क्राइस्टचर्च
दुनिया की नंबर एक टेस्ट टीम भारत को मात्र ढाई दिन के अंदर न्यूजीलैंड के हाथों दूसरे क्रिकेट टेस्ट में सोमवार को सात विकेट की शिकस्त का सामना करना पड़ा और इसके साथ ही भारत का दो टेस्टों की सीरीज में 0-2 से सफाया हो गया। भारत ने पहला टेस्ट 10 विकेट से गंवाया था जबकि दूसरे टेस्ट में उसे सात विकेट से हार मिली। पहला टेस्ट सवा तीन दिन में समाप्त हुआ था और दूसरा टेस्ट ढाई दिन में ही निपट गया। भारत ने तीसरे दिन सुबह छह विकेट पर 90 रन से आगे खेलना शुरू किया और उसकी दूसरी पारी 124 रन पर समाप्त हो गयी। भारत को पहली पारी में सात रन की बढ़त हासिल थी। न्यूजीलैंड को जीत के लिए 132 रन का लक्ष्य मिला जो उसने 36 ओवर में तीन विकेट पर 132 रन बनाकर हासिल कर लिया।
न्यूजीलैंड तीसरे स्थान पर, भारत शीर्ष पर कायम
न्यूजीलैंड को इस जीत से 60 अंक और सीरीज में कुल 120 अंक हासिल हुए। न्यूजीलैंड के सात मैचों से 180 अंक हो गए हैं और वह आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप तालिका में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है जबकि भारत इस हार के बावजूद 360 अंकों के साथ शीर्ष पर बना हुआ है। इस हार के साथ भारत का न्यूजीलैंड दौरा निराशाजनक ढंग से समाप्त हो गया। भारत ने इस दौरे में टी-20 सीरीज 5-0 से जीती लेकिन इसके बाद वनडे सीरीज 0-3 से और टेस्ट सीरीज 0-2 से गंवा दी। भारत ने टेस्ट चैंपियनशिप में लगातार सात टेस्ट जीतने के बाद लगातार दो टेस्ट गंवाए।
ग्रीन पिचों पर खुली बल्लेबाजों की पोल
भारत की टेस्ट सीरीज में हार इसलिए ज्यादा निराशाजनक रही क्योंकि भारतीय बल्लेबाजों ने किसी भी पारी में संघर्ष करने का जज्बा नहीं दिखाया। खुद कप्तान विराट कोहली सुपर फ्लॉप रहे। इस सीरीज ने एक बार फिर हरियाली पिचों पर भारतीय बल्लेबाजों की पोल खोल दी।
भारत की वनडे और टेस्ट सीरीज में पराजय ने 2002-03 के दौरे की याद दिला दी। उस समय टी-20 मुकाबले नहीं हुआ करते थे। भारत को दो टेस्टों की सीरीज में 0-2 से और सात मैचों की वनडे सीरीज में 2-5 से हार का सामना करना पड़ा था। उस समय भारतीय टीम में तमाम दिग्गज बल्लेबाज मौजूद थे और इस बार टीम का नेतृत्व दुनिया के नंबर एक बल्लेबाज विराट कोहली के हाथों में था। बीसीसीआई के मौजूदा अध्यक्ष सौरभ गांगुली तब भारतीय टीम के कप्तान थे। भारत ने 2002-03 की टेस्ट सीरीज में खौफनाक बल्लेबाजी प्रदर्शन किया था और इस बार भी वही हाल रहा।
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