सरकारी बैंकों ने कोरोना महामारी के दौरान काम कर रहे अपने कर्मचारियों को तरह-तरह के इंसेंटिव देने शुरू दिए हैं। इन बैंकों को अतरिक्त इंश्योरेंस के साथ साथ ब्याज मुक्त कर्ज तक देने की पेशकश की जा रही है।

कोराना महामारी में काम कर रहे सरकारी बैंकों ने अपने कर्मचारियों को पेड लीव सहित आसान कर्ज मुहैया कर रही है। हिन्दुस्तान ने कर्मचरियों को बैंक की तरफ से भेजी गई चि_ी देखी है जिसमें लिखा है कि सभी कर्मचारी एक महीने की तनख्वाह के बराबर या फिर एक लाख रुपये दोनों में से जो भी कम है उस रकम के बराबर ब्याज मुक्त कर्ज ले सकते हैं। अधिकारियों का कहना है कि इस लॉकडाउन के दौरान आए अतिरिक्त खर्चे को पूरा करने में ये ब्याजमुक्त कर्ज की रकम मददगार साबित होगी। इन इंसेंटिव का इस्तेमाल सिर्फ वही कर्मचारी कर पाएंगे जो लगातार शाखाओं में काम कर रहे हैं। जो छुट्टी पर हैं या फिर सस्पेंड हैं उन्हें इन सेवाओं का पात्र नहीं माना जाएगा। हालांकि बैंक इस तरह के इंसेंटिव लीक से हटकर प्रोबेशन पर काम कर रहे कर्मचारियों को भी दे रही है। सेंट्रल बैंक ने अपने कर्मचारियों को छह दिन काम करने के बाद एक पेड लीव देने का ऐलान किया है। एसबीआई ने भी अतिरिक्त भुगतान का ऐलान किया है।
कोराना महामारी में काम कर रहे सरकारी बैंकों ने अपने कर्मचारियों को पेड लीव सहित आसान कर्ज मुहैया कर रही है। हिन्दुस्तान ने कर्मचरियों को बैंक की तरफ से भेजी गई चि_ी देखी है जिसमें लिखा है कि सभी कर्मचारी एक महीने की तनख्वाह के बराबर या फिर एक लाख रुपये दोनों में से जो भी कम है उस रकम के बराबर ब्याज मुक्त कर्ज ले सकते हैं। अधिकारियों का कहना है कि इस लॉकडाउन के दौरान आए अतिरिक्त खर्चे को पूरा करने में ये ब्याजमुक्त कर्ज की रकम मददगार साबित होगी। इन इंसेंटिव का इस्तेमाल सिर्फ वही कर्मचारी कर पाएंगे जो लगातार शाखाओं में काम कर रहे हैं। जो छुट्टी पर हैं या फिर सस्पेंड हैं उन्हें इन सेवाओं का पात्र नहीं माना जाएगा। हालांकि बैंक इस तरह के इंसेंटिव लीक से हटकर प्रोबेशन पर काम कर रहे कर्मचारियों को भी दे रही है। सेंट्रल बैंक ने अपने कर्मचारियों को छह दिन काम करने के बाद एक पेड लीव देने का ऐलान किया है। एसबीआई ने भी अतिरिक्त भुगतान का ऐलान किया है।
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