नैनीताल स्थित एरीज के वरिष्ठ खगोल वैज्ञानिक डा. बृजेश कुमार ने कहा कि वैज्ञानिकों के लिए प्रत्येक खगोलीय घटना महत्वपूर्ण होती है। जब बात इनसे पृथ्वी पर खतरे को लेकर हो तो यह और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। उन्होंने बताया कि बुधवार को गुजरे क्षुद्रग्रह पर दुनियांभर के वैज्ञानिक नजर बनाये हुए थे। इससे पृथ्वी को किसी तरह का खतरा नहीं होने के बावजूद वैज्ञानिकों ने इसे गंभीरता से लिया है। उन्होंने बताया कि परिक्रमण पथ का अध्ययन कर उल्कापिंड के पुन: पृथ्वी की कक्षा से गुजरने का अनुमान लगाया जा सकता है। वहीं सौरमंडल में सुदूर क्षेत्रों से आने वाले इन पिंडों के अध्ययन से सौर मंडल उत्पत्ति से जुड़े अध्ययनों को काफी मदद मिलेगी। साथ ही भविष्य में इससे उल्कापिंडों के अध्ययन को लेकर योजनाओं को तैयार करने में काफी मदद मिलेगी।
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