मुंबई ।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बैंकों की खस्ता हालात के लिए जिम्मेदार बताए जाने पर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने जवाब दिया है।
डॉ. सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार सिर्फ विपक्षयों पर दोष मढऩे में जुटी है, वह समाधान तलाशने का प्रयास भी नहीं कर रही। मनमोहन सिंह ने कहा कि आर्थिक सुस्ती, सरकार की उदासीनता से भारतीयों के भविष्य और आकांक्षाओं पर असर पड़ रहा है। डॉ. सिंह ने कहा कि मैं वित्त मंत्री के बयान पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा, लेकिन मैं केवल यह बता सकता हूं कि अर्थव्यवस्था को ठीक करने के लिए बीमारियों और उनके कारणों का सही निदान करने की आवश्यकता होगी। भारतीय अर्थव्यवस्था पर चिंता जाहिर करते हुए डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा कि आर्थिक मंदी की वजह से महाराष्ट्र पर काफी असर पड़ा है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र भर में कारोबारी धारणा काफी कमजोर, कई इकाइयां बंद हुईं हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र और महाराष्ट्र में भाजपा सरकार लोगों के अनुकूल नीतियां नहीं अपनाना चाहती है, जिसका असर आज देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि निवेश आकर्षित करने में महाराष्ट्र पहले नंबर पर था था। आज, यह किसान आत्महत्याओं में अग्रणी है। कृषि आय दोगुनी करने के वादे के बावजूद, महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों में संकट कम होने के आसार नहीं हैं।
पानी की स्थिति पर बोले डॉ. सिंह
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि पानी की कमी वाली स्थिति का अगर जल्द ही समाधान नहीं किया जाता है, तो स्थिति बदतर हो जाएगी। महाराष्ट्र के लोग पहले से ही पीने के साफ पानी की कम उपलब्धता से जूझ रहे हैं और सूखी नदी के तल खोदने का सहारा ले रहे हैं। उल्लेखनीय है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की हालत के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के दौर को जिम्मेदार ठहाराया था। उन्होंने कहा था कि मनमोहन सिंह और राजन का कार्यकाल सरकारी बैंकों के लिए सबसे बुरा दौर था। साथ ही कहा था कि सभी सार्वजनिक बैंकों को नया जीवन देना आज मेरा पहला कर्तव्य है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बैंकों की खस्ता हालात के लिए जिम्मेदार बताए जाने पर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने जवाब दिया है।
डॉ. सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार सिर्फ विपक्षयों पर दोष मढऩे में जुटी है, वह समाधान तलाशने का प्रयास भी नहीं कर रही। मनमोहन सिंह ने कहा कि आर्थिक सुस्ती, सरकार की उदासीनता से भारतीयों के भविष्य और आकांक्षाओं पर असर पड़ रहा है। डॉ. सिंह ने कहा कि मैं वित्त मंत्री के बयान पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा, लेकिन मैं केवल यह बता सकता हूं कि अर्थव्यवस्था को ठीक करने के लिए बीमारियों और उनके कारणों का सही निदान करने की आवश्यकता होगी। भारतीय अर्थव्यवस्था पर चिंता जाहिर करते हुए डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा कि आर्थिक मंदी की वजह से महाराष्ट्र पर काफी असर पड़ा है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र भर में कारोबारी धारणा काफी कमजोर, कई इकाइयां बंद हुईं हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र और महाराष्ट्र में भाजपा सरकार लोगों के अनुकूल नीतियां नहीं अपनाना चाहती है, जिसका असर आज देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि निवेश आकर्षित करने में महाराष्ट्र पहले नंबर पर था था। आज, यह किसान आत्महत्याओं में अग्रणी है। कृषि आय दोगुनी करने के वादे के बावजूद, महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों में संकट कम होने के आसार नहीं हैं।
पानी की स्थिति पर बोले डॉ. सिंह
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि पानी की कमी वाली स्थिति का अगर जल्द ही समाधान नहीं किया जाता है, तो स्थिति बदतर हो जाएगी। महाराष्ट्र के लोग पहले से ही पीने के साफ पानी की कम उपलब्धता से जूझ रहे हैं और सूखी नदी के तल खोदने का सहारा ले रहे हैं। उल्लेखनीय है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की हालत के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के दौर को जिम्मेदार ठहाराया था। उन्होंने कहा था कि मनमोहन सिंह और राजन का कार्यकाल सरकारी बैंकों के लिए सबसे बुरा दौर था। साथ ही कहा था कि सभी सार्वजनिक बैंकों को नया जीवन देना आज मेरा पहला कर्तव्य है।
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