जयपुर ।
राज्य के सभी स्कूलों में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू करने की घोषणा के दौरान शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा पूर्ववर्ती भाजपा सरकार पर जमकर बरसे।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने जो पाठ्यक्रम लागू किया, उससे बच्चों को आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) का अनुयायी या प्रशंसक बनाया जा रहा था। अब एनसीइआरटी का जो पाठ्यक्रम लागू किया है, उससे बच्चे आरएएस-आइएएस अधिकारी बनेंगे। डोटासरा ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में शिक्षा संकुल में हुई वर्कशॉप में तत्कालीन मंत्री के निर्देश पर सरकारी आदेश निकाला गया। उसमें निर्देश दिए गए कि विद्या भारती एनजीओ की तर्ज पर पुस्तकें लिखवाई जाएं। उन्हीं किताबों को स्कूल में पढ़ाया जाए। उन किताबों में बताया गया कि हल्दीघाटी का युद्ध, पानीपत का युद्ध साम्प्रदायिक युद्ध थे। जबकि ये धर्मयुद्ध नहीं बल्कि सत्ता-संघर्ष के युद्ध थे। अब भविष्य में कोई भी पार्टी अपनी विचारधारा न थोपे, इसके लिए यह बदलाव किया गया है।
एनसीईआरटी के फायदे गिनाए
-बच्चों को भविष्य में प्रतियोगी परीक्षाओं में मदद मिलेगी
- शिक्षा में राजनीति बंद होगी
- कोई भी पार्टी अपनी विचारधारा नहीं थोप सकेगी
कांग्रेस सरकार ने इससे पहले 2011-12 में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू किया था। उसे 2016 में भाजपा सरकार ने हटाकर पुन: एससीईआरटी और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का पाठ्यक्रम लागू कर दिया था। अब माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पाठ्यक्रम को फिर से हटाया गया है।
हमने तो गौरवशाली इतिहास शामिल किया था : देवनानी
इस मामले पर पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि शिक्षा राज्यमंत्री के दिमाग में आरएसएस का फोबिया हो गया है। उन्हें पता होना चाहिए कि पाठ्यक्रम सरकार नहीं बल्कि एससीईआरटी और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड तय करते हैं। विद्या भारती की तर्ज पर किताबें छापने का कोई आदेश हमने जारी नहीं किया था। यह आरोप निराधार है। हमने एनसीईआरटी का सिलेबस हटाकर राज्य का सिलेबस लागू किया था क्योंकि एनसीईआरटी राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखकर सिलेबस तैयार करता है। उसमें राजस्थान के लोकदेवता, संस्कृति, इतिहास आदि की जानकारी नहीं थी। बच्चे प्रदेश के गौरवशाली इतिहास से वंचित न रहें, इसीलिए सिलेबस बदला था। आज पूरे देश में राष्ट्रवाद की झलक है। हमारा पाठ्यक्रम राष्ट्रवाद से ही ओतप्रोत था। आने वाले समय में ये भी राष्ट्रवाद के साथ दिखाई देंगे। हमने सुभाषचंद्र बोस, अम्बेडकर का पाठ जोड़़ा। महाराणा प्रताप को महान कहा तो कांग्रेस भी मानने लगी।
राज्य के सभी स्कूलों में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू करने की घोषणा के दौरान शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा पूर्ववर्ती भाजपा सरकार पर जमकर बरसे।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने जो पाठ्यक्रम लागू किया, उससे बच्चों को आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) का अनुयायी या प्रशंसक बनाया जा रहा था। अब एनसीइआरटी का जो पाठ्यक्रम लागू किया है, उससे बच्चे आरएएस-आइएएस अधिकारी बनेंगे। डोटासरा ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में शिक्षा संकुल में हुई वर्कशॉप में तत्कालीन मंत्री के निर्देश पर सरकारी आदेश निकाला गया। उसमें निर्देश दिए गए कि विद्या भारती एनजीओ की तर्ज पर पुस्तकें लिखवाई जाएं। उन्हीं किताबों को स्कूल में पढ़ाया जाए। उन किताबों में बताया गया कि हल्दीघाटी का युद्ध, पानीपत का युद्ध साम्प्रदायिक युद्ध थे। जबकि ये धर्मयुद्ध नहीं बल्कि सत्ता-संघर्ष के युद्ध थे। अब भविष्य में कोई भी पार्टी अपनी विचारधारा न थोपे, इसके लिए यह बदलाव किया गया है।
एनसीईआरटी के फायदे गिनाए
-बच्चों को भविष्य में प्रतियोगी परीक्षाओं में मदद मिलेगी
- शिक्षा में राजनीति बंद होगी
- कोई भी पार्टी अपनी विचारधारा नहीं थोप सकेगी
कांग्रेस सरकार ने इससे पहले 2011-12 में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू किया था। उसे 2016 में भाजपा सरकार ने हटाकर पुन: एससीईआरटी और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का पाठ्यक्रम लागू कर दिया था। अब माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पाठ्यक्रम को फिर से हटाया गया है।
हमने तो गौरवशाली इतिहास शामिल किया था : देवनानी
इस मामले पर पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि शिक्षा राज्यमंत्री के दिमाग में आरएसएस का फोबिया हो गया है। उन्हें पता होना चाहिए कि पाठ्यक्रम सरकार नहीं बल्कि एससीईआरटी और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड तय करते हैं। विद्या भारती की तर्ज पर किताबें छापने का कोई आदेश हमने जारी नहीं किया था। यह आरोप निराधार है। हमने एनसीईआरटी का सिलेबस हटाकर राज्य का सिलेबस लागू किया था क्योंकि एनसीईआरटी राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखकर सिलेबस तैयार करता है। उसमें राजस्थान के लोकदेवता, संस्कृति, इतिहास आदि की जानकारी नहीं थी। बच्चे प्रदेश के गौरवशाली इतिहास से वंचित न रहें, इसीलिए सिलेबस बदला था। आज पूरे देश में राष्ट्रवाद की झलक है। हमारा पाठ्यक्रम राष्ट्रवाद से ही ओतप्रोत था। आने वाले समय में ये भी राष्ट्रवाद के साथ दिखाई देंगे। हमने सुभाषचंद्र बोस, अम्बेडकर का पाठ जोड़़ा। महाराणा प्रताप को महान कहा तो कांग्रेस भी मानने लगी।
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