नई दिल्ली । निजी क्षेत्र के यस बैंक पर प्रतिबंध लगाने के अगले दिन ही आरबीआई ने इसका रिकंस्ट्रक्शन प्लान का भी ऐलान कर दिया है। इससे पता चलता है कि गुरुवार को बैंक के प्रबंधन को निरस्त करने और इसके काम काज पर अस्थाई रोक लगाने से पहले आरबीआई व सरकार ने पूरी प्लानिंग कर ली थी। शुक्रवार शाम को आरबीआई की तरफ से जो स्कीम लॉन्च की गई है, उसमें बताया गया है कि देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक एसबीआई यस बैंक में निवेश करने को तैयार है। फिलहाल एसबीआई को यस बैंक की 49 फीसदी हिस्सेदारी दी जा सकती है और संकेत इस बात के भी है कि एसबीआई अपने साथ कुछ दूसरे वित्तीय संस्थानों को भी इसमें शामिल कर सकता है। आरबीआई ने यस बैंक लिमिटेड रीकंस्ट्रक्शन स्कीम 2020 के नाम से इस योजना का मसौदा जारी किया है। इसमें कहा गया है कि बैंकिंग नियमन कानून 1949 की धारा 45 के तहत स्कीम तैयार किया गया है।आरबीआई का रिवाइवल प्लान
बैंक का ऑथराइज्ड कैपिटल घटाकर 5000 करोड़ रुपए पर आ जाएगा।
आरबीआई नए यस बैंक में एडिशनल डायरेक्टर नियुक्त करेगा।
यस बैंक के इक्विटी शेयर 2 रुपए प्रति शेयर के हिसाब से 2400 करोड़
रुपए रहेगा।
एसबीआई निवेश करने के तीन साल तक बैंक में हिस्सेदारी 26 फीसदी से कम
नहीं करेगा
एसबीआई यस बैंक में 49 फीसदी हिस्सेदारी लेगा।
नए यस बैंक के पास छह सदस्यों वाला बोर्ड होगा।
यस बैंक के सभी डिपॉजिट पहले की तरह बने रहेंगे।
नया बैंक बनने के बाद यस बैंक को टीयर-1 बॉन्ड हमेशा के लिए बैलेंस शीट
से हटाना होगा।
नए बैंक के ड्राफ्ट को लेकर अगर कोई शिकायत होगी तो उसे 9 मार्च से पहले बताना होगा।
नए यस बैंक का बोर्ड बैंक के बड़े अधिकारियों को निकलने के लिए
कह सकता है।
यस बैंक के सभी ब्रांच और ऑफिस उसी जगह पर पहले की तरह चलते रहेंगे।
नया यस बैंक नए ब्रांच शुरू कर सकता है, लेकिन उसे मौजूदा ब्रांच बंद
करना होगा।
यस बैंक के कर्मचारियों की नौकरी अगले एक साल तक नहीं जाएगी। नए यस बैंक में भी उनकी सैलरी पहले की तरह रहेगी। उसमें कोई कटौती नहीं होगी।
यस बैंक में पैसा लगाने वाली कंपनी के बोर्ड में दो सदस्य रहेंगे।
सीईओ और एमडी सहित बैंक के बोर्ड में कुल 6 सदस्य होंगे।
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