सपा ने वाराणसी में पीएम मोदी के खिलाफ BSF से बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव को दिया टिकट
लोकसभा चुनाव के चौथे चरण बीत जाने के बाद सपा-बसपा गठबंधन ने वाराणसी को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है । समाजवादी पार्टी ने वाराणसी लोकसभा सीट से प्रत्याशी बदलते हुए तेजबहादुर यादव को टिकट दे दिया है,तेज बहादुर यादव (BSF कर्मी, जिसे सैनिकों को दिए जाने वाले भोजन की क्वालिटी से जुड़ा वीडियो जारी करने के बाद नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था) ।
अब शालिनी यादव के स्थान पर पार्टी उम्मीदवार होंगे, और BJP प्रत्याशी व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुकाबला करेंगे।
गौरतलब है कि तेज बहादुर यादव ने बीएसएफ (BSF) में रहते हुए खराब खाने की शिकायत की थी, जिसके बाद उन पर कार्रवाई की गई और उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था।
पार्टी ने हाल ही में शालिनी यादव को वाराणसी से उम्मीदवार बनाया था, बता दें कि शालिनी यादव कांग्रेस के पूर्व सांसद और राज्यसभा के पूर्व उपसभापति श्यामलाल यादव की पुत्रवधू हैं।
उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में वाराणसी का अलग ही महत्व रहा है, मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पहले भूतपूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर, कांग्रेस के दिग्गज कमलापति त्रिपाठी, दिवंगत प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री के पुत्र अनिल शास्त्री और केंद्रीय मंत्री रहे BJP के मार्गदर्शक मंडल के सदस्य व वरिष्ठतम नेताओं में से एक मुरली मनोहर जोशी भी यहां से सांसद रह चुके हैं।
सपा ने वाराणसी में पीएम मोदी के खिलाफ BSF से बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव को दिया टिकट
वर्ष 1957 और 1962 में कांग्रेस के रघुनाथ सिंह इस सीट से जीते थे, लेकिन 1967 में CPM के सत्यनारायण सिंह ने यहां कब्ज़ा कर लिया ।
उसके बाद 1971 में कांग्रेस ने राजाराम शास्त्री के ज़रिये इस सीट पर फिर कब्ज़ा जमाया, लेकिन 1977 में एमरजेंसी के चलते कांग्रेस-विरोधी लहर में भारतीय लोकदल की टिकट पर चुनाव लड़े चंद्रशेखर वाराणसी के सांसद बने।
1980 में कांग्रेस की वापसी हुई, और कमलापति त्रिपाठी ने इस सीट पर कब्ज़ा किया, और फिर 1984 में भी कांग्रेस के ही श्यामलाल यादव ने वाराणसी से जीत हासिल की ।
1989 में जनता दल की टिकट से अनिल शास्त्री सांसद बने, और फिर 1991 से चार चुनाव तक यहां BJP का दबदबा बना रहा, और 1991 में श्रीश चंद्र दीक्षित के बाद 1996, 1998 और 1999 में शंकर प्रसाद जायसवाल ने जीत दर्ज की।
2004 के आम चुनाव में एक बार फिर यहां कांग्रेस की वापसी हुई, और राजेश मिश्र ने चुनाव जीता, लेकिन अगले ही चुनाव में 2009 में BJP के दिग्गज मुरली मनोहर जोशी ने इस सीट पर कब्ज़ा कर लिया।
अगले चुनाव, यानी 2014 के आम चुनाव में सीट पर BJP ने अपने प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी को टिकट दिया, जो भारी अंतर से जीत दर्ज कर लोकसभा पहुंचे।
वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अखिलेश यादव को ट्वीट कर बधाई दी है ।
अरविंद केजरीवाल ने वाराणसी से पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ तेज़ बहादुर को उतारने के फैसले की तारीफ करते हुए लिखा कि- अखिलेश जी, आपको बहुत बहुत बधाई पीएम को चुनौती देने के लिए तेज़ बहादुर को सलाम एक तरफ़ मां भारती के लिए जान दांव पर लगाने और जवानों के हक की लड़ाई में अपनी नौकरी गंवाने वाला शख़्स दूसरी ओर जवानों की आवाज़ उठाने वाले की नौकरी छीनने और जवानों की लाशों पर वोट मांगने वाला शख़्स।
दैनिक चमकता राजस्थान
वर्ष 1957 और 1962 में कांग्रेस के रघुनाथ सिंह इस सीट से जीते थे, लेकिन 1967 में CPM के सत्यनारायण सिंह ने यहां कब्ज़ा कर लिया ।
उसके बाद 1971 में कांग्रेस ने राजाराम शास्त्री के ज़रिये इस सीट पर फिर कब्ज़ा जमाया, लेकिन 1977 में एमरजेंसी के चलते कांग्रेस-विरोधी लहर में भारतीय लोकदल की टिकट पर चुनाव लड़े चंद्रशेखर वाराणसी के सांसद बने।
1980 में कांग्रेस की वापसी हुई, और कमलापति त्रिपाठी ने इस सीट पर कब्ज़ा किया, और फिर 1984 में भी कांग्रेस के ही श्यामलाल यादव ने वाराणसी से जीत हासिल की ।
1989 में जनता दल की टिकट से अनिल शास्त्री सांसद बने, और फिर 1991 से चार चुनाव तक यहां BJP का दबदबा बना रहा, और 1991 में श्रीश चंद्र दीक्षित के बाद 1996, 1998 और 1999 में शंकर प्रसाद जायसवाल ने जीत दर्ज की।
2004 के आम चुनाव में एक बार फिर यहां कांग्रेस की वापसी हुई, और राजेश मिश्र ने चुनाव जीता, लेकिन अगले ही चुनाव में 2009 में BJP के दिग्गज मुरली मनोहर जोशी ने इस सीट पर कब्ज़ा कर लिया।
अगले चुनाव, यानी 2014 के आम चुनाव में सीट पर BJP ने अपने प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी को टिकट दिया, जो भारी अंतर से जीत दर्ज कर लोकसभा पहुंचे।
वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अखिलेश यादव को ट्वीट कर बधाई दी है ।
अरविंद केजरीवाल ने वाराणसी से पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ तेज़ बहादुर को उतारने के फैसले की तारीफ करते हुए लिखा कि- अखिलेश जी, आपको बहुत बहुत बधाई पीएम को चुनौती देने के लिए तेज़ बहादुर को सलाम एक तरफ़ मां भारती के लिए जान दांव पर लगाने और जवानों के हक की लड़ाई में अपनी नौकरी गंवाने वाला शख़्स दूसरी ओर जवानों की आवाज़ उठाने वाले की नौकरी छीनने और जवानों की लाशों पर वोट मांगने वाला शख़्स।
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