नयी दिल्ली (एजेंसी)। दिल्ली की एक अदालत ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में तिहाड़ जेल में बंद पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम की धन शोधन मामले में आत्मसमर्पण करने के अनुरोध वाली याचिका को शुक्रवार को खारिज कर दिया।
उनकी याचिका विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ ने खारिज की।प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अदालत को बृहस्पतिवार को बताया था कि आईएनएक्स मीडिया धनशोधन मामले में चिदंबरम की गिरफ्तारी जरूरी है और उचित समय आने पर ऐसा किया जाएगा। चिदंबरम के वकील ने कहा था कि ईडी की दलील दुर्भावनापूर्ण है और उसकी मंशा चिदंबरम को परेशान करने की है। चिदंबरम (73) आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में पहले से ही न्यायिक हिरासत में हैं। इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है। ईडी ने अदालत को बताया कि क्योंकि चिदंबरम पहले से ही सीबीआई मामले में न्यायिक हिरासत में हैं, वह साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ करने की स्थिति में नहीं हैं। चिदंबरम की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि ईडी कांग्रेस नेता को गिरफ्तार करने 20 और 21 अगस्त को उनके घर पहुंची थी लेकिन अब वह उन्हें न्यायिक हिरासत में रखने के लिए ऐसा करना चाहती है। सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने तर्क दिया था कि उनको हिरासत में लेकर पूछताछ करने से पहले कुछ पहलुओं की जांच जरूरी है। उन्होंने कहा कि एजेंसी चिदंबरम से हिरासत में सवाल पूछने से पहले छह अन्य लोगों से पूछताछ करना चाहती है और वह धनशोधन के ऐसे मामले की जांच कर रही है, जो देश के बाहर तक फैला हुआ है। उन्होंने तर्क दिया कि आरोपी जांच को निर्देशित नहीं कर सकता और उन्हें अभी हिरासत में लेने का आदेश देना जांच एजेंसी की कार्य-स्वतंत्रता को बाधित करेगा। मेहता ने कहा कि 21 अगस्त से पहले यह मानने का कारण था कि उनको गिरफ्तार करने की जरूरत है और ऐसा आज भी है।
उनकी याचिका विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ ने खारिज की।प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अदालत को बृहस्पतिवार को बताया था कि आईएनएक्स मीडिया धनशोधन मामले में चिदंबरम की गिरफ्तारी जरूरी है और उचित समय आने पर ऐसा किया जाएगा। चिदंबरम के वकील ने कहा था कि ईडी की दलील दुर्भावनापूर्ण है और उसकी मंशा चिदंबरम को परेशान करने की है। चिदंबरम (73) आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में पहले से ही न्यायिक हिरासत में हैं। इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है। ईडी ने अदालत को बताया कि क्योंकि चिदंबरम पहले से ही सीबीआई मामले में न्यायिक हिरासत में हैं, वह साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ करने की स्थिति में नहीं हैं। चिदंबरम की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि ईडी कांग्रेस नेता को गिरफ्तार करने 20 और 21 अगस्त को उनके घर पहुंची थी लेकिन अब वह उन्हें न्यायिक हिरासत में रखने के लिए ऐसा करना चाहती है। सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने तर्क दिया था कि उनको हिरासत में लेकर पूछताछ करने से पहले कुछ पहलुओं की जांच जरूरी है। उन्होंने कहा कि एजेंसी चिदंबरम से हिरासत में सवाल पूछने से पहले छह अन्य लोगों से पूछताछ करना चाहती है और वह धनशोधन के ऐसे मामले की जांच कर रही है, जो देश के बाहर तक फैला हुआ है। उन्होंने तर्क दिया कि आरोपी जांच को निर्देशित नहीं कर सकता और उन्हें अभी हिरासत में लेने का आदेश देना जांच एजेंसी की कार्य-स्वतंत्रता को बाधित करेगा। मेहता ने कहा कि 21 अगस्त से पहले यह मानने का कारण था कि उनको गिरफ्तार करने की जरूरत है और ऐसा आज भी है।
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