
नई दिल्ली (एजेंसी)। कोरोना वायरस का प्रकोप दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं पर कहर बन कर टूट रहा है। इस वैश्विक महामारी के चलते चीन की अर्थव्यवस्था में पिछले 30 सालों में पहली बार गिरावट आई है। चीन में पिछले साल दिसंबर के आखिर से ही कोरोना वायरस के मामले आना शुरू हो गए थे। इस वायरस की शुरुआत भी चीन के वुहान शहर से ही हुई। जब इसका संक्रमण काफी अधिक फैल गया तो चीन में कई जगहों पर लॉकडाउन किया गया। लॉकडाउन के चलते औद्योगिक गतिविधियों के बाधित होने का ही असर है कि तीन दशकों में पहली बार चीनी अर्थव्यवस्था में गिरावट आई है। विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था इस साल के पहले तीन महीनों में अर्थात मार्च तिमाही में गिरावट में चली गई है। न्यूज एजेंसी एएफपी द्वारा किये गए एक सर्वे पोल ऑफ इकोनॉमिस्ट्स से यह बात सामने आयी है। सर्वे में इस गिरावट का कारण लॉकडाउन को बताया है। चौदह इंस्टीट्यूट्स के एक्सपट्र्स का मानना है कि चीनी अर्थव्यवस्था में मार्च तिमाही में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 8.2 फीसद की गिरावट आई है। ऐसा तीन दशकों में पहली बार हुआ है, जब चीनी अर्थव्यवस्था में गिरावट आई है। एक्सपट्र्स का अनुमान है कि चीन की पूरे साल की जीडीपी वृद्धि दर 1.7 फीसद रहेगी, जो कि पिछले साल से काफी कम है। अगर यह अनुमान सटीक बैठता है, तो यह साल 1976 के बाद की चीन की सबसे कम वार्षिक जीडीपी ग्रोथ होगी। पिछले वर्ष चीन की जीडीपी ग्रोथ 6.1 फीसद रही थी। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ ने भी मंगलवार को साल 2020 के लिए चीन की जीडीपी ग्रोथ का आंकड़ा जारी किया था। आईएमएफ ने अपना अनुमान 1.2 फीसद बताया था, जो कि काफी कम है। वहीं, आईएमएफ ने वैश्विक जीडीपी ग्रोथ में इस साल तीन फीसद की गिरावट का अनुमान बताया था। इस समय चीन में कोरोना वायरस का प्रकोप धीमा पडऩे के बाद उद्योग-धंधे फिर से शुरू हो गए हैं।
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