जयपुर ।
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि धर्म के नाम पर लोगों को बांटने की बजाय जो सबको साथ लेकर चले, वही सच्चा राष्ट्रवादी है।
उन्होंने कहा कि अनेकता में एकता हमारे मुल्क की सबसे बड़ी पहचान है।
तमाम जाति, धर्म एवं मजहब के लोग यहां भाईचारे से रहते आये हैं, जो मुल्क के इस ताने-बाने को बनाए रख सके, वही राष्ट्रवाद की बात कहने का हकदार है। गहलोत गुरूवार को जयपुर महानगर न्यायालय में दी बार एसोसिएशन, जयपुर की नवगठित कार्यकारिणी के शपथ ग्रहण समारोह को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज देश के जो हालात है, उसमें हम सबकी यह जिम्मेदारी है कि अपनी सामाजिक समरसता को बनाए रखें। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिवक्ता इस जिम्मेदारी को बखूबी निभा सकते हैं। संविधान की रक्षा की उन पर बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि देश की आजादी में कानूनविदें का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदिरा गांधी एवं राजीव गांधी जैसे नेताओं ने अपनी जान की परवाह नहीं की और इस देश को एकजुट तथा अखण्ड रखा। श्री गहलोत ने कहा कि मानवता सबसे बड़ा धर्म है। अपने धर्म के साथ-साथ दूसरे धर्मों का आदर करना हमारा कर्तव्य है, क्योंकि कोई भी धर्म तोडऩे की शिक्षा नहीं देता।
उन्होंने कहा कि यदि धर्म के नाम पर लोगों को यूू ही बांटा जाता रहेगा तो गांधी के सिद्धान्तों पर चलने वाला यह देश कहां जाएगा ? गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार न्यायपालिका और अधिवक्ता समुदाय की सुविधाओं एवं संसाधनों के लिए कोई कमी नहीं रखेगी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर दी बार एसोसिएशन जयपुर के नवनिर्वाचित अध्यक्ष श्री अनिल चौधरी सहित नवगठित कार्यकारिणी को शपथ दिलाई। सरकारी मुख्य सचेतक डॉ. महेश जोशी ने कहा कि राज्य सरकार जनघोषणा पत्र में किए गए अपने वायदों के अनुरूप कार्य कर रही है।
उन्होंने कहा कि देश के संविधान की रक्षा और लोकतंत्र को सशक्त बनाने में अधिवक्ता समुदाय की भूमिका अहम है। परिवहन मंत्री श्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा कि हमारी सरकार ने मॉब लिंचिंग और ऑनर किलिंग के खिलाफ मजबूत कानून बनाया है। उन्होंने कहा कि कानून का सम्मान करना सबकी जिम्मेदारी है। उच्च न्यायालय के न्यायाधिपति मोहम्मद रफीक ने कहा कि मुकदमों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय है, लेकिन विगत दिनों में जयपुर महानगर न्यायालय ने लंबित मुकदमों का त्वरित निस्तारण कर मिसाल पेश की है। दी बार एसोसिएशन जयपुर के अध्यक्ष श्री अनिल चौधरी, महासचिव श्री सतीश शर्मा, पूर्व अध्यक्ष श्री राजेश कर्नल ने भी संबोधित किया।
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि धर्म के नाम पर लोगों को बांटने की बजाय जो सबको साथ लेकर चले, वही सच्चा राष्ट्रवादी है।
उन्होंने कहा कि अनेकता में एकता हमारे मुल्क की सबसे बड़ी पहचान है।
तमाम जाति, धर्म एवं मजहब के लोग यहां भाईचारे से रहते आये हैं, जो मुल्क के इस ताने-बाने को बनाए रख सके, वही राष्ट्रवाद की बात कहने का हकदार है। गहलोत गुरूवार को जयपुर महानगर न्यायालय में दी बार एसोसिएशन, जयपुर की नवगठित कार्यकारिणी के शपथ ग्रहण समारोह को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज देश के जो हालात है, उसमें हम सबकी यह जिम्मेदारी है कि अपनी सामाजिक समरसता को बनाए रखें। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिवक्ता इस जिम्मेदारी को बखूबी निभा सकते हैं। संविधान की रक्षा की उन पर बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि देश की आजादी में कानूनविदें का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदिरा गांधी एवं राजीव गांधी जैसे नेताओं ने अपनी जान की परवाह नहीं की और इस देश को एकजुट तथा अखण्ड रखा। श्री गहलोत ने कहा कि मानवता सबसे बड़ा धर्म है। अपने धर्म के साथ-साथ दूसरे धर्मों का आदर करना हमारा कर्तव्य है, क्योंकि कोई भी धर्म तोडऩे की शिक्षा नहीं देता।
उन्होंने कहा कि यदि धर्म के नाम पर लोगों को यूू ही बांटा जाता रहेगा तो गांधी के सिद्धान्तों पर चलने वाला यह देश कहां जाएगा ? गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार न्यायपालिका और अधिवक्ता समुदाय की सुविधाओं एवं संसाधनों के लिए कोई कमी नहीं रखेगी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर दी बार एसोसिएशन जयपुर के नवनिर्वाचित अध्यक्ष श्री अनिल चौधरी सहित नवगठित कार्यकारिणी को शपथ दिलाई। सरकारी मुख्य सचेतक डॉ. महेश जोशी ने कहा कि राज्य सरकार जनघोषणा पत्र में किए गए अपने वायदों के अनुरूप कार्य कर रही है।
उन्होंने कहा कि देश के संविधान की रक्षा और लोकतंत्र को सशक्त बनाने में अधिवक्ता समुदाय की भूमिका अहम है। परिवहन मंत्री श्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा कि हमारी सरकार ने मॉब लिंचिंग और ऑनर किलिंग के खिलाफ मजबूत कानून बनाया है। उन्होंने कहा कि कानून का सम्मान करना सबकी जिम्मेदारी है। उच्च न्यायालय के न्यायाधिपति मोहम्मद रफीक ने कहा कि मुकदमों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय है, लेकिन विगत दिनों में जयपुर महानगर न्यायालय ने लंबित मुकदमों का त्वरित निस्तारण कर मिसाल पेश की है। दी बार एसोसिएशन जयपुर के अध्यक्ष श्री अनिल चौधरी, महासचिव श्री सतीश शर्मा, पूर्व अध्यक्ष श्री राजेश कर्नल ने भी संबोधित किया।
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