जयपुर। प्रदेश में बुधवार सुबह जयपुर व बूंदी सहित कुछ स्थानों पर बारिश हुई। बूंदी जिले के नैनवां में सुबह आधा घंटे बारिश हुई। जयपुर जिले के विराटनगर, आमेर, शाहपुरा सहित कई इलाकों में हल्की बूंदाबांदी हुई। कटकर खलिहानों में पहुंची सरसों की फसल को लेकर किसान चिंतित नजर आए। कटकर खलिहानों में रखी सरसों भीग गई। हालांकि यह बारिश गेहूं, जौ, तारामीरा की फसल के लिए फायदेमंद है, लेकिन अगर ओले गिरे तो फसलों को नुकसान हो सकता है। तीन दिन पहले हुई ओलावृष्टि से धौलपुर में खेतों में तैयार फसलों को नुकसान पहुंचा था। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में पांच मार्च को पूर्वी राजस्थान के अजमेर, टोंक, सवाईमाधोपुर, करौली, धौलपुर, झुंझुनूं, अलवर, सीकर, भरतपुर, जयपुर, दौसा कोटा, बूंदी और बारां तथा पश्चिमी राजस्थान के नागौर, बीकानेर, चूरू, हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर में बादल गरजने व ओलावृष्टि की चेतावनी जारी की गई है। यहां 40 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। जयपुर में कटकर खलिहानों में रखी सरसों भीग गई। हालांकि यह बारिश गेहूं, जौ, तारामीरा की फसल के लिए फायदेमंद है, लेकिन अगर ओले गिरे तो फसलों को नुकसान हो सकता है। रावतसर में सरसों की फसल ओलों की मार से खराब हो गई। तीन दिन पहले हुई ओलावृष्टि से धौलपुर में खेतों में तैयार फसलों को नुकसान पहुंचा था।
जयपुर में बरसे बादल,ठंडक बढ़ी
जयपुर। प्रदेश में बुधवार सुबह जयपुर व बूंदी सहित कुछ स्थानों पर बारिश हुई। बूंदी जिले के नैनवां में सुबह आधा घंटे बारिश हुई। जयपुर जिले के विराटनगर, आमेर, शाहपुरा सहित कई इलाकों में हल्की बूंदाबांदी हुई। कटकर खलिहानों में पहुंची सरसों की फसल को लेकर किसान चिंतित नजर आए। कटकर खलिहानों में रखी सरसों भीग गई। हालांकि यह बारिश गेहूं, जौ, तारामीरा की फसल के लिए फायदेमंद है, लेकिन अगर ओले गिरे तो फसलों को नुकसान हो सकता है। तीन दिन पहले हुई ओलावृष्टि से धौलपुर में खेतों में तैयार फसलों को नुकसान पहुंचा था। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में पांच मार्च को पूर्वी राजस्थान के अजमेर, टोंक, सवाईमाधोपुर, करौली, धौलपुर, झुंझुनूं, अलवर, सीकर, भरतपुर, जयपुर, दौसा कोटा, बूंदी और बारां तथा पश्चिमी राजस्थान के नागौर, बीकानेर, चूरू, हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर में बादल गरजने व ओलावृष्टि की चेतावनी जारी की गई है। यहां 40 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। जयपुर में कटकर खलिहानों में रखी सरसों भीग गई। हालांकि यह बारिश गेहूं, जौ, तारामीरा की फसल के लिए फायदेमंद है, लेकिन अगर ओले गिरे तो फसलों को नुकसान हो सकता है। रावतसर में सरसों की फसल ओलों की मार से खराब हो गई। तीन दिन पहले हुई ओलावृष्टि से धौलपुर में खेतों में तैयार फसलों को नुकसान पहुंचा था।
0 comments:
Post a comment