जयपुर (संवाद)। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अगुआई में राज्य सरकार की ओर से प्रदेश की जनता को कोरोना की वैश्विक महामारी के संक्रमण से बचाने तथा लॉकडाउन के बीच गरीब, बेघर, मजदूर, वंचित और असहाय वर्गों के लोगों को राहत प्रदान करने के लिए उठाए गए कदमों की देशभर में सराहना हो रही है। इसी क्रम में राज्य के कला, साहित्य और संस्कृति विभाग ने भी कोरोना के कारण मुश्किल और विषम परिस्थितियों का सामना कर रहे ग्रामीण क्षेत्रों के लोक कलाकारों के लिए मुख्यमंत्री लोक कलाकार प्रोत्साहन योजना की अनूठी पहल की है। ग्रामीण लोक कलाकारों को प्रोत्साहन का उद्देश्य कला, साहित्य और संस्कृति मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने इस योजना के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश् के ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे अनेक लोक कलाकार हैं, जो लोक कलाओं की सुरभि बिखेर कर अपनी आजीविका चलाते हैं। प्रदेश की लोक संस्कृति और कला को जीवंत बनाए रखने में अपना सतत योगदान देने वाले ऐसे कलाकारों को कोरोना के कारण उत्पन्न स्थितियों में यथासम्भव सहायता और सम्मान देने के लिए कला एवं संस्कृति विभाग ने यह अनूठी योजना तैयार की है। चयनित प्रविष्टियों पर मिलेगा भुगतान डॉ. कल्ला ने बताया कि मुख्यमंत्री लोक कलाकार प्रोत्साहन योजना, कोरोना महामारी के चलते राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोक कलाकारों को संरक्षण प्रदान कर उनको प्रोत्साहन करने के उद्देश्य से लागू की गई है। यह योजना कला एवं संस्कृति विभाग की अनुदान योजना के तहत संचालित होगी और इसके तहत चयनित प्रविष्टियों के लिए लोक कलाकारों को निर्धारित दरों पर भुगतान किया जाएगा। योजना के लिए रवीन्द्र मंच, जयपुर को नोडल एजेंसी बनाया गया है।
आधार कार्ड का पता होगा ग्रामीण पृष्ठभूमि का आधार कला साहित्य एवं संस्कृति मंत्री ने बताया कि यह योजना राजस्थान के उन कलाकारों के लिए है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करते हैं तथा अपनी आजीविका के लिए पूर्णरूप से लोक कला के प्रदर्शन पर निर्भर है। इस योजना के लिए कलाकारों के आधार कार्ड में दर्ज पता ग्रामीण क्षेत्र तय करने का आधार होगा। योजना में शामिल होने के पात्र कलाकार राजस्थान की कोई भी प्रदर्शनकारी लोक कला, लोक वाद्ययंत्र वादन, एकल नृत्य, एकल लोक गायन आदि का अपनी प्रविष्टि के रूप में चयन कर सकेंगे। इसमें किसी भी तरह की फिल्मी गीतों अथवा फिल्मी गीतों पर आधारित नृत्य आदि का वीडियों आदि स्वीकार्य नहीं होगा। यह रहेगा लोक कलाकारों का टास्क इस योजना के तहत ग्रामीण लोक कलाकारों को अपनी कला से सम्बंधित प्रस्तुति का 15 से 20 मिनट का वीडियो अपने स्थान पर ही तैयार करके विभाग द्वारा निर्धारित ई.मेल पर अटेचमेंट के रूप में अपलोड कर भिजवाना होगा। लोक कलाकारों द्वारा बनाए जाने वाले वीडियों की कुल अवधि 20 मिनट से अधिक नहीं होनी चाहिए। सोशल डिस्टेंसिंग का रखना होगा पूरा ध्यान सभी लोक कलाकरों को योजना के तहत अपनी प्रस्तुति की रिकॉर्डिंग के समय सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही कोरोना की रोकथाम और बचाव के लिए सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइंस की पूर्ण पालना करनी होगी। इच्छुक लोक कलाकार यथासम्भव ऐसी प्रविष्टियों का चयन करें जिसमें एक से अधिक व्यक्ति उस प्रस्तुति में सम्मिलित ना हों। यह विवरण भी जरूरी योजना में सम्मिलित होने वाले कलाकारों को ई.मेल पर वीडियो भेजते समय पूर्ण विवरण के साथ स्वयं के बैंक खाते का विवरण अंग्रेजी में देना होगा, इसमें बैंक एवं शाखा के नाम के साथ ही आईएफएससी कोड का भी उल्लेख करना होगा। साथ ही आधार कार्ड की फोटो तथा चेक की फोटो, यदि उपलब्ध हो तो भी भेजनी होगी। मोबाइल से की जा सकती है रिकॉर्डिंग योजना में प्रविष्टि के लिए भेजे जाने वाले वीडियो की रिकॉर्डिंग किसी भी मोबाइल कैमरे या किसी भी अच्छे कैमरे से की जा सकती है। वीडियो कम से कम इस स्तर का हो कि लोग उसको देखकर उस प्रस्तुति का आनंद लें सके।
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