कोलकाता ।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को आरोप लगाया कि दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा राज्य प्रायोजित नरसंहार थी। उन्होंने कहा कि भाजपा देशभर में दंगों का गुजरात मॉडल लागू करने की कोशिश कर रही है। तृणमूल कांग्रेस के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हु?ए बनर्जी ने रविवार को शहर में हुई अमित शाह की रैली में शामिल होने के लिए जाते हुए गोली मारो.. के विवादित नारे लगाने वालों की निंदा की। उन्होंने कहा, मैं दिल्ली में मासूम लोगों की हत्या से अत्यंत दुखी हूं। मेरे विचार से यह नरसंहार था...दिल्ली में हिंसा राज्य प्रायोजित थी।ÓÓ
बनर्जी ने दावा किया कि यह संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के कारण हुआ कि दिल्ली में इतने सारे लोग मारे गए। उन्होंने कहा कि अमित शाह को यह बात अपने जहन में रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा को दिल्ली दंगों के लिए माफी मांगनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा, भाजपा पश्चिम बंगाल समेत पूरे भारत में दंगों का गुजरात मॉडल दोहराने की कोशिश कर रही है।
दिल्ली हिंसा को पूर्व उप राष्ट्रपति ने बताया सुनियोजित, बोले- सरकार ने रोकने की नहीं की कोशिश
नई दिल्ली (एजेंसी)। नार्थ ईस्ट दिल्ली हिंसा मामले में अब तक दिल्ली पुलिस ने 334 एफआईआर दर्ज की है और इस मामले में 33 लोग गिरफ्तार किए गए हैं, जबकि 44 केस आम्र्स एक्ट के तहत दर्ज किए गए हैं। हिंसा में मरने वालों की संख्या 46 हो गई है। दिल्ली हिंसा को लेकर जहां एक ओर एसआईटी जांच कर रही है वहीं पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने बड़ा बयान दिया है। अंसारी ने दिल्ली हिंसा को सुनियोजित बताते हुए आरोप लगाया कि इस दौरान सरकार ने हिंसा रोकने की कोशिश नहीं कि। एक निजी चैनल से बात करते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली में हिंसा होती रही और सरकार सोती रही। गौरतलब है कि 23-24 तारीख को दिल्ली में हुई हिंसा में 46 से ज्यादा लोगों की जान चली गई है तो करीब 250 लोग अस्पतालों में भर्ती हैं। इस हिंसा में हजारों वाहन फूंक दिए गए, सैकड़ों मकान जले और दुकानें लूट ली गईं।
शरद पवार से अलग अजीत की राय, बोले-सीएए और एनआरपी के खिलाफ प्रस्ताव की जरूरत नहीं
मुम्बई (एजेंसी)। महाराष्ट्र की शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की महाअघाड़ी सरकार के बनने के शुरीआत ही आपसी तालमेल और कई मुद्दों पर आपसी तकरार लगातार देखने को मिलती रहती है। नागरिकता संशोधन कानून पर शरद पवार और कांग्रेस की विचारधारा से उलट उद्धव ठाकरे अपनी राय प्रकट कर चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सीएए का समर्थन करते हुए कहा था कि इससे किसी को घबराने की जरूरत नहीं है। इसे शरद पवार ने उनका निजी नजरिया बताकर खारिज कर दिया था। वहीं अब शरद पवार के भतीजे और महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार भी खुलकर सीएए के समर्थन में आ गए हैं। अजीत पवार ने दो टूक कहा कि नागरिकता संशोधन कानून, प्रस्तावित एनपीआर और एनआरसी से किसी की नागरिकता नहीं जाएगी। कुछ लोग इसको लेकर अफवाह फैला रहे हैं। महाराष्ट्र विधानसभा में सीएए और एनपीआर के खिलाफ प्रस्ताव लाने की कोई जरूरत नहीं है। अजीत पवार यहां राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा, 'नागरिकता संशोधन कानून , राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर से किसी की नागरिकता नहीं जाएगी। गौरतलब है कि राकांपा प्रमुख शरद पवार ने पिछले महीने कहा था कि अन्य आठ राज्यों की तरह महाराष्ट्र को भी सीएए लागू करने से इन्कार कर देना चाहिए, क्योंकि उन्हें डर है कि इससे देश का धार्मिक और सामाजिक सौहार्द बिगड़ेगा।
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