देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढऩा चिंताजनक अवश्य है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि हालात नियंत्रण से बाहर हो रहे हैं। यदि हवाई अड्डों पर पर्याप्त सतर्कता बरती जाती तो शायद कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की पहचान समय रहते हो जाती। यह सतर्कता क्यों नहीं बरती जा सकी, इसकी तह में जाने और साथ ही ऐसी व्यवस्था करने की जरूरत है कि कम से कम अब उन सभी की जांच अवश्य हो जो विदेश से भारत आ रहे हैं। चूंकि कोरोना वायरस दुनिया के कई हिस्सों में फैल चुका है और मौजूदा माहौल में कोई भी उससे संक्रमित हो सकता है इसलिए कहीं अधिक सावधानी का परिचय देना समय की मांग है। विदेश से आने वालों के लिए भी यह आवश्यक है कि वे हवाई अड्डों पर जरूरी जांच-पड़ताल में सहयोग करें। इसी के साथ आम लोगों में यह जागरूकता पैदा करने की भी जरूरत है कि जुकाम-खांसी से पीडि़त होने का मतलब कोरोना वायरस की चपेट में आना नहीं है और इस वायरस से संक्रमित लोगों का उपचार संभव है। आखिर यह एक तथ्य है कि केरल में इस वायरस से संक्रमित पाए गए लोग ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं। चीन में भी कोरोना वायरस से मुक्त होने वालों की संख्या बढ़ रही है। हालांकि ईरान, इटली आदि में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की मौत का आंकड़ा चिंतित करने वाला है, लेकिन इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती कि अन्य देशों की तुलना में भारत में कहीं कम लोग कोरोना वायरस से ग्रस्त मिले हैं। माना जा रहा है कि जैसे-जैसे गर्मी बढ़ेगी वैसे-वैसे इस वायरस का प्रकोप कम होगा। इसके बावजूद चौकसी में कोई कमी नहीं आने देनी चाहिए। वैसे भी खतरा अभी टला नहीं है। चूंकि कोरोना वायरस का संक्रमण मानव स्वास्थ्य के साथ-साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए भी गंभीर खतरा बनकर उभरा है इसलिए सभी देशों को मिलकर उससे निपटने के प्रयासों को गति देनी चाहिए। कोशिश इसकी भी होनी चाहिए कि इस वायरस को निष्प्रभावी करने वाला टीका जल्द तैयार हो। जब तक ऐसा नहीं होता तब तक सेहत के प्रति अतिरिक्त सतर्कता बरतने के अलावा और कोई उपाय नहीं। यह सही समय है जब राज्य सरकारें अपने स्वास्थ्य तंत्र की समीक्षा के साथ यह सुनिश्चित करें कि कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों की निगरानी और उपचार सही तरह से हो। केंद्र सरकार को भी हर हाल में यह सुनिश्चित करना होगा कि जरूरी दवाओं और उपकरणों की कमी न होने पाए। उचित होगा कि वह यह देखे कि उसके निर्देशों पर सही तरह अमल हो रहा है या नहीं?
सतर्कता बढ़ाने का समय
देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढऩा चिंताजनक अवश्य है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि हालात नियंत्रण से बाहर हो रहे हैं। यदि हवाई अड्डों पर पर्याप्त सतर्कता बरती जाती तो शायद कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की पहचान समय रहते हो जाती। यह सतर्कता क्यों नहीं बरती जा सकी, इसकी तह में जाने और साथ ही ऐसी व्यवस्था करने की जरूरत है कि कम से कम अब उन सभी की जांच अवश्य हो जो विदेश से भारत आ रहे हैं। चूंकि कोरोना वायरस दुनिया के कई हिस्सों में फैल चुका है और मौजूदा माहौल में कोई भी उससे संक्रमित हो सकता है इसलिए कहीं अधिक सावधानी का परिचय देना समय की मांग है। विदेश से आने वालों के लिए भी यह आवश्यक है कि वे हवाई अड्डों पर जरूरी जांच-पड़ताल में सहयोग करें। इसी के साथ आम लोगों में यह जागरूकता पैदा करने की भी जरूरत है कि जुकाम-खांसी से पीडि़त होने का मतलब कोरोना वायरस की चपेट में आना नहीं है और इस वायरस से संक्रमित लोगों का उपचार संभव है। आखिर यह एक तथ्य है कि केरल में इस वायरस से संक्रमित पाए गए लोग ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं। चीन में भी कोरोना वायरस से मुक्त होने वालों की संख्या बढ़ रही है। हालांकि ईरान, इटली आदि में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की मौत का आंकड़ा चिंतित करने वाला है, लेकिन इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती कि अन्य देशों की तुलना में भारत में कहीं कम लोग कोरोना वायरस से ग्रस्त मिले हैं। माना जा रहा है कि जैसे-जैसे गर्मी बढ़ेगी वैसे-वैसे इस वायरस का प्रकोप कम होगा। इसके बावजूद चौकसी में कोई कमी नहीं आने देनी चाहिए। वैसे भी खतरा अभी टला नहीं है। चूंकि कोरोना वायरस का संक्रमण मानव स्वास्थ्य के साथ-साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए भी गंभीर खतरा बनकर उभरा है इसलिए सभी देशों को मिलकर उससे निपटने के प्रयासों को गति देनी चाहिए। कोशिश इसकी भी होनी चाहिए कि इस वायरस को निष्प्रभावी करने वाला टीका जल्द तैयार हो। जब तक ऐसा नहीं होता तब तक सेहत के प्रति अतिरिक्त सतर्कता बरतने के अलावा और कोई उपाय नहीं। यह सही समय है जब राज्य सरकारें अपने स्वास्थ्य तंत्र की समीक्षा के साथ यह सुनिश्चित करें कि कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों की निगरानी और उपचार सही तरह से हो। केंद्र सरकार को भी हर हाल में यह सुनिश्चित करना होगा कि जरूरी दवाओं और उपकरणों की कमी न होने पाए। उचित होगा कि वह यह देखे कि उसके निर्देशों पर सही तरह अमल हो रहा है या नहीं?
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