

कई शताब्दियों के बाद इस बार होली पर गुरु और शनि अपनी अपनी राशि में एक साथ रहेंगे। गुरु अपनी राशि धनु और शनि अपनी राशि मकर में रहेंगे। वहीं होली पर पारिजात, वेशि और बुधादित्य योग भी बन रहा है। ज्योतिषाचार्य प्रियदर्शी के मुताबिक होली पर इस बार गजकेशरी, सर्वार्थ सिद्धियोग और जय योग का भी संयोग बना है जो बहुत शुभ है। ज्यतिषाचार्य प्रियेंदू प्रियदर्शी ने बताया कि होलिका दहन पर इस बार ध्वज योग,अमृत योग और सौभाग्यसुंदरी योग का महासंयोग बना है। ऐसा संयोग होलिका दहन पर करीब नौ वर्षों के बाद बना है। पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में होलिका दहन होने से ध्वजा योग बना है।
करें ये उपाय, दूर होंगे मंगल दोष
इस बार होली मंगलवार को है। इसलिए भगवती और हनुमान जी की आराधना करें। उन्हें गुलाबी अबीर, अबरख, तुलसीपत्र और मंजरी अर्पित करें जिससे मंगल दोष से मुक्ति मिलेगी। मांगलिक कार्य भी बनेंगे।
होलिका पूजन मंत्र
अहकूटा भयत्रस्तै: कृता त्वं होलि बालिशै:
अतस्तां पूजयिष्यामि भूति भूति प्रदायिनीम।
अहकूटा भयत्रस्तै: कृता त्वं होलि बालिशै:
अतस्तां पूजयिष्यामि भूति भूति प्रदायिनीम।
अगजा के भस्म से होली की शुरुआत होगी
ज्योतिषाचार्य के अनुसार अगजा के धूल से होली की शुरुआत होगी। होलिका दहन की पूजा और रक्षोघ्नन सूक्त की पाठ की जाएगी। अगजा की पांच बार परिक्रमा की जाएगी। इस दौरान तंत्र विद्या की साधनाएं भी की जाती हैं। अगजा जलाने के बाद सुबह में उसमें आलू, हरा चना पकाकर ओरहा खाया जाएगा। इस दौरान अगजा के समीप लोग सुमिरन गाएंगे। ...सुमिरो श्री भगवान अरे लाला केकरा सुमिरी सब कारज बनत हे...। फिर भजन गाते हुए दरवाजे-दरवाजे घूमेंगे। नए कपड़े पहन भगवान को रंग-अबीर चढ़ाएंगे। फिर गूंजने लगेंगे होली के ये पारंपरिक गीत बंगला में उड़त गुलाल बाबू कुंवर सिंह तेगवा बहादुर...। जल मरी। इसलिए होलिका दहन की परंपरा भी है।
होली पर होगी कुलदेवता की पूजा
होली के दिन ही मिथिलांचल में सप्ताडोरा की पूजा भी होती है। मां भगवती व कुलदेवता को सिंदूर आर्पण किया जाएगा। साथ ही 56 भोग लगाया जायेगा।
राशि के अनुसार अगजा में करें अर्पण
मेष, वृश्चिक: गुड़ की मिठाई, दही
वृष, तुला:दही बाड़ा,चावल की खीर,नारियल मिठाई
मिथुन-कन्या: मूंग हलवा, पुआ,रेवड़ी
कर्क: दही,छेने की मिठाई,मालभोगर्
सिंह: जुझिया,उड़द की मिठाई
धनु-मीन: गेहूं,बेसन की मिठाई
मकर-कुंभ: मकई भुट्टा, अपराजिता फूल।
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त : नौ मार्च को
शाम 6.22 बजे से रात 8.49 बजे
भद्रा पूंछ : सुबह 9.50 से 10.50
भद्रा मुख : सुबह 10.51 बजे से दोपहर 12.32 बजे तक
Posted By:yashraj
About CR Team
Dainik Chamakta Rajasthan to provide lightning fast, reliable and comprehensive informative information to our visitors in the form of news and articles.
0 comments:
Post a comment