
जयपुर. कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए रेलवे द्वारा 3 मई तक सभी यात्री ट्रेनों का संचालन बंद है। ट्रेनें चलाने को लेकर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। उत्तर-पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी अभय शर्मा ने बताया कि यात्रियों से अपील है कि वे रेलसेवाओं के संचालन पर किसी भी प्रकार की अफवाहों या अटकलों पर ध्यान न दें। संचालन से जुड़ी जानकारी रेलवे के अधिकृत वेब पोर्टल या मीडिया के जरिए यात्रियों को दी जाएगी। फिलहाल ट्रेनों में टिकट बुकिंग भी आगामी आदेश तक बंद है। ट्रेनों के संचालन को लेकर कोई निर्णय होने पर ही टिकट बुकिंग शुरू की जाएगी। इसके अलावा रेलवे प्रशासन ने यात्रियों के लिए टिकट के रिफंड नियमों में भी विशेष छूट दी है। रेलयात्रियों को भीड़-भाड़ वाले स्थानों से बचाने और सामाजिक दूरी का ध्यान रखने के उद्देश्य से ये बदलाव किए गए हैं। इसके तहत रेलवे काउंटर से लिए गए टिकटों के लिए विशेष मामले के रूप में रिफंड नियमों में तीन माह की अवधि की छूट दी गई है। हालांकि ऑनलाइन बुक हुए ई-टिकटों को ऑनलाइन रद्द किया जा सकता है और इनका रिफंड यात्री के खाते में स्वतः क्रेडिट हो जाएगा।
काउंटर से लिए टिकट के रिफंड नियमों में यह मिली राहत
रेलवे टिकट रिफंड को लेकर नियमों में बदलाव कर पैसेंजर्स को राहत दी है। नियमों में यह राहत प्रदान की गई है -
यदि रेलवे द्वारा रद्द की गई है ट्रेन : यात्रा की तारीख से 3 महीने तक टिकट जमा करने पर रिफंड लिया जा सकता है। पहले के नियम में यात्रा के दिन को छोड़कर 3 दिनों में रिफंड लेने के नियम को बदला गया है।
यदि ट्रेन रद्द नहीं हुई, लेकिन पैंसेंजर, यात्रा नहीं करना चाहता : टीडीआर यानी टिकट जमा रसीद स्टेशन पर भरकर देनी होगी, इसे यात्रा की तारीख से 3 महीने के भीतर दे सकते हैं। पहले इसमें भी 3 दिनों का नियम था
टीडीआर को 2 माह के भीतर सीसीओ / सीसीएम दावा कार्यालय में प्रस्तुत किया जा सकता है। पहले 10 दिनों में करना होता था। जो यात्री 139 के माध्यम से टिकट रद्द करना चाहते हैं, उन्हें यात्रा की तारीख से 3 महीने के भीतर काउंटर पर रिफंड मिल सकता है।
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