महाबलीपुरम (एजेंसी)।
चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग नेपाल के दो दिवसीय दौरे के लिए रवाना हो गए। वह महाबलीपुरम में पीएम नरेंद्र मोदी के साथ दूसरे अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के लिए दो दिवसीय भारत के दौरे पर थे।
विदेशी सचिव विजय गोखले ने कहा, इस दौरान कश्मीर मुद्दे पर न तो चर्चा हुई न ही यह मुद्दा उठा। हमारी स्थिति वैसे भी बहुत स्पष्ट है कि यह भारत का आंतरिक मामला है। चिनफिंग अगले शिखर सम्मेलन के लिए पीएम मोदी को चीन आमंत्रित किया। पीएम मोदी ने निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। बाद में तारीखों का ऐलान किया जाएगा। गोखले ने कहा, 'दोनों नेताओं के बीच आज लगभग 90 मिनट तक बातचीत हुई, इसके बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई और फिर पीएम मोदी ने दोपहर के भोजन की मेजबानी की। इस शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं के बीच वन-टू-वन कुल छह घंटे तक बैठक हुईं। गोखले ने बताया, राष्ट्रपति शी ने मानसरोवर यात्रा पर जा रहे यात्रियों के लिए अधिक सुविधा मुहैया कराने की बात कही। प्रधानमंत्री ने तमिलनाडु राज्य और चीन के फुजियान प्रांत के बीच संबंध पर कई विचारों का सुझाव दिया। गोखले ने बताया, दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि बढ़ती हुई जटिल दुनिया में आतंकवाद और कट्टरता की चुनौतियों से निपटना महत्वपूर्ण है। दोनों ऐसे देशों के नेता हैं जो न केवल क्षेत्रों और जनसंख्या के लिहाज से बड़े हैं, बल्कि विविधता के मामले में भी बड़े हैं।'
एक नए तंत्र की स्थापना
उन्होंने कहा, व्यापार,निवेश और सेवाओं पर चर्चा के लिए एक नए तंत्र की स्थापना की जाएगी। इसका प्रतिनिधित्व चीन से उपप्रधानमंत्री, हू चुनहुआ और भारत से वितमंत्री निर्मला सीतारमण करेंगी। इससे पहले भारतीय और चीन के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद पीएम नरेंद्र मोदी और चिनफिंग फिशरमैन कोव होटल में कलाकृतियों और हैंडलूम की एक प्रदर्शनी में शामिल हुए। पीएम मोदी ने इस दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के हाथ से बुने रेशम के चित्र को उपहार में दिया। इसे कोयंबटूर जिले के सिरुमुगिपुदूर में श्री रामलिंगा सोदामबिगई हैंडलूम बुनकर सहकारी समिति के बुनकरों द्वारा बनाया गया था।
मतभेदों को विवाद में बदलने नहीं देंगे
प्रतिनिधिमंडल वार्ता के दौरान पीएम मोदी ने कहा 'हमने तय किया है कि हम अपने मतभेदों को विवेकपूर्ण तरीके से सुलझाएंगे और उन्हें विवाद में बदलने नहीं देंगे। हम अपनी चिंताओं के बारे में संवेदनशील रहेंगे और हमारा संबंध विश्व में शांति और स्थिरता के लिए योगदान देगा। इस दौरान चीनी राष्ट्रपति चिनफिंग ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी आपने कल जैसा आपने कहा, आपने और मैंने द्विपक्षीय संबंधों पर मित्रों की तरह दिल से बातचीत की। हम वास्तव में आपके आतिथ्य से अभिभूत हैं। मैंने और मेरे साथियों ने इसे बहुत दृढ़ता से महसूस किया है। यह मेरे और हमारे लिए एक यादगार अनुभव होगा।
वुहान शिखर सम्मेलन ने हमारे संबंधों में एक नई गति और विश्वास पैदा किया और आज का 'चेन्नई कनेक्ट' भारत-चीन संबंधों में एक नए युग की शुरुआत है।
संबंधों में नई स्थिरता आई
इससे पहले पीएम मोदी ने कहा कि चीन और तमिलनाडु राज्य के बीच गहरे सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंध रहे हैं। पिछले 2000 वर्षों के अधिकांश समय में भारत और चीन आर्थिक शक्तियां रहे हैं। पिछले साल वुहान में भारत और चीन के बीच पहले अनौपचारिक शिखर सम्मेलन से हमारे संबंधों में नई स्थिरता आई और एक नई गति मिली। हमारे दोनों देशों के बीच रणनीतिक संचार भी बढ़ा है।
वुहान ने नई गति दी और चेन्नई कनेक्ट इसे नई दिशा देगा
पीएम मोदी ने इस दौरान शी से कहा कि भारत-चीन सहयोग को वुहान ने नई गति दी और चेन्नई कनेक्ट इसे नई दिशा देगा। इस वार्ता में पीएम नरेंद्र मोदी के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल, विदेश मंत्री एस जयशंकर, विदेश सचिव विजय गोखले मौजूद रहे।
वन-टू-वन चर्चा
इस वार्ता से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन कोवलम के ताज फिशरमैन कोव होटल में वन-टू-वन चर्चा की। शी को रिसोर्ट में मोदी ने रिसीव किया, जिसके बाद दोनों एक गोल्फ कार्ट में वन-ऑन-वन मीटिंग स्थल की ओर रवाना हुए। शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन, पीएम मोदी कुर्ता-पायजामा और मोदी जैकेट के साथ पहने हुए दिखाई दिए। दूसरी ओर, शी ने शनिवार को बगैर टाई के एक काला सूट पहना, जो शिखर के अनौपचारिक प्रकृति को दर्शाता है।
चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग नेपाल के दो दिवसीय दौरे के लिए रवाना हो गए। वह महाबलीपुरम में पीएम नरेंद्र मोदी के साथ दूसरे अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के लिए दो दिवसीय भारत के दौरे पर थे।
विदेशी सचिव विजय गोखले ने कहा, इस दौरान कश्मीर मुद्दे पर न तो चर्चा हुई न ही यह मुद्दा उठा। हमारी स्थिति वैसे भी बहुत स्पष्ट है कि यह भारत का आंतरिक मामला है। चिनफिंग अगले शिखर सम्मेलन के लिए पीएम मोदी को चीन आमंत्रित किया। पीएम मोदी ने निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। बाद में तारीखों का ऐलान किया जाएगा। गोखले ने कहा, 'दोनों नेताओं के बीच आज लगभग 90 मिनट तक बातचीत हुई, इसके बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई और फिर पीएम मोदी ने दोपहर के भोजन की मेजबानी की। इस शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं के बीच वन-टू-वन कुल छह घंटे तक बैठक हुईं। गोखले ने बताया, राष्ट्रपति शी ने मानसरोवर यात्रा पर जा रहे यात्रियों के लिए अधिक सुविधा मुहैया कराने की बात कही। प्रधानमंत्री ने तमिलनाडु राज्य और चीन के फुजियान प्रांत के बीच संबंध पर कई विचारों का सुझाव दिया। गोखले ने बताया, दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि बढ़ती हुई जटिल दुनिया में आतंकवाद और कट्टरता की चुनौतियों से निपटना महत्वपूर्ण है। दोनों ऐसे देशों के नेता हैं जो न केवल क्षेत्रों और जनसंख्या के लिहाज से बड़े हैं, बल्कि विविधता के मामले में भी बड़े हैं।'
एक नए तंत्र की स्थापना
उन्होंने कहा, व्यापार,निवेश और सेवाओं पर चर्चा के लिए एक नए तंत्र की स्थापना की जाएगी। इसका प्रतिनिधित्व चीन से उपप्रधानमंत्री, हू चुनहुआ और भारत से वितमंत्री निर्मला सीतारमण करेंगी। इससे पहले भारतीय और चीन के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद पीएम नरेंद्र मोदी और चिनफिंग फिशरमैन कोव होटल में कलाकृतियों और हैंडलूम की एक प्रदर्शनी में शामिल हुए। पीएम मोदी ने इस दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के हाथ से बुने रेशम के चित्र को उपहार में दिया। इसे कोयंबटूर जिले के सिरुमुगिपुदूर में श्री रामलिंगा सोदामबिगई हैंडलूम बुनकर सहकारी समिति के बुनकरों द्वारा बनाया गया था।
मतभेदों को विवाद में बदलने नहीं देंगे
प्रतिनिधिमंडल वार्ता के दौरान पीएम मोदी ने कहा 'हमने तय किया है कि हम अपने मतभेदों को विवेकपूर्ण तरीके से सुलझाएंगे और उन्हें विवाद में बदलने नहीं देंगे। हम अपनी चिंताओं के बारे में संवेदनशील रहेंगे और हमारा संबंध विश्व में शांति और स्थिरता के लिए योगदान देगा। इस दौरान चीनी राष्ट्रपति चिनफिंग ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी आपने कल जैसा आपने कहा, आपने और मैंने द्विपक्षीय संबंधों पर मित्रों की तरह दिल से बातचीत की। हम वास्तव में आपके आतिथ्य से अभिभूत हैं। मैंने और मेरे साथियों ने इसे बहुत दृढ़ता से महसूस किया है। यह मेरे और हमारे लिए एक यादगार अनुभव होगा।
वुहान शिखर सम्मेलन ने हमारे संबंधों में एक नई गति और विश्वास पैदा किया और आज का 'चेन्नई कनेक्ट' भारत-चीन संबंधों में एक नए युग की शुरुआत है।
संबंधों में नई स्थिरता आई
इससे पहले पीएम मोदी ने कहा कि चीन और तमिलनाडु राज्य के बीच गहरे सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंध रहे हैं। पिछले 2000 वर्षों के अधिकांश समय में भारत और चीन आर्थिक शक्तियां रहे हैं। पिछले साल वुहान में भारत और चीन के बीच पहले अनौपचारिक शिखर सम्मेलन से हमारे संबंधों में नई स्थिरता आई और एक नई गति मिली। हमारे दोनों देशों के बीच रणनीतिक संचार भी बढ़ा है।
वुहान ने नई गति दी और चेन्नई कनेक्ट इसे नई दिशा देगा
पीएम मोदी ने इस दौरान शी से कहा कि भारत-चीन सहयोग को वुहान ने नई गति दी और चेन्नई कनेक्ट इसे नई दिशा देगा। इस वार्ता में पीएम नरेंद्र मोदी के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल, विदेश मंत्री एस जयशंकर, विदेश सचिव विजय गोखले मौजूद रहे।
वन-टू-वन चर्चा
इस वार्ता से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन कोवलम के ताज फिशरमैन कोव होटल में वन-टू-वन चर्चा की। शी को रिसोर्ट में मोदी ने रिसीव किया, जिसके बाद दोनों एक गोल्फ कार्ट में वन-ऑन-वन मीटिंग स्थल की ओर रवाना हुए। शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन, पीएम मोदी कुर्ता-पायजामा और मोदी जैकेट के साथ पहने हुए दिखाई दिए। दूसरी ओर, शी ने शनिवार को बगैर टाई के एक काला सूट पहना, जो शिखर के अनौपचारिक प्रकृति को दर्शाता है।
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