
जयपुर। शहर के आराध्य गोविंददेवजी मंदिर में सोमवार को गुलाल होली खेली जाएगी। राजभोग आरती के बाद श्रद्धालु ठाकुरजी के समक्ष अखरोट से तैयार प्राकृतिक रंग से होली खेलेंगे। मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में सर्वप्रथम ठाकुरजी को गुलाल अर्पित की जाएगी। राधारानी सोने की पिचकारी में केसर भरकर गोविंददेवजी पर छोड़ेगी। इसके बाद मंदिर महंत और दर्शनार्थियों पर रंगों की बौछार करेंगे।
इससे पहले रविवार को मंदिर में फागोत्सव के तहत होली पद गायन हुआ। कोलकाता के मालीराम शास्त्री ने होली के पदों का गायन किया। उनके साथ कलाकारों ने राधा-कृष्ण के स्वरूप में अपनी प्रस्तुति से गोविंद के दरबार में होली को साकार किया। इस दौरान पुष्प वर्षा की गई और ठाकुरजी की रचना झांकी के दर्शन हुए। मंदिर प्रवक्ता मानस गोस्वामी ने बताया कि मंदिर में सांसद रामचरण बोहरा, पूर्व मंत्री ब्रजकिशोर शर्मा आदि भी फागोत्सव में शामिल हुए। 9 मार्च को गुलाल खेली जाएगी। इसी दिन महाप्रभु चैतन्य देव की जयंती भी मनाई जाएगी। संध्या झांकी से पूर्व पंच द्रव्यों से ठाकुर गौर गोविंद के अभिषेक दर्शन होंगे।
गणगौर पूजन कल से
धुलंडी के साथ ही गणगौर पूजा शुरू हो जाएगी। नवविवाहिताएं, कुंवारी कन्या तथा विवाहिताएं 16 दिनों तक ईसर और गौर माता की पूजा करेंगी।
गलता तीर्थ में बिखरे फाग के रंग
उत्तर भारत की प्रमुख वैष्णव पीठ गलताजी में पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशाचार्य महाराज के सान्निध्य में फाग महोत्सव मनाया गया। इस अवसर पर जल बचाने और रसायन मुक्त होली खेलने का संदेश दिया गया। युवराज स्वामी राघवेन्द्र ने बताया कि गलता पीठ में तिलक व पुष्प होली खेली गई। ठाकुरजी के समक्ष फाग का आयोजन किया गया, भक्तों ने फूलों की होली खेली। फागोत्सव में विदेशी सैलानियों भी शामिल हुए। श्रद्धालुओं को गुलाल का तिलक लगाया गया व पुष्प की पंखुडिय़ों से होली खेली गई। राजस्थानी युवा चंग मंडल के कलाकारों की ओर से भगवान के गीतों की प्रस्तुतियां दी गई। फागोत्सव के बाद भगवान को भोग लगाकर भक्तों ने प्रसादी पाई।
Posted By:yashraj
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