चमकता राजस्थान, जयपुर।
लोक संस्कृति की लय-ताल की धुनों से करीब तीन साल से बंद 'लोकरंग उत्सव का शुक्रवार को फिर से बिगुल बज उठा। जवाहर कला केंद्र में विभिन्न अंचलों से आए करीब 700 लोक-कलाकारों ने जैसे ही अपनी संस्कृति में रची-बसी धुनों को प्रस्तुत किया तो समूचा वातावरण लोक संस्कृति से रोशन हो गया।
10 दिवसीय लोकरंग उत्सव के आगाज पर मध्यवर्ती में श्रोताओं ने लोक-कलाकारों की जमकर हौसला अफजाई की।
इस अवसर पर केन्द्र परिसर में राजस्थान एवं देशभर से आए जनजातीय कलाकारों ने अपनी रंगबिरंगी वेशभूषा से दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया। लोकरंग का उद्घाटन राजस्थान के प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार गोविन्द सिंह डोटासरा, जयपुर सिटीजन फोरम के चेयरमैन राजीव अरोडा और राजस्थान सरकार की पर्यटन, कला एवं संस्कृति विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा ने दीप प्रज्वलन कर किया। इससे पूर्व राजीव अरोडा और जवाहर कला केंद्र के अतिरिक्त महानिदेशक तकनीकी फुरकान खान ने केन्द्र परिसर में एग्जिबिशन का उद्घाटन किया। उत्सव के पहले दिन राजस्थान के गाजी खां ने लोक संस्कृति के संगीत का ताना-बाना बुना। उन्होंने अपने साथी कलाकारों के साथ मिलकर विभिन्न साजों पर अपने सुरों को छेड़ा। इस मौके पर बाल कलाकारों ने वायलिन पर गांधीजी के प्रिय भजनों को पेश किया। संजीव शर्मा के निर्देशन में 10 बालक-बालिकाओं ने गांधी के प्रिय भजनों को वायलिन में पिरोकर तालियां बटोरीं।
प्रस्तुतियों ने मोहा सभी का मन
इस अवसर पर लोक कलाकारों ने पश्चिम बंगाल का नटुआ नृत्य और हिमाचल प्रदेश का सिरमौर नाटी नृत्य पेश कर सभी का मन मोह लिया। राजस्थान के शेखावटी से डेरू नृत्य और कश्मीर का रौफ नृत्य ने सभी को नाचने पर मजबूर कर दिया। राजस्थान का तेरह ताल नृत्य, हरियाणा का घूमर नृत्य और गुजरात का राठवा नृत्य ने सभी को देश की रंग-बिरंगी संस्कृति का अहसास कराया। पीसीसी उपाध्यक्ष राजीव अरोड़ाने कार्यक्रम की सराहना की एवं कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए जवाहर कल केंद्र के अतिरिक्त निदेशक श्री फुरकान खान जी का आभार व्यक्त किया।
लोक संस्कृति की लय-ताल की धुनों से करीब तीन साल से बंद 'लोकरंग उत्सव का शुक्रवार को फिर से बिगुल बज उठा। जवाहर कला केंद्र में विभिन्न अंचलों से आए करीब 700 लोक-कलाकारों ने जैसे ही अपनी संस्कृति में रची-बसी धुनों को प्रस्तुत किया तो समूचा वातावरण लोक संस्कृति से रोशन हो गया।
10 दिवसीय लोकरंग उत्सव के आगाज पर मध्यवर्ती में श्रोताओं ने लोक-कलाकारों की जमकर हौसला अफजाई की।
इस अवसर पर केन्द्र परिसर में राजस्थान एवं देशभर से आए जनजातीय कलाकारों ने अपनी रंगबिरंगी वेशभूषा से दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया। लोकरंग का उद्घाटन राजस्थान के प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार गोविन्द सिंह डोटासरा, जयपुर सिटीजन फोरम के चेयरमैन राजीव अरोडा और राजस्थान सरकार की पर्यटन, कला एवं संस्कृति विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा ने दीप प्रज्वलन कर किया। इससे पूर्व राजीव अरोडा और जवाहर कला केंद्र के अतिरिक्त महानिदेशक तकनीकी फुरकान खान ने केन्द्र परिसर में एग्जिबिशन का उद्घाटन किया। उत्सव के पहले दिन राजस्थान के गाजी खां ने लोक संस्कृति के संगीत का ताना-बाना बुना। उन्होंने अपने साथी कलाकारों के साथ मिलकर विभिन्न साजों पर अपने सुरों को छेड़ा। इस मौके पर बाल कलाकारों ने वायलिन पर गांधीजी के प्रिय भजनों को पेश किया। संजीव शर्मा के निर्देशन में 10 बालक-बालिकाओं ने गांधी के प्रिय भजनों को वायलिन में पिरोकर तालियां बटोरीं।
प्रस्तुतियों ने मोहा सभी का मन
इस अवसर पर लोक कलाकारों ने पश्चिम बंगाल का नटुआ नृत्य और हिमाचल प्रदेश का सिरमौर नाटी नृत्य पेश कर सभी का मन मोह लिया। राजस्थान के शेखावटी से डेरू नृत्य और कश्मीर का रौफ नृत्य ने सभी को नाचने पर मजबूर कर दिया। राजस्थान का तेरह ताल नृत्य, हरियाणा का घूमर नृत्य और गुजरात का राठवा नृत्य ने सभी को देश की रंग-बिरंगी संस्कृति का अहसास कराया। पीसीसी उपाध्यक्ष राजीव अरोड़ाने कार्यक्रम की सराहना की एवं कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए जवाहर कल केंद्र के अतिरिक्त निदेशक श्री फुरकान खान जी का आभार व्यक्त किया।
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