वैश्विक विकास दर अनुमान में 0.5 फीसदी की कटौती
पेरिस । दुनिया के कई देशों में कोरोना वायरस के प्रकोप से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। एक ग्लोबल एजेंसी का मानना है कि एक दशक पहले आई मंदी के बाद ऐसा पहली बार होगा, जब चालू तिमाही में वैश्विक अर्थव्यवस्था में गिरावट देखी जाएगी। हालत यह है कि एजेंसी ने आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन ने वैश्विक अर्थव्यवस्था के विकास दर अनुमान को आधा फीसदी घटाकर 2.4 फीसदी कर दिया है और कहा है कि अगर कोरोना वायरस के प्रकोप में और विस्तार हुआ तथा यह लंबे समय तक रहता है तो विकास दर का आंकड़ा गिरकर 1.5 फीसदी तक जा सकता है।
अर्थव्यवस्था की वृद्धि संभावना कमजोर
कोरोना वायरस के असर को लेकर एक विशेष रिपोर्ट में ओईसीडी ने हालांकि सोमवार को कहा कि कुल मिलाकर इस साल अर्थव्यवस्था में वृद्धि रहने और अगले साल उछाल आने की अभी भी उम्मीद है। ओईसीडी का कहना है कि चीन में उत्पादन में गिरावट का न सिर्फ एशिया बल्कि दुनियाभर की उन तमाम कंपनियों पर गहरा असर पड़ रहा है, जो चीन के कच्चे माल पर निर्भर हैं। एजेंसी ने सरकारों से वायरस के प्रकोप को जल्द से जल्द रोकने और उपभोक्ताओं का विश्वास बहाल करने की अपील की है। एजेंसी के मुताबिक, इस वायरस का असर पहले की तुलना में काफी व्यापक होगा, क्योंकि वैश्विक अर्थव्यवस्था पूरी तरह एक दूसरे से जुड़े हुए हैं और वैश्विक उत्पादन, व्यापार, पर्यटन तथा कमोडिटी मार्केट्स में चीन उल्लेखनीय भूमिका निभाता है।
पेरिस । दुनिया के कई देशों में कोरोना वायरस के प्रकोप से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। एक ग्लोबल एजेंसी का मानना है कि एक दशक पहले आई मंदी के बाद ऐसा पहली बार होगा, जब चालू तिमाही में वैश्विक अर्थव्यवस्था में गिरावट देखी जाएगी। हालत यह है कि एजेंसी ने आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन ने वैश्विक अर्थव्यवस्था के विकास दर अनुमान को आधा फीसदी घटाकर 2.4 फीसदी कर दिया है और कहा है कि अगर कोरोना वायरस के प्रकोप में और विस्तार हुआ तथा यह लंबे समय तक रहता है तो विकास दर का आंकड़ा गिरकर 1.5 फीसदी तक जा सकता है।
अर्थव्यवस्था की वृद्धि संभावना कमजोर
कोरोना वायरस के असर को लेकर एक विशेष रिपोर्ट में ओईसीडी ने हालांकि सोमवार को कहा कि कुल मिलाकर इस साल अर्थव्यवस्था में वृद्धि रहने और अगले साल उछाल आने की अभी भी उम्मीद है। ओईसीडी का कहना है कि चीन में उत्पादन में गिरावट का न सिर्फ एशिया बल्कि दुनियाभर की उन तमाम कंपनियों पर गहरा असर पड़ रहा है, जो चीन के कच्चे माल पर निर्भर हैं। एजेंसी ने सरकारों से वायरस के प्रकोप को जल्द से जल्द रोकने और उपभोक्ताओं का विश्वास बहाल करने की अपील की है। एजेंसी के मुताबिक, इस वायरस का असर पहले की तुलना में काफी व्यापक होगा, क्योंकि वैश्विक अर्थव्यवस्था पूरी तरह एक दूसरे से जुड़े हुए हैं और वैश्विक उत्पादन, व्यापार, पर्यटन तथा कमोडिटी मार्केट्स में चीन उल्लेखनीय भूमिका निभाता है।
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