जयपुर (संवाद)। शनिवार सूबह राजस्थान में कोरोनावायरस पॉजिटिव के दो नए मामले सामने आए। जिसमें एक भीलवाड़ा वहीं एक अजमेर में सामने आया। अजमेर में ये पहला मामला है जब कोई कोरोना पॉजिटिव सामने आया है। वहीं दिन में 2 और नए मामले सामने आए। दोनों भीलवाड़ा में बांगड़ अस्पताल के कर्मचारी है। वहीं इससे पहले शुक्रवार को संक्रमण के 7 नए केस सामने आए। जिसमें दो भीलवाड़ा से हैं। वहीं एक जोधपुर में सामने आया। जिसके बाद रात को दो केस डूंगरपुर, एक जयपुर और एक चूरू में सामने आया। अब कुल मिलाकर प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 54 तक पहुंच गई है। वहीं दो लोगों की मौत भी हो चुकी है। भीलवाड़ा में कोरोना संक्रमण के सबसे ज्यादा 24 मामले मिले हैं। जयपुर में 10, झुंझुनूं में 6, जोधपुर में 6, प्रतापगढ़ में 2, डूंगरपुर में 2, अजमेर, पाली, सीकर और चूरू में एक-एक संक्रमित मिला है। डूंगरपुर में 48 साल के व्यक्ति और उसके 14 साल के बेटे में कोरोना पॉजिटिव मिला है। दोनों बाइक के जरिए 25 मार्च को इंदौर से डूंगरपुर पहुंचे थे। जिसके बाद 26 मार्च को अस्पताल में भर्ती करवाए गए। वहीं चूरू में 60 साल की एक महिला पॉजिटिव मिली है। वहीं जयपुर में 47 साल का व्यक्ति पॉजिटिव पाया गया है। जो रामगंज में एक दिन पहले पॉजिटिव पाए गए व्यक्ति के संपर्क में आया था।
अब तक दो लोगों की मौत
वहीं गुरुवार को भीलवाड़ा कोरोना पॉजिटिव दो लोगों की मौत हो गई। पहली मौत 73 वर्षीय बुजुर्ग की हुई। उसे कई अन्य गंभीर बीमारियां भी थीं। बुजुर्ग डायलिसिस पर था। उसे बीपी, किडनी और सांस लेने में काफी परेशानी थी। हालांकि चिकित्सक किडनी खराब होना मौत का कारण बता रहे हैं। 4 तारीख से लेकर 11 तारीख तक बुजुर्ग एक निजी अस्पताल में एडमिट था। 25 तारीख को उसकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। एमजीएच उपनियंत्रक डॉ. देवकिशन सरगरा ने बताया कि मृतक का अंतिम संस्कार पूरी सुरक्षा के बीच कराया जाएगा। व्यक्ति काफी बुजुर्ग था। जो निजी हॉस्पिटल में ही डायलिसिस कराने आया था। जब उसे आइसोलेशन वार्ड में लाया गया तब के प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि उसे सांस लेने में बहुत तकलीफ हो रही थी।
अकेला भीलवाड़ा सब पर भारी
संक्रमित दो लोगों की मौत ने पूरे राजस्थान की चिंताएं बढ़ा दी हैं। डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञ कह रहे हैं कि कम्यूनिटी संक्रमण का यह खतरा पूरे राजस्थान के लिए बड़ी और घातक चुनौती है। वहीं दूसरी ओर झुंझुनू और जयपुर के रामगंज में भी यही हालात खड़े हो गए हैं। यहां भी एक व्यक्ति ने अपने 22 परिजनों समेत 200 से ज्यादा लोगों को संकट में डाल दिया है। राजस्थान में अब 45 लोग पॉजीटिव पाए गए हैं। भीलवाड़ा ने कोरोना से जुड़ी उस मिथ को तोड़ दिया कि हमारे देश में अधिकतर संक्रमण विदेशियों के कारण हुए। यहां तो एक डॉक्टर के घर पर विदेश से आए कुछ मेहमानों के कारण पहले वह खुद संक्रमित हुआ। और फिर उसने एक-एक कर पूरे शहर को चपेट में ले लिया।
पलायन कर रहे मजदूरों को रोडवेज बसों से अन्य राज्यों की बॉर्डर पर भेजा, सोशल डिस्टेंस पर सड़क पर बैठे रहे यूपी और बिहार के मजदूर नहीं जा सके घर, अफसर बोले- नहीं मिली क्लिरियेंस
जयपुर (संवाद)। प्रदेश में लॉक डाउन के चलते चौथे दिन भी यहां काम करने वाले हजारों मजदूरों का भूखे प्यासे कई किलोमीटर पैदल चलकर अपने घर राज्यों की तरफ पलायन जारी है। लगातार खबरें सामने आने के बाद शनिवार को राजस्थान के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने एक ट्वीट कर ऐसे मजदूरों को उनके राज्यों की बॉर्डर तक छुड़वाने तक की व्यवस्था के लिए एक ट्वीट कर जानकारी दी। कुछ ही देर में बिगड़ गई सोशल डिस्टेंस की पालना इसके बाद हजारों की संख्या में कई राज्यों से यहां आकर मजदूरी करने वाले लोग सिंधीकैंप, ट्रांसपोर्ट नगर, नारायण सिंह सर्किल व अन्य जिलों में भी बॉर्डर पर इकट्?ठा हो गए। ऐसे में जयपुर में सिंधीकैंप बस स्टैंड पर पुलिस ने शरणार्थी मजदूरों को सोशल डिस्टेंस की पालना कर सड़क पर बैठा दिया। लेकिन कुछ देर बाद ही मजदूरों की संख्या बिगडऩे पर सोशल डिस्टेंस और लॉक डाउन की व्यवस्था लडखड़़ा गई। इस दौरान जिला कलेक्टर डॉ. जोगाराम व रोडवेज के एमडी नवीन जैन सहित पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी मौके पर मौजूद रहे। वहां काफी संख्या में पुलिस जाब्ता तैनात करवाया गया। इसके बाद मजदूरों को रोडवेज बसों में बैठाकर रवाना किया गया। इनमें ज्यादातर गुजरात, हरियाणा, पंजाब, सहित राजस्थान में ही अन्य जिलों के मजदूर शामिल थे। लेकिन बिहार व उत्तरप्रदेश के मजदूरों को नहीं भेजा जा सका। इसके पीछे रोडवेज एमडी नवीन जैन ने यूपी व बिहार सरकार की क्लियरेंस नहीं मिलना बताया।
पैनिक क्रिएट न करें
रोडवेज एमडी नवीन जैन ने बताया कि देररात एसीएस होम का आदेश प्राप्त हुआ है। जो रोडवेज औऱ जिला कलेक्टर के नाम जारी किया गया है। जिसमें पलायन कर रहे लोगों को बसें उप्लब्ध करवाई जाए। जिसमें बताया चाहुंगा कि कि इसी तरह का पैनिक क्रिएट न करें। ये हमारा रुटीन काम ही है। अब ये इमरजेंसी सेवा है। हमें इस निर्णय का साथ देना है।
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