानक पूरे नहीं होते तो पायलट को किसी दूसरे विमान पर शिफ्ट किया जाता है ।
विंग कमांडर अभिनंदन के माता-पिता जैसे ही चेन्नई से दिल्ली जाने वाले विमान में चढ़े तो विमान के सभी यात्री खड़े हो गए और उन्होंने तालियों के साथ उनका स्वागत किया ।
अभिनंदन की तीन पीढ़ियां देश की रक्षा में समर्पित रही हैं, अभिनंदन के पिता एस वर्तमान पूर्व वायुसेना अधिकारी रहे हैं ।
अभिनंदन के पिता को लड़ाकू विमान चलाने का 4 हजार घंटे का अनुभव है.वो करगिल युद्ध के दौरान एयर मार्शल रहे थे जबकि अभिनंदन के दादा सेकंड वर्ल्ड वॉर में वायुसेना में थे, अभिनंदन ने साल 2004 में भारतीय वायुसेना ज्वाइन की थी ।
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