व्लादिवोस्तोक (रूस) ।
रूस और भारत की दोस्ती में बुधवार एक नया अध्याय जुड़ गया। रूस के दो दिन के दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मौजूदगी में दोनों देशों के बीच रक्षा से लेकर गगनयान तक 13 बड़े समझौते हुए।
रूस के पोर्ट टाउन व्लादिवोस्तोक में रूस और भारत के डेलिगेशन के बीच 20वें राष्ट्रीय सम्मेलन के बाद दोनों देशों ने रक्षा, तकनीक, एनर्जी से लेकर स्पेस मिशन तक अहम समझौते किए। रूस ने प्रधानमंत्री मोदी को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द अपोस्टल देने का एलान किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि स्पेस में हमारा लंबा सहयोग नई ऊंचाइयों को छू रहा है। गगनयान यानी भारतीय ह्यूमन स्पेस फ्लाइट के लिए भारत के एस्ट्रॉनॉट्स रूस में ट्रेनिंग लेंगे।
लगभग दो घंटे चले इस सम्मेलन में दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच कई विषयों पर चर्चा हुई। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर बताया कि तेल और गैस, खनन, रक्षा और सुरक्षा, हवाई और समुद्री कनेक्टिविटी, न्यूक्लियर एनर्जी, ट्रांसपोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर, व्यापार और निवेश संबंधी विषयों पर बात हुई। प्रधानमंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों में भारत और रूस के बीच साझेदारी की चर्चा करते हुए कहा कि आज हमारे बीच डिफेंस, न्यूक्लियर एनर्जी, स्पेस, बिजनेस टू बिजनेस समेत कई क्षेत्रों में सहयोग को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए सहमति बनी है।
डिफेंस स्पेयर पाट्र्स का जॉइंट वेंचर
दोनों देशों के बीच हुए समझौतों की जानकारी देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि रक्षा जैसे क्षेत्र में रूसी उपकरणों के स्पेयर पाट्र्स दोनों देशों के जॉइंट वेंचर द्वारा बनाने पर हुआ समझौता इंडस्ट्री को बढ़ावा देगा। भारत और रूस एक मल्टीपोलर दुनिया के महत्व को समझते हैं। हम ब्रिक्स और एससीओ जैसे कई वैश्विक मंचों पर एक साथ काम कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच सिर्फ राजधानियों तक ही संबंध नहीं हैं। हमने इस संबंध के केंद्र में लोगों को रखा है। चेन्नई और व्लादिवोस्तोक के बीच एक समुद्री रूट तैयार किए जाने का प्रस्ताव रखा गया है। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि दोनों देश किसी भी देश के आंतरिक मामलों में दखल के खिलाफ हैं।
रूस और भारत की दोस्ती में बुधवार एक नया अध्याय जुड़ गया। रूस के दो दिन के दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मौजूदगी में दोनों देशों के बीच रक्षा से लेकर गगनयान तक 13 बड़े समझौते हुए।
रूस के पोर्ट टाउन व्लादिवोस्तोक में रूस और भारत के डेलिगेशन के बीच 20वें राष्ट्रीय सम्मेलन के बाद दोनों देशों ने रक्षा, तकनीक, एनर्जी से लेकर स्पेस मिशन तक अहम समझौते किए। रूस ने प्रधानमंत्री मोदी को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द अपोस्टल देने का एलान किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि स्पेस में हमारा लंबा सहयोग नई ऊंचाइयों को छू रहा है। गगनयान यानी भारतीय ह्यूमन स्पेस फ्लाइट के लिए भारत के एस्ट्रॉनॉट्स रूस में ट्रेनिंग लेंगे।
लगभग दो घंटे चले इस सम्मेलन में दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच कई विषयों पर चर्चा हुई। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर बताया कि तेल और गैस, खनन, रक्षा और सुरक्षा, हवाई और समुद्री कनेक्टिविटी, न्यूक्लियर एनर्जी, ट्रांसपोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर, व्यापार और निवेश संबंधी विषयों पर बात हुई। प्रधानमंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों में भारत और रूस के बीच साझेदारी की चर्चा करते हुए कहा कि आज हमारे बीच डिफेंस, न्यूक्लियर एनर्जी, स्पेस, बिजनेस टू बिजनेस समेत कई क्षेत्रों में सहयोग को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए सहमति बनी है।
डिफेंस स्पेयर पाट्र्स का जॉइंट वेंचर
दोनों देशों के बीच हुए समझौतों की जानकारी देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि रक्षा जैसे क्षेत्र में रूसी उपकरणों के स्पेयर पाट्र्स दोनों देशों के जॉइंट वेंचर द्वारा बनाने पर हुआ समझौता इंडस्ट्री को बढ़ावा देगा। भारत और रूस एक मल्टीपोलर दुनिया के महत्व को समझते हैं। हम ब्रिक्स और एससीओ जैसे कई वैश्विक मंचों पर एक साथ काम कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच सिर्फ राजधानियों तक ही संबंध नहीं हैं। हमने इस संबंध के केंद्र में लोगों को रखा है। चेन्नई और व्लादिवोस्तोक के बीच एक समुद्री रूट तैयार किए जाने का प्रस्ताव रखा गया है। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि दोनों देश किसी भी देश के आंतरिक मामलों में दखल के खिलाफ हैं।
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