स्मृति ईरानी ने खाई कसम
स्मृति ईरानी के करीबी सहयोगी और बरौलिया गांव के पूर्व प्रधान थे सुरेंद्र सिंह को 25 मई की रात करीब साढ़े 11 बजे कुछ हमलावरों ने उन्हें गोली मार दी थी ।
इलाज के लिए उन्हें लखनऊ ले जाया गया, मगर वो बच नहीं पाए, 26 मई को उनके अंतिम संस्कार के लिए स्मृति भी बरौलिया पहुंचीं ।
उन्होंने अर्थी को कंधा भी दिया. फिर सुरेंद्र के परिवार से मिलीं, इसी दौरान उन्होंने ये बयान दिया ।
अमेठी को डराने की नीयत से सुरेंद्र सिंह की हत्या की गई है, ताकि अमेठी टूटे, अमेठी झुके, बीजेपी का 11 करोड़ का परिवार सुरेंद्र सिंह के परिवार के साथ है ।
दोषियों को कड़ी से कड़ी सज़ा दिलवाई जाएगी, जिसने गोली चलाई और जिसने गोली चलाने का आदेश दिया, उसे फांसी के फंदे तक पहुंचाने के लिए ज़रूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे, मैंने सुरेंद्र सिंह जी के परिवार के आगे कसम खाई है ।
पुलिस ने जो FIR दर्ज़ की है, उसमें सांसदी और ग्राम प्रधानी चुनाव की पुरानी रंज़िश का जिक्र है, ये FIR सुरेंद्र के बड़े भाई नरेंद्र बहादुर सिंह ने लिखवाई है ।
इसमें पांच लोगों को आरोपी बनाया गया है, एक आरोपी BDC रामचंद्र कांग्रेस नेता हैं, FIR के मुताबिक, चुनाव के दौरान सुरेंद्र सिंह का रामचंद्र से विवाद भी हुआ था ।
बाकी चारों आरोपियों के नाम हैं धर्मनाथ गुप्ता, नसीम, वसीम और गोलू, FIR के मुताबिक, 25 तारीख की रात सुरेंद्र अपने घर के बरामदे में सो रहे थे, शिकायत लिखवाने वालों ने आरोपियों को गोली मारकर भागते हुए देखने की बात दर्ज़ करवाई है ।
उत्तर प्रदेश पुलिस की तरफ से फिलहाल हत्या के पीछे की वजह साफ नहीं की गई है, राजनैतिक हत्या, पुरानी रंज़िश या कुछ और, पुलिस फिलहाल तफ़्तीश कर रही है ।
सात लोग हिरासत में लिए गए हैं, सुरेंद्र के बेटे अभय सिंह ने भी राजनैतिक हत्या का शक जताया है, अभय के मुताबिक-
हम अपराधियों को देख तो नहीं पाए, मगर ये साफ है कि इसके पीछे कांग्रेस कार्यकर्ताओं का हाथ है, मेरे पिता सक्रिय तौर पर स्मृति ईरानी के लिए प्रचार करते थे ।
हमारे बूथ से बीजेपी को काफी वोट मिले. स्मृति जी के सांसद बनने के बाद विजय यात्रा निकाली गई, मुझे लगता है कि कुछ कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को ये पसंद नहीं आया, मुझे कुछ लोगों पर शक है ।
दैनिक चमकता राजस्थान
इलाज के लिए उन्हें लखनऊ ले जाया गया, मगर वो बच नहीं पाए, 26 मई को उनके अंतिम संस्कार के लिए स्मृति भी बरौलिया पहुंचीं ।
उन्होंने अर्थी को कंधा भी दिया. फिर सुरेंद्र के परिवार से मिलीं, इसी दौरान उन्होंने ये बयान दिया ।
अमेठी को डराने की नीयत से सुरेंद्र सिंह की हत्या की गई है, ताकि अमेठी टूटे, अमेठी झुके, बीजेपी का 11 करोड़ का परिवार सुरेंद्र सिंह के परिवार के साथ है ।
दोषियों को कड़ी से कड़ी सज़ा दिलवाई जाएगी, जिसने गोली चलाई और जिसने गोली चलाने का आदेश दिया, उसे फांसी के फंदे तक पहुंचाने के लिए ज़रूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे, मैंने सुरेंद्र सिंह जी के परिवार के आगे कसम खाई है ।
पुलिस ने जो FIR दर्ज़ की है, उसमें सांसदी और ग्राम प्रधानी चुनाव की पुरानी रंज़िश का जिक्र है, ये FIR सुरेंद्र के बड़े भाई नरेंद्र बहादुर सिंह ने लिखवाई है ।
इसमें पांच लोगों को आरोपी बनाया गया है, एक आरोपी BDC रामचंद्र कांग्रेस नेता हैं, FIR के मुताबिक, चुनाव के दौरान सुरेंद्र सिंह का रामचंद्र से विवाद भी हुआ था ।
बाकी चारों आरोपियों के नाम हैं धर्मनाथ गुप्ता, नसीम, वसीम और गोलू, FIR के मुताबिक, 25 तारीख की रात सुरेंद्र अपने घर के बरामदे में सो रहे थे, शिकायत लिखवाने वालों ने आरोपियों को गोली मारकर भागते हुए देखने की बात दर्ज़ करवाई है ।
उत्तर प्रदेश पुलिस की तरफ से फिलहाल हत्या के पीछे की वजह साफ नहीं की गई है, राजनैतिक हत्या, पुरानी रंज़िश या कुछ और, पुलिस फिलहाल तफ़्तीश कर रही है ।
सात लोग हिरासत में लिए गए हैं, सुरेंद्र के बेटे अभय सिंह ने भी राजनैतिक हत्या का शक जताया है, अभय के मुताबिक-
हम अपराधियों को देख तो नहीं पाए, मगर ये साफ है कि इसके पीछे कांग्रेस कार्यकर्ताओं का हाथ है, मेरे पिता सक्रिय तौर पर स्मृति ईरानी के लिए प्रचार करते थे ।
हमारे बूथ से बीजेपी को काफी वोट मिले. स्मृति जी के सांसद बनने के बाद विजय यात्रा निकाली गई, मुझे लगता है कि कुछ कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को ये पसंद नहीं आया, मुझे कुछ लोगों पर शक है ।
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